अरवल:- एक तरफ राज्य सरकार शिक्षा ब्यवस्था को सुदृढ़ करने की बात करती है तो दूसरी तरफ उन्हीं के पदाधिकारी जिला में आवंटन आने के बाद भी शिक्षकों के प्रति उदासीन रवैया अपनाए हुए हैं शिक्षक वेतन नही मिलने के कारण भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं उक्त बातें शिक्षक नेता अनिल कुमार राय ने कही साथ हीं उन्होंने कहा कि शिक्षकों को निमित्त वेतन नहीं मिलने से हमेशा कठिनाई का सामना करना पड़ता है। त्यौहार में भी शिक्षकों का वेतन के लिए लाले लगे रहते हैं। राज्य द्वारा एलॉटमेंट आने के बाद भी समय से शिक्षकों का वेतन भुगतान नहीं हो पाता है। जिले के पदाधिकारी और किरानी के लापरवाही के कारण त्योहार के मौके पर भी शिक्षकों को वेतन नहीं मिल पाता है। जिसके कारण हम शिक्षकों को मकर संक्रांति के अवसर पर उधार (भीख )मांगने पर मजबूर होना पड़ रहा है। कोई भी किरानी या वेतन बनाने वाले लोग शिक्षक के वेतन के प्रति सजग नहीं रहते हैं ।महीनों से एडवाइस जिला में पड़ा हुआ रहता है। फिर भी समय से एडवाइस नहीं बन पाता है। जिसके कारण राशि रहते हुए भी समय पर शिक्षकों का वेतन नहीं मिल पाता है। इस मकर संक्रांति के अवसर पर हम लोग पदाधिकारी के समक्ष वेतन के लिए भीख मांगने के लिए मजबूर हो रहे हैं। क्योंकि त्योहार के पहले कार्यालय में मिलकर वेतन डालने के लिए आग्रह कर चुकेहै। फिर भी हम लोगों को आज मकर संक्रांति के अवसर पर वेतन शिक्षकों को नहीं मिल पाया है ।कार्यालय का जब अपना काम होता है तो रात में भी बैठकर और छुट्टी के दिन भी काम करते हैं, लेकिन शिक्षक के वेतन के लिए बैंक में भी जाकर कहने में कठिनाई होता है।सभी जगह गुहार लगने के बाद मकरसंक्रांति के दिन शिक्षक नेता शैलेन्द्र कुमार,कुमार अमरेंद्र प्रसाद, अनिल कुमार राय ने कार्यालय जहॉ कोई भी पदाधिकारी उपस्थित नहीं थे। उपस्थित कार्यालय कर्मी से वेतन संबंधित मामला को हल करने की मांग करते हुए कहा की आप लोग के लापरवाही के चलते हम लोग भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं। भीख मांगने पर भी मजबूर होना पड़ा है।
शिक्षक के साथ ही उधार देने वाले दुकानदार भी निराश
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शिक्षक तो क्या दुकानदार भी आस लगाए रहते हैं, शिक्षकों का वेतन का । क्योंकि हम जैसे कई शिक्षक का प्रत्येक महीना वेतन नहीं मिलने के कारण आवश्यक सामग्रियों का खरीदारी दुकानदारों से उधारी करना पड़ता है ।जब शिक्षक का वेतन आता है, तो दुकानदारों का उधार चुकाया जाता है। मकर संक्रांति के अवसर पर शिक्षकों का वेतन मिलेगा और हमारा भी उधार का वसूल हो जाएगा ,लेकिन मकर संक्रांति के त्योहार पर भी शिक्षकों का वेतन खाते में नहीं जाने के कारण शिक्षक के साथ दुकानदार भी निराश हो गए हैं।