बिहार में 7 से खुलेंगे स्कूल, निजी स्कूल संचालकों के दबाव का असर 

नवराष्ट्र मीडिया न्यूज

पटना। बिहार में निजी स्कूल संचालकों का बनाया दबाव अब रंग ला रहा है । इन संचालकों के दबाव में आकर बिहार सरकार ने भी 7 फरवरी से सभी स्कूलों के संचालन की अनुमति दे दी है। बिहार के शिक्षा मंत्री ने इस बात की घोषणा कर दी है। इससे पहले कई राज्यों ने स्कूल खोल दिए हैं। कर्नाटक में जहां आज भी 20 हजार से ज्यादा कोरोना के केस आ रहे हैं, वहां सरकार ने बहुत पहले ही नाइट कर्फ्यू खत्म कर दिया था और सरकारी स्कूल 31 जनवरी से ही खुल गए थे। अब बिहार सरकार ने भी स्कूल खोलने का निर्णय ले लिया है।

दूसरी ओर बिहार विधानसभा का सत्र 25 फरवरी से आहूत किया गया है। इस बार विधानसभा का सत्र काफी हंगामेदार रहने की आशंका जताई जा रही है। खासकर के बिहार में युवाओं की समस्या पर सत्र में हंगामा रहेगा। पिछले दिनों बिहार के युवाओं ने काफी उग्र आंदोलन किया था। कई छात्रों को पुलिस ने गिर्फतार भी किया है। हजारों की संख्या में मुकदमे लादे गए हैं। विधानसभा में इन मुकदमों की वापसी की मांग होगी।

स्कूल खोलने के साथ ही यह सवाल भी उठेगा कि छात्रों की पढ़ाई का जो नुकसान हुआ, उसकी भरपाई के लिए सरकार के पास कोई योजना है या नहीं। विधानसभा में शिक्षक बहाली में देरी, पदों के खाली रहने का सवाल भी उठेगा।

देखना यह होगा कि नीतीश कुमार जातीय जनगणना पर क्या फौसला लेते हैं। विपक्ष इस सवाल को जोरदार ढंग से उठाएगा। नीतीश कुमार सैद्धांतिक रूप से सहमित जताते रहे हैं, पर अबतक कोई ठोस निर्णय नहीं कर पाए हैं।
विपक्ष उस मुद्दे पर दबाव नाएगा। इस मामले में खुद एनडीए में एकमत नहीं है। भाजपा को छोड़ कर सारे एनडीए के दल जातीय जनगणना के पक्ष में हैं। ऐसे में यह सवाल एनडीए को फंसाएगा। बल्कि यूं कहें कि सरकार के स्थायित्व की परीक्षा भी इसी सत्र में होगी। नीतीश सरकार को भाजपा कितना हद तक सपोर्ट देती है। इसका राज भी खुल जाएगा।

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