वाशिंगटन । विदेश नीति विशेषज्ञों ने रविवार को कहा कि चीन द्वारा पेश चुनौती के मद्देनजर हिंद-प्रशांत क्षेत्र सहित विभिन्न द्विपक्षीय रणनीतिक हितों को देखते हुए भारत और अमेरिका के संबंध जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद भी आगे बढ़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि हालांकि दोनों लोकतंत्रों के बीच के संबंध आगे बढ़ते रहेंगे, लेकिन बाइडेन द्वारा प्रमुख मुद्दों से निपटने के तौर तरीकों में बारीक बदलाव की निश्चित संभावना है क्योंकि उम्मीद है कि वह व्यापार पर एकतरफा फैसला नहीं करेंगे और आव्रजन तथा वीजा पर अधिक उदारवादी रुख अपनाएंगे।
विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों देशों के संबंधों में आगामी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की भारतीय जड़ों का होना भी एक सकारात्मक कारक होगा। अमेरिका में पूर्व भारतीय राजदूत मीरा शंकर ने कहा कि चीन से निपटना और एशिया में संतुलन कायम रखना, शायद बाइडेन के लिए सबसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय चुनौती होगी तथा भारत जैसे देश इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
शंकर ने पीटीआई- भाषा से कहा, मुझे लगता है कि हमारे रणनीतिक संबंध आगे बढ़ते रहेंगे। भारत के साथ मजबूत संबंध बनाए रखने के लिए अमेरिका में द्विदलीय सहमति है, चाहे वह रिपब्लिकन हो या डेमोक्रेटिक प्रशासन। उन्होंने कहा कि बाइडेन प्रशासन में भी यह निरंतरता जारी रहेगी क्योंकि भारत-अमेरिकी संबंधों को प्रभावित करने वाले तत्वों में हिंदी-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति प्रमुख हैं, खास कर चीन द्वारा पेश की गयी चुनौती जो लगातार आक्रामक हो रही है। लद्दाख में अपनी सीमा पर, दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में हम यह देख रहे हैं।