Kishanganj:जिले के ऐतिहासिक दुर्गा मंदिरों में शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन चन्द्रघंटा माता की पूजन संपन्न

Kishanganj:जिले के ऐतिहासिक दुर्गा मंदिरों में शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन चन्द्रघंटा माता की पूजन संपन्न

सुबोध,
किशनगंज 17अक्टूबर । बिहार के सीमावर्ती जिला किशनगज नगर क्षेत्र के चौंतीस वार्डों में अगल-अलग स्थान पर 30 से 35 विभिन्न दुर्गा मंदिरों में हर साल की तरह इस बार भी दुर्गा पूजा धुमधाम से मनाया जा रहा है। शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन मंगलवार को शहर के प्रसिद्ध ऐतिहासिक मंदिरों में प्रमुख उतरपाली दुर्गा मंदिर,बड़ी कोठी दुर्गा मंदिर, शिव शक्ति धाम दुर्गा मंदिर लोहारपट्टी, मनोरंजन क्लब दुर्गा पूजा पंडाल, श्री विष्णु राधाकृष्ण हनुमान मंदिर, लक्ष्मीनारायण मंदिर, धर्मशाला रोड भगवती गोला शीतला मंदिर दुर्गा मंदिर, खगड़ा देव घाट दुर्गा मंदिर, माछमारा दुर्गा पूजा पंडाल, मोतिबाग काली मंदिर दुर्गा स्थान, ढेकसरा काली मंदिर दुर्गा स्थान, , माधवनगर दुर्गा मंदिर आदि मंदिरों में चन्द्रघंटा माता की विधिवत् पूजन हो रही है।इन मंदिरों का इतिहास 50वर्षो से अधिक एवं सैकड़ों साल पुरानी होने की मान्यता है और इन मंदिरों में प्रथम नवरात्र से ही क्लश स्थापन एवं प्रतिमा स्थापित कर पूजन जारी है।
लेकिन शहर के उतरपाली दुर्गा मंदिर का इतिहास 50 से अधिक वर्षों का है।इस दुर्गा मंदिर में प्रथम शारदीय नवरात्र से ही क्लश स्थापन के साथ मंदिर में स्थापित स्थायी शंखमरमर की प्रतिमा की विधिवत् पूजा हो रही है । यहां प्रतिमा का विसर्जन नहीं किया जाता है। बाकि अन्य जगहों पर क्लश स्थापन एवं नूतन प्रतिमा स्थापित कर पूजन एवं दसवीं के दिन विधिवत् विसर्जन कर दिया जाता है।
इस मंदिर के पुजारी जगरनाथ झा बताते हैं कि इस मंदिर का इतिहास 50वर्षो से अधिक है। लेकिन मंदिर का पुनर्जिर्णोधार सन 1995 में हुआ और इस मंदिर में आस्था रखने वाले श्रद्धालुओं के सहयोग से धीरे-धीरे मंदिर का विकाश लगातार हो रहा है। जिले में पदस्थ कोई भी नए जिलाधिकारी या जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी हो एक बार इस मातारानी के दरबार में मत्था टेकने जरूर आते हैं।
उन्होंने कहा कि इस मंदिर के प्रति लोगों की आस्था दूर-दूर तक फैली हुई है। यहां माता रानी के मंदिर में जिसने भी अपनी सच्ची श्रद्धा से कुछ भी चाहा है उसका पूरा जरूर हुआ है। इसलिए यहां के लोगों में मातारानी के प्रति आस्था बढ़ता ही जा रहा है यहां आरती -पूजा के समय सुबह -शाम अप्रत्याशित श्रद्धालु आते हैं‌ और आरती संपन्न होने तक माता के दरबार में बने रहते हैं।
यहा चैत्र नवरात्र एवं शारदीय नवरात्र दोनों ही अवसर पर विधिवत् पूजा संपन्न होती है। साल के दोनों ही नवरात्रों में स्थानीय युवाओं की टीम के द्वारा पूजन व्यवस्था को सफल बनाने में दिन-रात योगदान देते हैं।यहा पूजन व्यवस्था को सफल बनाने में सक्रिय युवा में प्रमुख मुकेश कुमार राय, नारायण कामती,ललित राय,राजा राम, गौतम मंडल,रिशव झा,रवि यादव, गौतम कुमार,संजीव कुमार एवं अभिजीत आदि शामिल हैं।

subodh kumar saha

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