केंद्र सरकार की किसान और मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ होगा जोरदार संघर्ष

केंद्र सरकार की किसान और मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ होगा जोरदार संघर्ष

सीटू का दो दिवसीय राज्य सम्मेलन शुरु
व्यास जी ने ट्रेड यूनियन के अधिकार पर लगातार हो रहे हमलों के खिलाफ मजदूरों के एकता पर बल दिया

नव राष्ट्र मीडिया
पटना।

भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र (सीटू) बिहार राज्य कमिटी का 14 वां द्वि दिवसीय राज्य सम्मलेन , आज दिनांक 8 जुलाई को का. शिव शंकर सिंह नगर (आई.एम्.ए. हॉल), गाँधी मैदान में दिन के 10 बजे से शुरू हुआ। सीटू का सम्मेलन बिहार राज्य कमिटी के अध्यक्ष दीपक भट्टाचार्य के द्वारा झंडोत्तोलन के साथ आरम्भ हो गया । सम्मलेन में बिहार के 29 यूनियन एवं 38 जिला से 300 प्रतिनिधि भाग ले रहे है।
शहीद बेदी पर सीटू के अखिल भारतीय महासचिव तपन सेन, सीटू अखिल भारतीय सचिव. महिला नेत्री ए.आर.सिन्धु, राज्य पदाधिकारी, राज्य कमिटी सदस्य एवं सभी केन्द्रीय श्रमिक संगठनों के नेतागण और राज्य सम्मलेन के सभी प्रतिनिधि साथियों ने शहीदों को माल्यार्पण उन्हें श्रधांजलि दी गई।
सीटू बिहार राज्य कमिटी के 14 वें सम्मलेन के खुले सत्र का आरम्भ सीटू के राज्य अध्यक्ष का. दीपक भट्टचार्य की अध्यक्षता में हुआ , सम्मलेन का उदघाटन भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र (सीटू) के अखिल भारतीय महासचिव एवं पूर्व सांसद का. तपन सेन ने किया ।
तपन सेन ने अपने उदघाटन संबोधन में कहा कि कोविड -19 के बाद मजदुर वर्ग के समक्ष उत्पन्न चुनौती और इस कठिन दौर में जहाँ मुनाफा के लिए पूंजी और सांप्रदायिक शक्तियों का आपस में गठजोड़ हो रहा है। अधिकतर देशों में फासिस्टवादी शक्तियों को यह गठजोड़ सत्तारूढ़ करवा रही है, अब मजदूर वर्ग की ऐतिहासिक जिम्मेवारी को रेखांकित करती है । मजदुर किसान और जनवादी ताकतों को साझा मोर्चा में जोड़ते हुए कॉर्पोरेट सांप्रदायिक गठबंधन को बेनकाब कर , अपने प्रतिरोध के स्तर को और तीव्र कर जनविरोधी, किसान विरोधी और मजदुर विरोधी निजामो को सत्ता से बेदखल करे । उन्होंने श्रमिक वर्ग का स्वतंत्र और संयुक्त संघर्षों की निरंतरता, उसकी तीव्रता और क्रमशः करोड़ों की संख्या में श्रमिक वर्ग की राष्ट्रिय हड़ताल में भागीदारी को एक महत्वपूर्ण दिशा संकेत बतया । परन्तु उन्होंने श्रमिक वर्ग की इस चट्टानी एकता को शासक वर्ग द्वारा धर्म, जाती में विखंडित करने के प्रति चौकस रहने और उसका प्रतिरोध करने का आह्वान किया ।
उन्होंने बिहार राज्य में क्षेत्र, पेशा और सेवा आधारित मजदूरों के स्वतंत्र आन्दोलन और राष्ट्रिय स्तर के संयुक्त आन्दोलन में उनकी भागीदारी की सराहना की , परन्तु यह भी बताया की राज्य सरकार के श्रमिक एवं जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जिस तीव्र एवं निरंतर संघर्ष की आज जरुरत है , श्रमिक संगठन की आतंरिक अंतर्विरोध खासकर जाती आधारित राजनीती के कारण अपेक्षित स्तर जो मजदुर वर्ग को उनकी दिन प्रतिदिन की समस्या से निजात दिला सकता है , उस स्तर पर पहुँचने में विफल है । आज जरुरत है जात – पात और धर्म की राजनीति से उपर उठकर मजदूर वर्ग के दृष्टिकोण से संघर्ष को लक्ष्य प्राप्ति तक चलाये जाने की ।
खुला सत्र में मुख्य अतिथि बिहार सरकार के पूर्व मुख्य श्रम सचिव श्री व्यास जी ने अपने संबोधन में ट्रेड यूनियन के अधिकार पर लगातार हो रहे हमलों के खिलाफ मजदूरों के एकता पर बल दिया। श्रम सचिव व्यास जी के अलावा किसान सभा के राज्य महासचिव विनोद कुमार,एवं नेता ललन चौधरी, बिहार प्रांतीय खेतिहर मजदुर यूनियन के राज्य महासचिव भोला प्रसाद दिवाकर , सीटू के महासचिव का. गणेश शंकर सिंह, अध्यक्ष दीपक भट्टाचार्य, राज कुमार झा, अनुपम कुमार इंटक के अध्यक्ष श्री चन्द्र प्रकाश सिंह , महामंत्री श्री अखिलेश पांडेय, एटक के अध्यक्ष का. गजनफ़र नवाब, महासचिव का. अजय कुमार, एक्टू के महासचिव का. आर.एन. ठाकुर, का. रणविजय,एआईयुटीयुसी के का. सूर्यकर, युटीयुसी के का. बिरेन्द्र ने संबोधित किया l
*सीटू की राष्ट्रीय सचिव का. ए. आर. सिन्धु* ने सम्मलेन के प्रतिनिधि सत्र का उदघाटन किया l
दो दिवसीय सम्मलेन के प्रतिनिधि सत्र में अंतराष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं राज्य के आर्थिक, सामाजिक मुद्दों पर चर्चा होगी और कोरोना काल के पश्चात श्रमिकों के समक्ष उत्पन्न चुनौती पर गहन विचार किया जायेगा । केंद्र एवं राज्य सरकार की श्रमिक – किसान एवं जन विरोधी नीतियों के खिलाफ आन्दोलन का निर्णय लिया जायेगा l राज्य में असहनिय मंहगाई, बढती बेरोजगारी, श्रम विवादों के प्रति अधिकारीयों की उदासीनता , श्रम संगठनों के निबंधन में सरकार द्वारा रोक सहित अन्य मांगो के उपर चर्चा कर आन्दोलन की रूपरेखा तय की जाएगी ।
बिहार राज्य के असंगठित , योजना कर्मी, दिहाड़ी मजदूरों सहित सभी श्रमिक वर्ग का एक संयुक्त चार्टर और उसके लिए अनवरत आन्दोलन की घोषणा की जाएगी l
आज के प्रतिनिधि सत्र में राज्य महासचिव एवं कोषाध्यक्ष का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जायेगा । दोनों प्रतिवेदन पर प्रतिनिधि बहस चर्चा करेंगे । कल प्रतिनिधियों के बहस का राज्य महामंत्री एवं कोषाध्यक्ष द्वारा जवाब दिया जायेगा । कल के सत्र में कुछ महत्वपूर्ण प्रस्ताव प्रस्तुति व स्वीकृति के साथ श्रमिकों का चार्टर की घोषणा की जाएगी ।
कल नए राज्य कमिटी के चुनाव और अन्य कार्यसूची को संपन्न किया जायेगा । सम्मेलन कल तक चलेगा!

vishwapati

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