सरकार की स्थिरता को लेकर भाजपा ने दी सुशील कुमार मोदी की कुर्बानी
विधानसभा अध्यक्ष पद पर भाजपा बैठा सकता है अपना नेता
विजय शंकर
पटना । बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार जहां सातवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे हैं वहीँ उनके साथ उपमुख्यमंत्री की भूमिका निभाने वाले सुशील कुमार मोदी शायद अपनी भूमिका में नहीं रहेंगे । हालांकि नीतीश कुमार और सुशील कुमार मोदी के बीच बहुत अच्छा ट्यूनिंग पूरे कार्यकाल में रहा है लेकिन इस बार के मिले चुनाव में जनादेश में नीतीश कुमार को भी चेहरा बदलने पर विवश कर दिया है । सरकार की स्थिरता को लेकर भाजपा ने दी सुशील कुमार मोदी की कुर्बानी दी है । समझा जा रहा है उत्तर प्रदेश की तर्ज पर बिहार में दो उप मुख्यमंत्री का चेहरा सरकार में शामिल किया जाए ताकि सरकार को स्थायित्व मिल सके । सदन में विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी अभी तक अनामित है जिसपर भाजपा चयन कर सकती है जिसमें सुशील कुमार मोदी का नाम छुआ जाता है तो आश्चर्य नहीं होगा ।
हाल के चुनाव में बिहार की जनता ने एनडीए को जो जनादेश दिया है उसमें अस्थिरता का मैंडेट है और सरकार को 5 साल चलाने के लिए स्थिरता जरूरी है । इसी सोच को लेकर दो उपमुख्यमंत्री के चेहरे लेन कि तैयारी है । एनडीए गठबंधन के साथी दलों हिन्दुस्तानी आवाम मोर्च (हम ) और वीआईपी पार्टी को अगर रोका जाये तो एनडीए गठबंधन पूरी तरह से मजबूती से बना रहेगा , नहीं तो गठबंधन की डोर कभी भी टूट सकती हैं । इस टूट के लिए महागठबंधन पलकें बिछाए बैठा है और इस दोनों दलों पर डोरे डाल रहा है । महागठबंधन की ओर से वीआईपी के मुकेश साहनी को उप मुख्यमंत्री तक का आफर दे दिया है । ऐसे में मुकेश साहनी को रोकने के लिए उप मुख्यमंत्री का पद मुकेश सहनी को भी दिया जा सकता है । पर भाजपा के पास जदयू से ज्यादा सीटें हैं इसलिए एक उप मुख्यमंत्री भाजपा का अवश्य होगा । उप मुख्यमंत्री पद के लिए सुशील कुमार का नाम कटने के बाद भाजपा के सामने पहला विकल्प विधायक दल के नेता चुने गए तारकिशोर प्रसाद का आम आता है जबकि दूसरा नाम उप नेता रेणु देवी का भी आ रहा है । भाजपा उप मुख्यमत्री का पद देने के लिए और कई विकल्प के नाम पर विचार कर रही है । महिलाओं ने बढचढ कर वोट किया है इसलिए महिला को उप मुख्यमत्री बनाया जा सकता है । लेकिन सरकार बचाने व स्थिरता के लिए हम के नेता व पूर्व मुख्यमत्री जीतनराम मांझी को भी बनाया जा सकता है । भाजपा के लिए दुविधा व असमंजस है कि वह भाजपा का उप मुख्यमत्री रखे या फिर स्थिरता के लिए हम को दे । उप मुख्यमंत्री के पद पर अगर सुशील मोदी नहीं बैठते तो फिर नित्यानंद राय, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल या फिर विधायक दल के नेता चुने गए तारकिशोर प्रसाद हो सकते हैं । अनुभवी सीएम बनकर दिखाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के चेहरे पर असमंजस है क्योकि इनका जुडाव जदयू से रहा है भाजपा से नहीं , और जदयू से मुख्यमंत्री बनाए जा रहे हैं ।
इस बात की भी खबर पक्की है कि सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी राजद के नेता तेजस्वी यादव लगातार बिहार में अपनी सरकार बनाने की कवायद में जुटे हुए हैं । पैसे और पद दोनों के ऑफर सरकार को अस्थिर करने के लिए दिए जा रहे हैं । तेजस्वी के पीछे न सिर्फ राजद है बल्कि कॉन्ग्रेस और एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी भी नेपथ्य में हैं , क्योंकि उनके पास पहली बार बिहार के 5 विधायक चुनकर आए है । इसलिए तेजस्वी वीआईपी के मुकेश साहनी और निर्दलीय विधायकों को अपने पक्ष में लेने के लिए तरह-तरह के लाभ देने की बात कर रहे हैं ।
इधर चर्चाओं के बीच सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है , यह संकेत दिया है कि उनकी पार्टी ने 40 साल के अंदर उन्हें बहुत कुछ दिया है । अब जो भी जिम्मेदारी देगी उसे वह संभालने को तैयार हैं । उन्होंने ट्वीट में यह भी कहा है कि कार्यकर्त्ता के पद से उन्हें कोई नहीं पार्टी से अलग कर सकता है । यही सन्देश उप मुख्यमंत्री पद सुशील मोदी से छिन जाए के सकेत दे रहे हैं ।
सूत्रों से जानकारी के अनुसार मुख्यमत्री नीतीश कुमार के साथ में कल 4.30 बजे करीब 25 विधायक भी मत्रीपद कि शपथ ले सकते हैं मगर उनके आमों का खुलासा अबतक नहीं हो पाया है । सुशील कुमार मोदी की नीतीश कुमार के साथ अच्छी ट्यूनिंग रही है , ऐसे में उप मुख्यमंत्री से हटने के बाद कौन सी जिम्मेदारी दी जाएगी इसपर सबकी निगाहें टिकी हैं ।