विधानसभा में पुलिसिया दमन पर सरकार क्यों है मौन? 

विजय शंकर 
पटना. : बिहार विधानसभा के पिछले सत्र में विपक्ष के विधायकों पर हुए पुलिसिया हमले को लेकर कांग्रेस एक बार फिर हमलावर नजर आ रही है।

बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने इस मुद्दे पर मुखर होकर सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि पिछले सत्र में विपक्ष द्वारा पुलिस कानून में सुधार को लेकर किये गए मांग पर नीतीश सरकार द्वारा पुलिस बुलाकर सत्र के दौरान विपक्ष के विधायकों को जिस प्रकार पीटा गया था उसपर सरकार ने दोषी पुलिसकर्मियों पर क्या कार्रवाई की है, इसको सार्वजनिक करने की जरूरत है।
बिहार कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने कहा कि लोकतंत्र की हत्यारी भाजपा-जदयू की सरकार को लोकतांत्रिक मूल्यों की थोड़ी सी भी परवाह नहीं है। इनकी नीतियां पूरी तरीके से तानाशाही रवैय्ये से भरी पड़ी है। लोकतंत्र के रक्षक विपक्ष के विधायकों को जिस प्रकार बर्बर तरीके से पिछले सत्र में पुलिस वालों को बुलाकर सरकार ने कुकृत्य किया, वैसे लोगों को चिन्हित करके उनपर कार्रवाई करने की मांग हुई थी। बावजूद इसके अब तक विधानसभा अध्यक्ष और न ही सरकार ने कोई कार्रवाई की है। ऐसे में लोकतंत्र के मंदिर की मर्यादा समाप्त करने वाली ये सरकार नए सत्र को किस मुंह से आमंत्रित करेगी और विधायकों को सुरक्षा की क्या गारंटी दे पाएगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि जिस प्रदेश में जनता द्वारा चयनित विधायक सुरक्षित नहीं हैं, उस प्रदेश में आम जनता के साथ पुलिसिया दमन की क्या स्थिति होगी ये बयान नहीं किया जा सकता है।

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