भारतीय संस्कृति वैश्विक धरोहर है : कुलपति
नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो
पटना। रामकृष्ण द्वारिका महाविद्यालय (आरकेडी) में गुरूवार को भारतीय इतिहास, विरासत तथा संस्कृति विषय पर संस्कृति मंत्रालय एवं आरकेडी के इतिहास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति आरके सिंह ने इतिहास एवं विरासत की प्रासंगिकता वर्तमान सक्षम आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में दर्शाया और कहा कि भारतीय संस्कृति वैश्विक धरोहर है। इस प्रकार के कार्यशाला द्वारा युवाओं को प्रेरित कर ज्ञान परंपरा की समृद्धि एवं विश्व गुरु की अवधारणा के लिए एक बार पुन: अग्रसर होने हेतु मार्गदर्शित किया।
वहीं मुख्य अतिथि एमएलसी प्रो. नवल किशोर यादव ने वर्तमान बिहार एवं शिक्षा पर विस्तार से प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई के सलाहकार प्रो. प्रदीप वर्मा ने विस्तार से बिहार एवं भारतीय इतिहास एवं समृद्ध विरासत पर प्रकाश डालते हुए आधुनिक भारत के निर्माण में इसकी प्रासंगिकता को पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के माध्यम से प्रस्तुत किया। इस अवसर पर बिहार लोक सेवा आयोग के सदस्य प्रो. अरुण कुमार भगत ने अपने संबोधन में संस्कार, संस्कृति एवं विकृति को समझाते हुए अपने विचारों द्वारा मार्गदर्शित किया।
इसके पहले आयोजक संयोजक महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. जगन्नाथ प्रसाद गुप्ता ने सभी आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यशाला का विषय प्रवेश कराया। इस क्रम में वर्तमान समाज एवं राष्ट्र की सभ्यता से इतिहास की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। इतिहास पुरुष पं. दीनदयाल उपाध्याय के शिक्षा दर्शन एवं डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के एक अखंड राष्ट्र की अवधारणा एवं एक राष्ट्र, एक विधान एवं एक निशान पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में स्टेट नॉडल आॅफिसर डॉ. रश्मि कुमारी के अलावा आरकेडी के शिक्षक, छात्र एवं छात्राओं की उपस्थिति रही। मंच संचालन डॉ मुकेश कुमार एवं डॉ. भावना सिहं ने संयुक्त रूप से किया। धन्यवाद ज्ञापन इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ. रामाकांत शर्मा के द्वारा किया गया।
इस अवसर पर पीपीयू के प्रो. राजीव रंजन, प्रो. निखिल कुमार सिंह, प्रो. योगेंद्र कुमार, डॉ. धीरेंद्र उपाध्याय, डॉ. (ले.) आशिष कुमार, डॉ. ब्रजेश राय, डॉ. प्रधान दूर्गा शंकर प्रसाद, डॉ. रविरंजन प्रसाद, डॉ. उमेश कुमार, डॉ. सरिता कुमारी, डॉ. जया, डॉ. निधि, डॉ. सुनिता, डॉ. मयूराक्षी रानी, डॉ. शिल्पी शिवानी, डॉ. स्मृति कुमारी, डॉ. मंगलमूर्ति महाविद्यालय शिक्षक, कर्मचारी संघ अध्यक्ष संजय कुमार एवं लेखापाल प्रेम कुमार एवं एनसीसी, एनएसएस के छात्र-छात्राएं भी कार्यशाला में उपस्थित रहकर अपना योगदान दिया तथा प्रतिभागी सौ शोध पत्र को कुलापति के द्वारा प्रमाण पत्र दिया गया।