बंगाल ब्यूरो

कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने रविवार को राज्य की सीएम ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी पर तीखा प्रहार किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि कोरोनावायरस कब जाएगा यह तो नहीं पता है लेकिन मई महीने की 20 तारीख के बाद तृणमूल वायरस को चले जाना है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने बंगाल में परिवर्तन का दावा किया था लेकिन सच्चाई यह है कि बंगाल में केवल सीएम के भतीजे और भाइयों का परिवर्तन हुआ है। पूरे राज्य की बदहाली जस की तस है।

ममता बनर्जी की सरकार पर राज्य के जंगलमहल क्षेत्रों में उग्रवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि माकपा के शासनकाल में जिन लोगों ने बंगाल को अशांत किया था उन्हें जेल से लाकर एक बार फिर तृणमूल कांग्रेस इलाके में अशांति फैला रही है ताकि लोग डरें और माहौल हिंसक बने। उन्होंने कहा कि इसका कोई लाभ होने वाला नहीं है। जून महीने के बाद कहीं भी तृणमूल कांग्रेस का झंडा दिखाई नहीं देगा।
घोष ने कहा कि तृणमूल वायरस ने बंगाल का बहुत नुकसान किया है। रविवार को दिलीप घोष ने झाड़ग्राम में शुभेंदु अधिकारी के साथ सभा को संबोधित किया। घोष ने कहा कि ममता बनर्जी कहती हैं कि जंगलमहल हंस रहा है लेकिन हमें वह हंसी नहीं दिखाई दे रही। जंगलमहल से युवक युवती यहां से दूसरे राज्यों में काम के लिए जाते हैं। आज जंगलमहल के भूमिपुत्र परिवर्तन करने आए हैं।

एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी की बंगाल में एंट्री और चुनाव लड़ने की घोषणा पर भी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने रुख स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि इससे बंगाल में भाजपा को कोई नफा नुकसान होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस को चिंता करनी चाहिए। सच्चाई यह है कि पश्चिम बंगाल में मुस्लिम वोट को ममता बनर्जी की पार्टी अपनी जमींदारी समझती हैं। मुख्यमंत्री कहती हैं कि मुसलमानों के लिए बहुत काम की हूं। अगर उन्होंने सच में काम किया है तो निश्चित तौर पर मुसलमान ममता के साथ होंगे। लेकिन अगर मुसलमानों का विकास नहीं हुआ है तो उसके लिए कांग्रेस, माकपा और तृणमूल जिम्मेवार है। राज्य में मुस्लिम पार्टी को आने के लिए ये तीनों पार्टियां ही जिम्मेवार हैं।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *