नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो
योगापट्टी (पश्चिम चंपारण) । जन सुराज पदयात्रा के दौरान पश्चिम चंपारण के योगापट्टी प्रखंड के भवानीपुर पंचायत में प्रशांत किशोर ने जनसभा को संबोधित करते हुए बिहार सरकार की आलोचना की और कहा कि केंद्र सरकार से मनरेगा के पुरे रूपये नहीं लेती और उलटे केंद्र सरकार पर उपेक्षा का दोष मढ़ती है । बिहार सरकार का यह प्रयास जनता को अँधेरे में रखने वाला है और जनता के साथ छलावा करने वाला है ।
प्रशांत किशोर ने जनता को बताया कि “केंद्र सरकार की तरफ से बिहार सरकार को 10 हजार करोड़ रुपए सालाना मिलता है। ये रकम इसलिए दी जाती है कि बिहार के लोगों को मनरेगा से मजदूरी मिल सके और उन्हें रोजगार की तलाश में बिहार से बाहर न जाने पड़े। लेकिन बिहार सरकार केवल 4 हजार करोड़ ही केंद्र से लेती है। यानी दिल्ली के 10 रूपये के हिस्से से केवल बिहार राज्य के हिस्से आते हैं मात्र 4 रूपए । बिहार के अफसर इतने मस्त है कि 10 में से 6 रुपय दिल्ली में ही छोड़ देते हैं। और 4 रूपये जो आते हैं उससे ही मनरेगा के काम होते है । बिहार में व्याप्त भरष्टाचार का आलम यह है कि हर योजना के मिले पैसे में 30% कमीशन भ्रष्टाचार के रूप में ले लेते हैं और शेष 70 फीसदी में से भी बंदरबाट हो जाता है । यही कारण है की यहां के लोगों की दुर्दशा हो रही है।”