Bihar : मणिपुर में जारी सांप्रदायिक हिंसा, आगजनी के विरोध में एसयूसीआई (सी) ने किया प्रतिवाद विरोध मार्च

मणिपुर सांप्रदायिक हिंसा, आगजनी पूंजीवाद की देन है – अरुण कुमार सिंह
नव राष्ट्र मीडिया
पटना। आज 30 जून 2023 को पटना के बुद्ध स्मृति पार्क पर मणिपुर में सांप्रदायिक हिंसा, आगजनी के खिलाफ एसयूसीआई (सी) ने अखिल भारतीय प्रतिवाद दिवस के मौके पर विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन में लोग नारे लगा रहे थे।
सभा को संबोधित करते हुए एस यू सी आई (सी) के बिहार राज्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा कि आरक्षण के नाम पर कुकी और मैतेई समुदाय को भाजपा की सरकारें आपस में लाड़वा रही हैं। भाजपा के नेता यह हल्ला मचा रहे हैं कि जो चीन आदि जनजातियों के लोग झुंड के झुंड म्यांमार से आए हैं और आएंगे और मणिपुर पर कब्जा जमा लेंगे।
आगे उन्होंने बताया कि 3 मई से मणिपुर के पर्वतीय इलाके के आदिवासी कुकी जनजाति समुदाय और घाटी में रहने वाले लोगों के बीच दंगे भड़क उठे। महीनों बाद भी रोजाना दंगे, आगजनी लूटपाट की खबरें आ रही हैं। सरकारी आंकड़े के मुताबिक 100 से अधिक जाने जा चुकी एवं 50,000 से अधिक लोगों को राहत शिविरों में या अन्य राज्यों में शरण लेने को मजबूर होना पड़ा है। 1000 से ज्यादा घर तबाह हो चुके हैं। शर्मनाक बात यह है कि इतने दिनों बाद भी केंद्र और राज्य सरकारें दंगे, हिंसा को नहीं रोक पाई। 4000 से ज्यादा हथियार लूट लिए गए। इसे रोकने की न तो पुलिस और न ही सेना ने कोशिश की। अगर सरकार चाहे तो क्या सेना इतनी निष्क्रिय हो सकती है?
उन्होंने आगे कहा कि सरहद पर रहने वाले लोगों की “पहचान का संकट” पूंजीवाद की देन है। आजादी आंदोलन के दौरान तथाकथित ऊंची जातियों के भाषाई और जातीय मुद्दों पर अभिजात्यपन, अहंकार ने उसे अलग रखा और आजादी के बाद भी किसी भी सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के समग्र विकास पर ध्यान नहीं दिया।
अंत में उन्होंने कहा कि इन समस्याओं से निजात पाने के लिए, पूरे देश के गरीबों के अधिकारों के लिए एकजुट होना पड़ेगा। साथ ही मणिपुर के लोगों शोषित लोगों की मुक्ति के लिए जरूरी है शोषण के खात्मे के संघर्ष में शामिल करना। अन्य वक्ताओं में पटना जिला सचिव एमके पाठक, राज्य बिहार राज्य कमेटी सदस्य साधना मिश्रा, पटना जोन प्रभारी सूर्यकर जितेंद्र, पटना जिला (ग्रामीण) सचिव अनामिका कुमारी सहित सरोज कुमार सुमन, अर्चना अपराजिता, पवन कुमार, शिमला मौर्या, स्वतंत्र पत्रकार एवं लेखक सामाजिक कार्यकर्ता पुष्पराज आदि शामिल थे।