मुख्यमंत्री योगी ने घायलों को 50 हजार और मृतक परिवारों को 2 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की

उत्तर प्रदेश ब्यूरो

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र में मंगलवार को सत्संग के बाद भगदड़ बच गई जिसमें अबतक 121 लोगों की मौत हो चुकी है और 28 लोग अभी विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को घटनास्थल का दौरा किया और अस्पताल में जाकर पीड़ितों व परिजनों से मुलाकात कर पूरा हाल जाना । साथ ही उन्होंने प्रशासनिक महकमा से भी घटना के बारे में विस्तृत जानकारी ली और फिर मीडिया के सामने आकर घटना के बारे में विस्तृत जानकारी दी । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में कहा कि इस घटना में अगर हादसा है तो उसके दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और अगर साजिश है तो तह तक जाकर इसकी जांच की जाएगी जिससे साजिश कर्ता की पहचान हो सके और सजा मिल सके । उन्होंने कहा कि यह हृदय विदारद घटना है और इसमें प्रशासन की भी चूक है । पूरी घटना में मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं । भगदड़ तब मची जब प्रवचन खत्म होने के बाद बाबा के पांव के पास की जमीन-मिट्टी छूने की होर मची और सुरक्षा गार्ड्स ने उसे रोका जिससे भगदड़ मच गयी और लोगों की जान चली गई । सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं और उच्च न्यायालय के जज से उसकी जांच कराई जा रही है । मुख्यमंत्री योगी ने घायलों को 50 हजार और मृतक परिवारों को 2 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की है ।

इस बीच पूरी घटना के बारे में प्राथमिक रिपोर्ट संबंधित एसडीपीओ ने हाथरस जिला अधिकारी को सौंप दिया है जिससे प्रारंभिक तौर पर इस बात का खुलासा हुआ है कि इस घटना में दोषी बाबा के निजी सुरक्षा गार्ड थे जो प्रवचन सुनाने गए महिलाओं को मिटटी लेने से , मिटटी छूने से रोका । पुलिस सूत्रों के अनुसार निजी सुरक्षा गार्ड साकार विश्व हरि के सत्संग में उनकी सुरक्षा में तैनात थे । इस संबंध में सिकंदराराऊ थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और प्रारंभिक तौर पर प्रमुख आयोजक समेत कुछ अन्य कों आरोपित बनाया गया है । जानकारी के अनुसार अभी कई शव वैसे भी हैं जिनकी पहचान नहीं हो पाई है जिसके लिए पुलिस प्रशासन लगी हुई है ।
एसडीएम ने जो रिपोर्ट जिलाधिकारी हाथरस को सौंपी है उसमें बाबा हरी के निजी सिक्योरिटी से धक्कामुक्की की रिपोर्ट आई है जो भगदड़ का मुख्य कारण है । इधर प्रवचन करने वाले बाबा बाबा नारायण साकार गिरी को तलाश रही पुलिस और उत्तर प्रदेश के अलीगढ़, कासगंज,आगरा, हाथरस, एटा समेत 8 स्थानों पर पुलिस बाबा को खोज हो रही है मगर कहीं अता पता नहीं है । कहना है कि इस आयोजन के लिए 80 हजार श्रोताओं के आने की अनुमति ली गयी थी जबकि करीब एक लाख 80 हजार से ज्यादा लोग प्रवचन सुनाने आये थे । पुलिस की प्राथमिक रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे किये गए हैं जिसमे धक्का-मुककी की वजह से भगदड़ मची यह बताया गया है ।

उल्लेखनीय है कि बाबा कासगंज, यूपी के रहने वाले है मगर बाबा ने आगरा से ही शुरू किया था प्रवचन देना । बाबा का आश्रम बना है जहाँ प्रवचन हो रहा था वहां सत्संग हाल में निकासी सकरी थी । बताया जाता है कि प्रवचन 1 बजकर 40 मिनट पर ख़त्म हुआ और बाबा जाने लगे । फिर महिलाओं ने उनके पैर और पैर के पास की मिटटी लेने को दौड़ पड़ी जिसे उनके गार्ड्स ने रोका और फिर भगदड़ में लोगों के उपर चढते गए । कुछ लोग दम घटने से भी मौत को कारण बता रहे हैं । घटना के लिए प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है जिसमें आयोजक देव प्रकाश मधुकर समेत अन्य पर केस दर्ज किया गया है । इस घटना में अबतक बाबा नारायण साकार गिरी का नाम नहीं है जिससे लोग गुस्से में हैं । बाबा नारायण साकार गिरी का नाम जोड़े जाने को लेकर दूसरा अन्य केस भी दर्ज करने की बात चर्चा में है ।

पीएम मोदी ने योगी से हादसे की जानकारी ली है । सीएम योगी ने मीडिया को बताया कि घटना का कोई दोषी नहीं बचेगा । हादसा है या साजिश इसकी जांच होगी । सिकंदराराऊ थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद एसटीएफ लगतार बाबा को खोज रही है ।  पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 105, 110, 126 (2), 223 और 238 के तहत भोले बाबा के मुख्य सेवादार कहे जाने वाले देवप्रकाश मधुकर और उस धार्मिक आयोजन के अन्य आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है । एफआईआर हाथरस के सिकंदराराऊ थाने में 2 जुलाई 2024 को रात करीब 10:18 बजे दर्ज हुई है और एफआईआर ब्रजेश पांडे नाम के शख्स ने दर्ज कराई है ।

इधर पूर्व मुख्मंत्री और सांसद अखिलेश यादव ने भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ में मौत के लिए भाजपा सरकार और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है । हाथरस प्रशासन की लापरवाही बताया है । इधर सांसद अखिलेश यादव से जुड़े हैं बाबा के तार, जिसकी खबरें सोशल मीडिया पर आ रही है । बाबा के साथ अखिलेश यादव ने कभी अपनी फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किया था जिसे लेकर राजनीतिक सवाल खड़े हो रहे हैं ।

उल्लेखनीय है कि नारायण साकार गिरी उर्फ भोले बाबा का सफेद पहनावा होता है और टाई पहनकर प्रवचन देते हैं । सिपाही की नौकरी में थे और सेवा से बर्खास्त होने के बाद प्रवचन में आये और फिर देखते देखते करोड़ पति बन गए । प्रवचन में पत्नी भी साथ बैठती हैं । लोगों का कहना है कि बाबा दुखों का हरण करता है ।

जानकारी के अनुसार हाथरस जनपद क़े सिकंदराराऊ थानाक्षेत्र के फुलरई गांव में चल रहे भोले बाबा क़े सत्संग में भगदड़ मच गई जिससे इतनी बड़ी घटना हो गयी । जानकारी के अनुसार सत्संग समापन के बाद भगदड़ से हादसा हुआ । इस हादसे पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने शोक जताया और मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सीएम योगी से पुरी रिपोर्ट मांगी है और शोक संवेदना भी जताया है ।

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