शाहाबाद ब्यूरो
आरा । भोजपुर जिले के कोइलवर थाना क्षेत्र के पंचरुखिया के निकट कमालुचक दियारा इलाके में सोन नदी के तट पर बालू के अवैध खेल में शुक्रवार को हुए गैंगवार में मारे गए दो लोगो की हत्या के बाद पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है और अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार कर कड़ाई से पूछ ताछ की जा रही है।
भोजपुर के कमालुचक दियारा में हुए गैंगवार के बाद बालू माफियाओं के दो गिरोह सत्येंद्र पाण्डेय और विदेशी राय गिरोह फिलहाल पुलिस की राडार पर आ गया है।
दोनों गिरोह के चिन्हित सदस्यों की संपति जब्त करने की तैयारी भोजपुर पुलिस ने कर दी है।
पुलिस अधीक्षक विनय तिवारी ने कहा है कि करीब आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लेकर पूछ ताछ की जा रही है और इस कांड में संलिप्त अपराधियो की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है।
सोन के सुनहरे रेत से रातों रात फर्श से अर्श पर पहुंचने का सपना देख रहे कई लोगो ने छोटी छोटी पूंजी लगाकर बालू के धंधे में उतरने का फैसला किया था और खनन एजेंसी इनफिनिटी माइनिंग एलएलपी पार्टनर कम्पनी द्वारा ठेके पर लिए गए बालू घाट पर पूजा के दौरान हुए गैंगवार के समय ऐसे लोग शामिल हुए थे।
दो गुटों के बीच हुए गैंगवार के समय फायरिंग में एक मणपुरम गोल्ड कम्पनी के सहायक मैनेजर की भी हत्या हुई थी।
चर्चा है कि सहायक मैनेजर भी पूंजी लगाकर खनन कम्पनी के साथ बालू के कारोबार में उतरना चाहता था कि इसी बीच बालू घाट के पूजा के ऐन मौके पर गैंगवार में उसकी हत्या हो गई।
भोजपुर पुलिस स्थानीय कोइलवर थाना को साथ लेकर बालू घाट पर हुए गैंगवार को अंजाम देने वालो की पहचान कर गिरफ्तारी की कार्रवाई में जुट गई है।
करीब पांच दर्जन लोगों के इस घटना में शामिल होने की बात सामने आ रही है।
इस बीच बालू घाट पर कमालुचक दियारा में दो गुटों के बीच गैंगवार में मारे गए बालू कम्पनी के मुंशी और पटना जिले के नौबतपुर सिंगोड़ी थाना क्षेत्र के पसौढा गांव निवासी संजीत कुमार के परिजनों द्वारा कोइलवर थाना क्षेत्र में 25 नामजद और 30 से 35 अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई गई है।
मृतक संजीत कुमार के परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआई में कोइलवर थाना क्षेत्र के 20,बड़हरा थाना क्षेत्र के 4 और जगदीशपुर थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति को नामजद अभियुक्त बनाया गया है।
मृतक संजीत कुमार के परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई नामजद एफआईआर के बाद पुलिस इस दोहरे हत्या कांड की निष्पक्ष जांच में जुट गई है।
कोइलवर थाना क्षेत्र के कमालुचक दियारा इलाके में हुए गैंगवार और गैंगवार में हुए दो लोगो की हत्या को लेकर खनन एजेंसी इनफिनिटी माइनिंग एलएलपी पार्टनर कम्पनी के मारे गए मुंशी संजीत कुमार के परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई नामजद एफआईआर पुलिस की जांच को डायवर्ट कर सकता है और सम्भव है कि शुक्रवार को कमालुचक दियारा इलाके में हुए गैंगवार के असली दोषी पुलिस की जांच के केंद्र में नही आ सके।
