धनबाद ब्यूरो
चिरकुंडा-(धनबाद) : निरसा थाना क्षेत्र के बरईगढ़ा से सोनवाद जाने के रास्ते में स्थित चापापुर वन कोलियरी के बंद खदान के में अवैध खनन के दौरान भू धसान एवं तीन लोगों के जमींदोज होने की आशंका है ।आसपास के ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है। स्थानीय लोगों के अनुसार अवैध उत्खनन में एक से दो व्यक्ति के दबे होने की भी सूचना है। अवैध उत्खनन स्थान के धसान की चपेट में सोनवाद जाने का बीच रास्ता का भी हिस्सा धंस गया है तथा कई स्थानों पर दरारें पड़ गई है। घटना संध्या में होने की वजह से ज्यादातर लोगों को इसकी जानकारी नहीं थी। सुबह होते ही गांव के दर्जनों ग्रामीण मौके पर पहुंचे। सभी के चेहरे पर भय साफ झलक रहा था।
जानकार सूत्रों के अनुसार चापापुर वन कोलियरी कई वर्ष पूर्व ही बंद हो चुका है। बंद खदान के बगल में जंगल एवं झाड़ियों के बीच कई कोयला तस्कर अवैध मुहाना बना कर कोयले का खनन करते हैं। निरसा एवं गोविंदपुर थाना क्षेत्र के आज सीमावर्ती इलाका होने का फायदा कोयला चोर उठा रहे हैं। गोविंदपुर थाना क्षेत्र के कोयला चोर मुक्ता स्थान पर आकर कोयले की कटाई करते हैं तथा गोविंदपुर थाना क्षेत्र में स्थित भट्ठे में खपा देते हैं। अवैध उत्खनन क्षेत्र निरसा थाना के अंदर पड़ता है। वही भट्ठा गोविंदपुर थाना क्षेत्र में पड़ता है इसका कोयला चोर आसानी से फायदा उठाते हैं। उक्त स्थान पर कोयला चोरों द्वारा दर्जनों अवैध उत्खनन स्थल बना कर धड़ल्ले से कोयला चोरी किया जाता है। स्थानीय लोगों के अनुसार प्रतिदिन की भांति कोयला चोर उक्त मुहाने में घुसकर कोयला कटाई कर रहे थे। संध्या में अचानक तेज आवाज के साथ लगभग 40 से 50 फीट के दायरे में अवैध खनन स्थल जमीन दोज हो गया। अवैध खनन के जमीन दोष होने के दौरान ऊपर में बड़े-बड़े पेड़ भी अपने स्थान से खिसककर काफी नीचे जा चुके हैं। अचानक तेज आवाज के साथ भूधसान होने के कारण खदान के अंदर काम कर रहे मजदूर आनन-फानन में बाहर निकले। कई मजदूरों को हल्की चोटें भी आई हैं। वही तीन लोगों के दबे होने की बातें कही जा रही है हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पा रही। अवैध खनन स्थल के मुहाने पर बोतल चप्पल एवं मफलर गमछा आदि मिलने से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि कोयला कटाई करने वाले मजदूर खदान के अंदर उतरे थे। कोयला कटाई के दौरान ही अवैध खदान जमीन दोज हो गया। भू-धंसान होने के कारण खदान के अंदर काम कर रहे ज्यादातर मजदूर तो बाहर निकलने में सफल रहे। परंतु सूत्रों के अनुसार 2 से 3 मजदूर खदान के ही फंस गए। हालांकि कोयला तस्करों द्वारा खदान में फंसे मजदूरों को भी निकालना का प्रयास जारी है।