नयी दिल्ली : 14 दिसंबर यानि कि सोमवार को इस का आखिरी सूर्य ग्रहण लग रहा है. साल का आखिरी सूर्यग्रहण दक्षिण अमेरिका, साउथ अफ्रीका और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में दिखेगा पर भारत में यह नजर नहीं आएगा । भारत में न दिखने के चलते इस सूर्यग्रहण का सूतककाल मान्य नहीं होगा । सूर्य ग्रहण प्रारंभ- 19:03:55 बजे और सूर्य ग्रहण समाप्त- 00:23:03 बजे तक होगा ।
सूतककाल का मतलब ऐसा समय, जब प्रकृति अधिक संवेदनशील होती है । एक तरह से इसे खराब समय के अर्थ में लिया जाना चाहिए. ऐसे समय में अनहोनी की आशंका अधिक होती है । चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण दोनों के समय सूतक लगता है । सूतक काल में सावधान रहते हुए ईश्वर की आराधना करनी चाहिए. सूतककाल में हमें विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. जैसे किसी बच्चे के जन्म के बाद घर के सदस्यों को सूतक की स्थिति में बिताने होते हैं । सूतक काल में कोई भी शुभ काम न करें । इस काल में मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं ।
ग्रहण काल में खाना-पीना, शोर मचाना या किसी भी प्रकार का शुभ कार्य जैसे पूजा-पाठ आदि नहीं करना चाहिए ।
आप इस दौरान गुरु मंत्र का जाप, किसी मंत्र की सिद्धी, रामायण, सुंदरकांड का पाठ, तंत्र सिद्धी आदि कर सकते हैं ।
सूतक लगने के बाद से ही गर्भवती स्त्रियों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए ।
सूर्य से निकलने वाली पराबैगनी किरणें गर्भस्थ शिशु के लिए हानिकारक होती हैं ।
ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान कर के शुद्धिकरण कर लेना चाहिए ।
सूतक लगने से पहले ही घर में मौजूद खाने की सभी वस्तुओं में तुलसी के पत्ते डाल लेने चाहिए ।
यदि आपके घर में मंदिर है तो सूतक लगते ही उसके कपाट बंद कर दें या फिर मंदिर को पर्दे से ढक दें ।
मान्यता है कि ग्रहण के बाद मन की शुद्धि के लिए दान-पुण्य भी करना चाहिए ।
सूर्य ग्रहण का समय-
तारीख- 14-15 दिसंबर
सूर्य ग्रहण प्रारंभ- 19:03:55 बजे
सूर्य ग्रहण समाप्त- 00:23:03 बजे तक
यह सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि में लग रहा है, लेकिन इसका बुरा प्रभाव मेष राशि पर भी पड़ेगा। असल में सूर्य ग्रहण मिथुन लग्न में लग रहा है, इसलिए वृश्चिक, मेष और मिथुन राशि वालों को विशेष ध्यान रखने की जरूरत होगी।
वृश्चिक राशि में इस बार सूर्य ग्रहण के दौरान पांच ग्रह गोचर करेंगे। इसमें कुछ ग्रह राशि के लिए अच्छे नहीं हैं। ये ग्रह अशुभ योग का भी निर्माण करेंगे। ग्रहण के दौरान वृश्चिक राशि में सूर्य के साथ चंद्रमा, बुध, शुक्र और केतु भी गोचर करेंगे और उस समय गुरु चंडाल योग का भी बन रहा है। इससे इस राशि के जातकों का बहुत बच के रहने की जरूरत है।
सूर्य ग्रहण के दौरान मेष, कर्क, मिथुन, कन्या, तुला और मकर राशि वालों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होगी। इस दौरान इस राशि के जातकों को भोजन, यात्रा, नए कार्य आदि करने से बचना होगा। ग्रहण काल में गायत्री मंत्र का जाप करें और किसी भी गलत काम या किसी को कष्ट न पहुंचाएं।