उत्तराखंड ब्यूरो

देहरादून : उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षाएं पूरे पारदर्शिता के साथ आयोजित की जायेंगी। नकलविहीन परीक्षा आयोजित किये जाने को लेकर विभागीय अधिकारियों को जरूरी निर्देश दे दिये गये हैं। इसके अलावा विभिन्न स्तरों पर उड़नदस्तों की तैनाती करने एवं संवेदनशील व अतिसंवेदनशील परीक्षा केन्द्रों पर अतिरिक्त निगरानी रखने के निर्देश भी अधिकारियों को दे दिये गये हैं। विद्यालयी शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम 25 मई से पहले घोषित कर दिया जायेगा। इस वर्ष दसवीं एवं बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन के लिये 1253 परीक्षा केन्द्र बनाये गये हैं जिनपर कुल 2 लाख 59 हजार 439 छात्र-छात्राएं परीक्षा देंगे।
सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज विद्यालयी शिक्षा महानिदेशालय में बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक ली। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाओं को पूरी पारदर्शित के साथ आयोजित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि राज्य में नकलविहीन परीक्षाएं सुनिश्चित करने के लिये विभागीय अधिकारियों को जरूरी निर्देश दे दिये गये हैं। बोर्ड परीक्षाओं के दौरान परीक्षा केन्द्रों पर मोबाइल पूर्णतया प्रतिबंधित करने, विभिन्न स्तरों पर उडनदस्तों की तैनाती करने के साथ ही अतिरिक्त सतर्कता बरतने को भी अधिकारियों को कहा गया है।
विभागीय मंत्री ने कहा कि उड़नदस्ते सभी परीक्षा केन्द्रों पर जायेंगे, खासकर सड़क मार्ग से अधिक दूरी पर स्थित केन्द्रो पर भी अनिवार्य रूप से जाना होगा। इसके साथ ही तीन बार से अधिक संवेदनशील श्रेणी में रहे परीक्षा केन्द्रों पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जायेगी ताकि नकलविहीन परीक्षा का आयोजन सफलतापूर्वक किया जा सके। डॉ. रावत ने बताया कि आगामी 16 मार्च से 6 अप्रैल तक आयोजित होने वाली हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाओं में कुल 2 लाख 59 हजार 439 छात्र-छात्राएं प्रतिभाग करेंगे। जिसमें हाईस्कूल के 1लाख 32 हजार 115 तथा इंटरमीडिएट के 1 लाख 27 हजार 324 छात्र-छात्राएं शामिल हैं। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि इस वर्ष प्रदेशभर में 1253 परीक्षा केन्द्रों पर बोर्ड परीक्षा आयोजित की जायेंगी, जिसमें 195 परीक्षा केन्द्रों को संवेदनशील जबकि 14 परीक्षा केन्द्रों को अतिसंवेदनशील की श्रेणी रखा गया है। उन्होंने बताया कि सर्वाधिक 136 परीक्षा केन्द्र पौड़ी जनपद में जबकि सबसे कम 39 केन्द्र चम्पावत जनपद में बनाये गये हैं। आगामी 15 अप्रैल से 29 अप्रैल तक बोर्ड परीक्षाओं के मूल्यांकन का कार्य सम्पन्न किया जायेगा, जबकि 25 मई तक परिषदीय परीक्षाओं का परीक्षाफल घोषित कर दिया जायेगा।
बैठक में सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव शिक्षा योगेन्द्र यादव, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा सीमा जौनसारी, सचिव उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा बोर्ड डॉ. नीता तिवारी, अपर निदेशक आर.के. उनियाल, महावीर सिंह बिष्ट, डा. मुकुल सती सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे जबकि सभी जनपदों के मुख्य शिक्षा अधिकारी एवं खंड शिक्षा अधिकारियों ने बैठक में वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में हाईस्कूल एवं इंटरमीडिटएट की बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन में विभाग के साथ-साथ पुलिस एवं जिला प्रशासन की भी अहम भूमिका होती है। उन्होंने विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों को बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने से पूर्व संबंधित जिला अधिकारी के साथ नकलविहीन परीक्षा सम्पन्न कराने के लिये विधिवत बैठक कर परीक्षा एवं मूल्यांकन केन्द्रों हेतु आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था की मांग करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि परीक्षा एवं मूल्यांकन केन्द्रो पर प्रश्नपत्रों एवं उत्तरपुस्तिकाओं की सुरक्षा के लिये विभाग के चतुर्थ श्रेणी कार्मिक की तैनाती भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।

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