विजय शंकर 

पटना : बिहार के नीतीश सरकार के द्वारा बोर्ड-निगम,आयोग तथा प्रखंड स्तर पर 20 सूत्री के गठन अब तक नहीं किए जाने पर बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने सरकार की कड़ी निंदा की है।
उन्होंने कहा है कि राजनीतिक कार्यकर्ताओं के प्रति उपेक्षित रवैया अपनाने के लिए विख्यात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने 16 वर्षों के कार्यकाल के दौरान बोर्ड-निगम,आयोग तथा प्रखंड स्तर पर 20 सूत्री कमेटी के गठन को स्थगित कर रखा है।
उन्होंने कहा कि अगर नीतीश सरकार प्रखंड स्तर पर 20 सूत्री कमिटी समेत राज्य भर के सभी बोर्ड-निगम,आयोग का गठन करती, तो प्रदेश के लगभग 50 हजार राजनीतिक कार्यकर्ताओं को बीते 16 सालों के दौरान सम्मान तथा स्थान प्राप्त होता।मगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राजनीतिक कार्यकर्ताओं का हौसला अफजाई करना पसंद नहीं है।
उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री तो महागठबंधन तथा एनडीए दोनों तरफ से मुख्यमंत्री बन गए।लेकिन दोनों ही गठबंधन के कार्यकर्ताओं को उन्होंने पैदल रखने का काम किया।उन्होंने कहा कि अगर सीएम चाहते तो बोर्ड-निगम,आयोग का गठन करके,उनमें लंबे समय से संघर्ष करने वाले राजनीतिक कार्यकर्ताओं का पद देकर उन्हें उत्साहित करने का काम किया होता। मगर उन्होंने ऐसा करना अब तक मुनासिब नहीं समझा।
बिहार प्रदेश कांग्रेस मीडिया कमेटी के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने कहा है कि बोर्ड- निगम,आयोग तथा 20 सूत्री के गठन नहीं होने की वजह से भी प्रदेश में अफसरशाही चरम पर है।इतना ही नहीं इसी वजह से राज्य स्तर-जिला स्तर तथा प्रखंड स्तर पर योजनाओं में भ्रष्टाचार का बोलबाला है।योजनाओं में पारदर्शिता का अभाव है।उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।उन्होंने सीएम नीतीश कुमार से मांग किया है कि निकट भविष्य में शीघ्र प्रखंड स्तर पर 20 सूत्री कमिटी तथा राज्य के सभी बोर्ड-आयोग,कॉरपोरेशन का पुनर्गठन कर संघर्षशील राजनीतिक कार्यकर्ताओं को प्रदेश के विकास से जुड़ने का मौका प्रदान करें।

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