उत्तराखंड ब्यूरो
चम्पावत: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सोमवार को हजारों कार्यकर्ताओं के साथ काफिले के साथ खटीमा से बनबसा, टनकपुर होते हुए चम्पावत पहुंचे. उन्होंने तहसील पहुंच कर सहायक निर्वाचन अधिकारी हिमांशु कफल्टिया को अपना नामांकन पत्र सौंपा. इस दौरान उनके साथ चुनाव संयोजक पूर्व विधायक कैलाश गहतोड़ी, श्याम पांडेय आदि मौजूद रहे. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव के लिए नामांकन कर दिया है. इस दौरान उनके साथ पार्टी के तमाम दिग्गज भी मौजूद रहे. चंपावत सीट पर 31 मई को उपचुनाव होना है और उपचुनाव का परिणाम 3 जून को आएगा. इस उपचुनाव में चम्पावत विधानसभा के 96,016 वोटर 151 बूथों में प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे. चंपावत सीट में 50,057 पुरुष और 45,959 महिला मतदाता हैं.

गौर हो कि, पुष्कर सिंह धामी खटीमा से चुनाव हार गए थे. चंपावत सीट पर लगातार दूसरी बार चुनाव जीतने वाले कैलाश गहतोड़ी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए यह सीट छोड़ी थी. इसलिए अब उप चुनाव हो रहा है. धामी को सीएम की कुर्सी पर बने रहने के लिए उपचुनाव जीतना जरूरी है. नामांकन से पहले सीएम धामी ने आज सुबह बनबसा में सीएम कैंप कार्यालय का उद्घाटन किया था. सीएम धामी आज सुबह खटीमा में अपने कुल देवता के मंदिर में माथा टेककर नामांकन के लिए घर से निकले थे.

नामांकन के बाद सीएम धामी ने कहा कि, “माँ पूर्णागिरि, माँ शारदा, श्री गोल्ज्यू महाराज के आशीर्वाद से आज चम्पावत विधानसभा उपचुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया. चम्पावत क्षेत्र की देवतुल्य जनता का स्नेह एवं समर्थन मुझे लगातार मिल रहा है और मुझे पूरा विश्वास है कि आगे भी आप अपना बहुमूल्य समर्थन देकर मेरा हौसला अवश्य बढ़ाएंगे. मैं चंपावत की सम्मानित जनता को यह वचन देता हूं कि क्षेत्र के निरंतर विकास हेतु पूर्ण रूप से समर्पित रहूंगा. इस अवसर पर मेरे साथ चम्पावत से पूर्व विधायक कैलाश गहतोड़ी जी उपस्थित रहे.”

चंपावत उपचुनाव में सीएम धामी के खिलाफ कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी का चेहरा निर्मला गहतोड़ी को घोषित किया है. समाजवादी पार्टी ने मनोज भट्ट उर्फ ललित मोहन भट्ट को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के खिलाफ मैदान में उतारा है. उत्तराखंड में मुख्यमंत्रियों के उपचुनावों का इतिहास जीत का रहा है. राज्य में एनडी तिवारी, बीसी खंडूड़ी, विजय बहुगुणा और हरीश रावत के सामने उपचुनाव की चुनौती आई. अब सीएम धामी के सामने यह चुनौती है.

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