2019 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात

विजय शंकर 

पटना: मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में 2019 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के बिहार कैडर के 11 प्रशिक्षु पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। प्रशिक्षु पदाधिकारियों में श्री अनिल कुमार, श्री सुमित कुमार, सुश्री प्रियंका रानी, श्री दीपक कुमार, श्री सौरभ यादव, सुश्री खुशबू गुप्ता, सुश्री प्रीति, श्री समीर सौरभ, श्री कुमार अनुराग, श्री स्पर्श गुप्ता एवं श्री यतीन्द्र कुमार पाल शामिल थे।
प्रशिक्षु भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से परिचय प्राप्त करने के बाद मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों का अभिनंदन करते हुए कहा कि आप सभी ने अपने अनुभव की संक्षेप में जानकारी दी। आप सब जानते हैं कि वर्ष 2019 के अंत में दुनिया में और 2020 के मार्च महीने में भारतवर्ष में कोविड-19 को लेकर चर्चा शुरू हो गयी थी। उसके बाद लकडाउन का पीरियड शुरू हो गया। राज्य सरकार की तरफ से लोगों को हरसंभव मदद पहुंचाई गयी। बाहर से आने वाले लोगों के लिए क्वारंटाइन सेंटर की व्यवस्था की गयी। साथ ही उनके लिये यहाॅ काम के अवसर निकाले गये। पिछले कुछ समय से कोरोना के मामलों में काफी कमी आ गयी थी लेकिन पुनः एक बार फिर से वृद्धि शुरू हो गयी है। आठ राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसके कारण काम बंद होगा तो एक बार फिर लोग वापस अपने प्रदेश आयेंगे। उनके लिए क्वारंटाइन सेंटर के साथ-साथ उनके रोजगार का भी प्रबंध किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर से आने वाले हर व्यक्ति की कोरोना जांच होगी और रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी उन्हें कुछ दिनों तक अलग रखा जाएगा। दुनिया के अन्य देशों की तुलना में कोरोना संक्रमण से होने वाली मृत्यु की दर भारत में कम है। कोरोना संक्रमण में भारत का औसत डेथ रेट 1.3 है, जबकि बिहार का 0.5 है। टेस्टिंग के मामले में प्रति 10 लाख की संख्या पर देश की औसत जांच दर से बिहार में 8 हजार ज्यादा जांच कराई गयी। वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद जांच की संख्या में काफी कमी आ गयी थी, जिसको देखते हुए हमने बैठक कर जांच की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के प्रति सजगता एवं जन जागरूकता के कारण बिहार में कम लोग प्रभावित हुए हैं। हम सभी लोगों का दायित्व है कि वैक्सीनेशन का काम तेजी से हो। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन के बाद भी पुनः कोरोना टेस्ट कराना आवश्यक है। एक साल बाद फिर से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं इसलिए हम सभी को सचेत रहना है। लोगों को मास्क का प्रयोग करने, हाथ साफ रखने सहित हर जरूरी सलाह दी जा रही है। ऐसी स्थिति में आपका दायित्व महत्वपूर्ण हो जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने वर्ष 2016 में सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल, हर घर तक बिजली का कनेक्शन, हर घर शौचालय, हर घर तक पक्की गली- नाली के निर्माण का काम शुरू कराया। इनके रखरखाव की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी। महिलाओं के लिए सभी सरकारी सेवाओं में आरक्षण का प्रावधान किया गया। नये मेडिकल कलेज, इंजीनियरिंग कलेज आदि शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना की गयी ताकि लोगों को पढ़ने के लिए मजबूरी में बाहर नहीं जाना पड़े। सड़कों, पुलों, भवनों आदि के रखरखाव की जिम्मेवारी विभागों को सौंपी गयी। इस कार्यकाल में सात निश्चय पार्ट-2 के तहत लोगों के साथ-साथ पशुओं के इलाज की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गयी है। आप सभी जब ट्रेनिंग से लौटकर आइयेगा तो इन चीजों को देखिएगा। पर्यावरण के प्रति लोगों में जागृति लाने के लिए वर्ष 2020 में 24,000 करोड़ रूपये की लागत से जल-जीवन-हरियाली योजना शुरू की गयी। पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ जल संरक्षण की दिशा में भी काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। गंगा नदी का पानी गया, बोधगया, नवादा एवं राजगीर में पहुंचाने का काम भी चल रहा है। इन इलाकांे में पीने के पानी की गंभीर समस्या को देखते हुये यह निर्णय लिया गया है। बिहार में मौसम के अनुकूल खेती की शुरुआत भी की गयी है। पिछले वर्ष जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जून से अगस्त माह के बीच 2 करोड़ 51 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य था, जबकि 3 करोड़ 90 लाख से ज्यादा पौधे लगाये गये। शराबबंदी एवं जल-जीवन-हरियाली अभियान के समर्थन में तथा दहेज प्रथा एवं बाल विवाह के खिलाफ 19 जनवरी 2020 को मानव श्रृंखला बनाई गयी, जिसमें 5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि हर घर नल योजना का काम 90 प्रतिशत से ज्यादा पूर्ण हो चुका है और यह योजना अब पूरे देश की योजना बन गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रारंभ से ही हमने न्याय के साथ विकास के संकल्प के साथ काम करना शुरू किया। इसका मतलब है हर इलाके का विकास और समाज के हर तबके का उत्थान। यही हमारा सिद्धांत है। मैं आप सबसे यही उम्मीद करूंगा कि आप सब जब लौटकर आयें तो इन सब चीजों पर नजर रखें। विकास कार्यों को हर सूरत-ए-हाल में मेनटेन रखना है। सात निश्चय योजना के तहत नई तकनीक के उपयोग की जानकारी के लिए युवाओं को ट्रेनिंग दी गयी है। अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ चलाए गये अभियान, महिला सशक्तिकरण के लिये किये गये प्रयासों से संबंधित जानकारी इन्हें उपलब्ध करायें। इस संबंध में प्रािक्षु अधिकारियों को एक-एक प्रति उपलब्ध कराएं ताकि इन्हें सभी चीजों की जानकारी हो सके। ये जब लौटकर आयंे तो अपनी समझ और अनुभव के आधार पर बिहार को विकसित बनाने की दिशा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। बिहार में आबादी सघन है, जबकि क्षेत्रफल इसकी तुलना में कम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2012 में हमने अध्ययन कराया तो ये जानकारी सामने आयी कि पति-पत्नी में यदि पत्नी मैट्रिक पास है तो देश का औसत प्रजनन दर 2 था, जबकि बिहार का भी 2 है। पत्नी अगर इंटर पास थी तो देश का प्रजनन दर 1.7 था, जबकि बिहार का 1.6 था। इसके बाद हमलोगों ने लड़कियों को कम से कम इंटर तक पढ़ाने का निर्णय लिया और इस दिशा में कई काम किये गये।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि आप सब जब लौटकर वापस आयेंगे तो पुनः एक बैठक कराई जायेगी। आपसे यही उम्मीद है कि आप अपनी समझ और अनुभव से समाज को आगे बढ़ायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की पहल एवं प्राथमिकताओं पर आपकी पूर्ण संवेदनशीलता रहनी चाहिए। समझ को विकसित करियेगा तो समाज आगे बढ़ेगा। देश के साथ-साथ बिहार को भी विकसित बनाना है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, विकास आयुक्त श्री आमिर सुबहानी, सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह उपस्थित थे।

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