पटना । महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए पोस्टल बैलट में हेरा-फेरी का आरोप लगाया है । गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए तेजस्वी ने कहा था कि पोस्टल बैलेट में हेरा-फेरी कर हमें हराया गया और चोर दरवाजे एवं छल-कपट से सरकार बनाने की कोशिश की जा रही है ।.

उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके गठबंधन की 130 सीटों पर जीत हुई थी, लेकिन उन्हें साजिश के तहत हराया गया. । इसके बाद बिहार निर्वाचन आयोग ने महागठबंधन की ओर से रिकाउंटिंग कराने की मांग को खारिज करते हुए बहुमत पर एनडीए को क्लीन चिट दे दिया है ।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एचआर श्रीनिवासन ने कहा है कि निर्वाचन आयोग ने राज्यपाल को निर्वाचित सदस्यों की सूची सौंप दी है.। चुनाव में धांधली के विपक्ष के आरोपों पर उन्होंने कहा कि 11 ऐसे विधानसभा सीट हैं जिसमें जीत का मार्जिन 1 हजार से कम था. उनमें से शिकायत के बाद सिर्फ हिलसा में दोबारा से मतों की गिनती की गई । बाकी जगहों पर पोस्टल बैलेट के आधार पर सही करार दिया गया और रिकाउंटिंग नहीं हुई ।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि इन सीटों में चार पर जदयू, तीन पर राजद, एक पर लोजपा, एक पर बीजेपी, एक पर सीपीआई व एक पर निर्दलीय प्रत्याशी की जीत हुई है । इस प्रकार इनमें सभी प्रमुख दल शामिल हैं. इनमें एकमात्र हिलसा में 12 वोटों के अंतर से हार-जीत हुई, जहां प्रत्याशी की मांग पर पुनर्मतगणना कराई गई. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के निर्देशानुसार वोटों का अंतर रद्द किए गए पोस्टल बैलेट से कम होने पर ही रद्द किए गए पोस्टल बैलेट की पुनर्मतगणना कराने का प्रावधान है. हिलसा में रद्द किए गए वोटों से वोटों का अंतर कम होने के कारण निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा सभी पोस्टल बैलेट की पुनर्मतगणना कराई गई और इसके बाद भी नतीजा वही आया ।
श्रीनिवासन ने बताया कि 11 में छह विधानसभा क्षेत्रों में पुनर्मतगणना की मांग की गई थी. इनमें हिलसा को छोड़कर अन्य पांच निर्वाचन क्षेत्रों- रामगढ़, मटिहानी, भोरे, डेहरी एवं परबत्ता में रद्द किए गए पोस्टल वोट से जीत-हार के वोटों का अंतर अधिक होने के कारण पुनर्मतगणना की मांग को निर्वाची पदाधिकारी द्वारा अस्वीकृत कर दिया गया । गोपालगंज के जेडीयू सांसद आलोक कुमार सुमन को भी निर्वाचन आयोग ने क्लीन चिट देते हुए कहा कि जांच कराई गई, जिसमें पाया गया कि काउंटिंग सेंटर पर प्रवेश का आरोप गलत है । शिकायतकर्ता से निर्वाचन आयोग ने अपील की है कि अगर जरूरत हो तो उन्हें आयोग वीडियोग्राफी और डॉक्यूमेंट्स मुहैया कराने को तैयार है. निर्वाची पदाधिकारी द्वारा आरोपों को तथ्यहीन एवं अतार्किक करार दिया है ।

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