बंगाल ब्यूरो
कोलकाता । पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले राजधानी कोलकाता में रोड शो कर रही भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेताओं पर हमले हुए हैं। बुधवार को परिवर्तन यात्रा के सिलसिले में राजधानी कोलकाता में शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में रोड शो निकाला गया था जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय, सांसद अर्जुन सिंह जैसे दिग्गज नेता हाजिर हुए थे। सियालदह मोड़ पर जैसे ही रैली पहुंची, आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस के लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। भाजपा के रोड शो में घुसकर तृणमूल कार्यकर्ताओं ने अपना पताका लगा दिया। अर्जुन सिंह और शुभेंदु अधिकारी पर जूते और झाड़ू फेंके गए। इसमें हाल ही में ममता का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री राजीव बनर्जी भी शामिल थे। उन पर भी हमले किए गए। सेंट्रल सिक्योरिटी में चल रहे शुबेंदु अधिकारी की गाड़ी पर भी हमले किए गए और तोड़फोड़ की गई है। बाद में भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी पलटवार करना शुरू कर दिया था जिसके कारण पूरा क्षेत्र रणक्षेत्र बन गया था। स्थानीय लोग डर के मारे अपने अपने घरों के दरवाजे और खिड़कियां बंद करने लगे थे जबकि दोनों ही पार्टियों के समर्थकों ने एक दूसरे पर पथराव और लाठी-डंडे चलाना शुरू कर दिया था। हालात को संभालने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस की टीम को बुलानी पड़ी लेकिन आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने भाजपा कार्यकर्ताओं को ही चुन चुन कर मारा पीटा और खदेड़ा। हालांकि पुलिस के इस बर्ताव के बाद भाजपा कार्यकर्ता और अधिक उग्र हो गए थे और हालात बेकाबू होने लगा था। बाद में कानून व्यवस्था पुनर्बहाल करने के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती करनी पड़ी। मूल रूप से अम्हर्स्ट स्ट्रीट और एमजी रोड के संजोग स्थल पर सड़क के दोनों और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता हाथों में लाठी डंडे और ईंट-पत्थर लेकर खड़े थे जिन्होंने कथित तौर पर हमला किया। दावा है कि नवदीप से शुरू हुई भारतीय जनता पार्टी की परिवर्तन यात्रा जैसे हीं यहां पहुंची, इस पर हमले शुरू हो गए। इसके बाद दोनों ही पार्टियों के समर्थकों में टकराव हुआ है। अधिकारी ने कहा कि पुलिस अधिकारी अच्छे थाने में पोस्टिंग के लिए सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ता के तौर पर काम कर रहे हैं। 10 हजार लोगों के सामने 30-35 पुलिस वाले खड़े थे। कैसे हालात संभाल पाते? नए पुलिस कमिश्नर को इस बारे में देखना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि इस घटना की शिकायत चुनाव आयोग से करेंगे ताकि जल्द से जल्द चुनाव की घोषणा कर राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य के अन्य हिस्सों में केंद्रीय बलों के जवान रूट मार्च कर रहे हैं। जरूरी है कि कोलकाता में भी इनका रूट मार्च शुरू हो।