ऐसा सूत्र बता रहे हैं और सूत्रों का साफ कहना है कि गैंगवार में मारे गए मुंशी संजीत कुमार के परिजनों को बालू घाटों पर वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे और सोन के तटीय इलाकों में फायरिंग की घटनाओं को समय समय पर अंजाम देने वाले गिरोहों ने पूरी तरह अपने भ्रमजाल में ले लिया है और बालू माफियाओं का यह गिरोह चुन चुन कर अपने विरोधियों और विरोधियों के परिवार के सदस्यों का एफआईआर में नाम दर्ज करवा दिया है।
बालू घाट पर हुए गैंगवार और इसमें दो लोगो की हत्या में नामजद बनाये गए लोगो मे कुछ घटना में शामिल है तो कुछ का नाम एफआईआर में अपनी दुश्मनी साधने और इस हत्याकांड में फंसा कर कैरियर बर्बाद कर देने की साजिश के तहत दर्ज करवा दिया गया है।
सूत्र यह भी बताते हैं कि घटना में मारे गए मुंशी के परिजनो ने बालू माफियाओं के द्वारा दी गई नामो की सूची के आधार पर ही नामजद एफआईआर दर्ज कराई है जिसकी सत्यता पर अब लोग सवाल खड़े कर रहे हैं।
पुलिस प्रशासन को निष्पक्षता से जांच करनी होगी तब ही असली और नकली अभियुक्तों की पहचान हो सकती है।
कोइलवर इलाके के कमालुचक दियारा में हुए गैंगवार में मारे गए लोगो मे शामिल कम्पनी के मुंशी के परिजनों द्वारा बालू माफियाओं के संपर्क में आकर अभियुक्त बनाने के लिए एफआइआर में दर्ज कराने वाले नामो की सूची एकत्रित करने की बात तब इलाके में चर्चा में आ गई जब बड़हरा थाना क्षेत्र के फरना गांव निवासी अभिमन्यु सिंह का इस एफआईआर में नाम सामने आया।
अभिमन्यु सिंह के संबंध में विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि इनका कमालुचक दियारा में हुए गैंगवार और गैंगवार में मारे गए दो लोगो की हत्या की घटना से दूर दूर तक कोई संबंध नही है।
अभिमन्यु सिंह की मां हाल ही में फरना पंचायत से ग्राम पंचायत की मूखिया निर्वाचित हुई हैं और वे अपनी मां के साथ पंचायत के उत्तरोत्तर विकास को लेकर गांव और पंचायत में सक्रिय हैं।
गैंगवार की घटना से एक दिन पूर्व वे पंचायत के विकास कार्यो को लेकर प्रखण्ड मुख्यालय बड़हरा में मौजूद थे तो गैंगवार की घटना के दिन पारिवारिक और घरेलू कार्यो से आरा आये हुए थे।
फरना में उनके नवनिर्मित घर का आगामी 5 फरवरी को गृह प्रवेश होने वाला है और इसकी तैयारी में वे जुटे हुए हैं कि इसी बीच उनके पिता स्व.शंकर सिंह फौजी के विरोधियों ने इस कांड में उनका नाम शामिल करा दिया है।
स्व.शंकर सिंह फौजी का बालू घाटो और दियारे में दबदबे की बात कही जाती है और इसी कड़ी में उनकी हत्या उनके विरोधियों ने कर दी थी।
हत्या के बाद स्व. फौजी के पुत्रों और परिजनों को लगातार किसी न किसी कांड की एफआईआर में नाम दर्ज करवाने की साजिश में उनके विरोधी लगे रहते हैं।
इस कांड में अभिमन्यु सिंह का नाम दर्ज कराए जाने के बाद मृतक मुंशी के परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर की सत्यता पर भी सवाल खड़ा होने लगा है और मृतक के परिजनों की एफआईआर की निष्पक्ष जांच भी अब जरूरी हो गई है।
नामजद बनाये गए अभिमन्यु के गैंगवार के एक दिन पूर्व प्रखण्ड मुख्यालय में होने और गैंगवार के दिन आरा में मौजूद होने की कई जगह सीसीटीवी कैमरे में तस्वीरे भी मौजूद होंगी जिसकी जांच के बाद एफआईआर की असलियत का पता पुलिस लगा सकती है।
सूत्रों के अनुसार अभिमन्यु सिंह की तरह कई और नाम भी इस नामजद एफआईआई में हो सकते हैं जिनका इस गैंगवार और दोहरे हत्याकांड से दूर दूर तक सम्बंध नही रहा हो।
फिलहाल भोजपुर पुलिस इस घटना की निष्पक्ष जांच में जुटी हुई है और घटना में शामिल एक एक अपराधियों की संलिप्तता के सबूत इकट्ठा कर जेल भेजने की कार्रवाई को आगे बढ़ा रही है।
