नव राष्ट्र मीडिया
पटना।

श्रवण कुमार, मंत्री, ग्रामीण विकास विभाग बिहार सरकार द्वारा आज 11 जुलाई को राज्य के सभी जिलों के उप विकास आयुक्त की बैठक को अधिवेशन भवन में सम्बोधित किया गया। यह बैठक ग्रामीण विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा हेतु हर माह आयोजित की जाती है तथा इस बैठक में विभागीय मंत्री द्वारा संचालित योजनाओं के संबंध में विशेष दिशा-निर्देश दिये जाते हैं। बैठक के आरम्भ में विभागीय सचिव, डाॅ एन0 सरवन कुमार तथा मनरेगा आयुक्त, श्री राहुल कुमार ने पुष्प गुच्छ देकर माननीय मंत्री का स्वागत किया।
आज की बैठक में श्री श्रवण कुमार, माननीय मंत्री ने सभी राज्य स्तरीय विभागीय पदाधिकारियों की उपस्थिति में उप विकास आयुक्त को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के संबंध में एक महत्वपूर्ण निदेश दिया। प्रधानमंत्री आवास योजना में 40 प्रतिशत राशि बिहार सरकार देता है। जमीन मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय योजना के तहत दिया जाता है। यदि इस आवास के निर्माण हेतु जमीन का आवांटन मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय योजना के तहत लाभूक को किया गया है तो इस आशय की सूचना आवास पर अनिवार्य रूप से अंकित कराया जाय।
मंत्री ने उप विकास आयुक्त को संबोधित करते हुए कहा है कि राज्य में ‘‘मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना’’ के तहत 17 हजार आवास तैयार हो चुके हैं। इसमें भी इस आशय का लोगो (प्रतीक चिन्ह) लगाया जाय कि यह पूर्ण रूप से राज्य सरकार की राशि से निर्मित हुआ है। यह स्पष्ट रूप से अंकित किया जाए कि इस आवास का निर्माण मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना से कराया गया है। यदि कोई लाभूक ‘‘मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय योजना’’ से लाभान्वित हुए हैं तो इस आशय की भी सूचना निश्चित रूप से आवास के अगले भाग पर अंकित की जाय।
मंत्री, श्री श्रवण कुमार ने कहा कि महात्मा गाॅधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना के तहत कराये गये कार्यो में राज्य सरकार के संसाधन से 25 प्रतिशत खर्च की गई राशि की सूचना भी कार्य स्थल पर अंकित कराया जाय। मनरेगा का जिक्र करते हुए माननीय मंत्री ने उपस्थित पदाधिकारियों को निदेशित करते हुए कहा कि मनरेगा के तहत राज्य में 8 लाख से ज्यादा योजना लंबित है। इन लंबित योजनाओं को पूर्ण कराने एवं पूर्ण नहीं होने योग्य योजनाओं को जाॅचोंपरान्त बन्द करवाने का निदेश दिया। मंत्री महोदय ने यह भी कहा कि इसी प्रकार की योजनाए पंचायती राज से भी किया जाता है। ऐसे में इन पर विशेष निगरानी रखनी है ताकि योजनाओं का दोहरीकरण नहीं हो।
श्री श्रवण कुमार, ने यह भी कहा कि योजनाओं का सामाजिक अंकेक्षण भी किया जा रहा है जो अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। सामाजिक अंकेक्षण में काफी आपत्तियाॅ प्राप्त हो रही है। इनमें कुछ आपत्तियाॅ पंचायत स्तर पर अभिलेख के उपस्थापन एवं रख-रखाव की कमी के कारण आ रही है। विभागीय सचिव इसे गंभीरता से देखें और आ रही आपतियों का निष्पादन समय से करें।
लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत कार्यो को कार्यान्वित करने में तेजी लाने का निर्देश दिया सभी जिला में बन रहे ॅच्न् का स्थलीय निरीक्षण करने का निदेश दिया तथा यह भी कहा कि इसकी संरचना आबादी के बाहर बनवाए एवं पूर्णतः हवादार हो। वहाॅ पर कार्य करने वाले स्वच्छताग्रही को माह में कम से कम एक बार जरूर स्वास्थ्य परीक्षण कराए।
लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत यह निर्देश दिया कि अभी भी बहुत परिवार ऐसे हैं जिन्हें न तो शौचालय है और न ही शौचालय बनाने के लिए जमीन है। माननीय मुख्यमंत्री महोदय की सोंच यह है कि कोई भी परिवार शौचालय से वंचित नहीं रहे। इसी के तहत सामुदायिक शौचालय स्वच्छता परिसर बनवाया जा रहा है। सभी पदाधिकारियों को यह निर्देश दिया कि सबसे पहले इन शौचालय विहिन एवं शौचालय निर्माण के लिए भूमि विहिन लोगों के लिए सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण कराए और उन्हें उनसे जोड़कर उन्हें सामुदायिक स्वच्छता परिसर के उपयोग एवं उसके फायदे को बताए।
वर्ष 2016-17 से पूर्व इन्दिरा आवास योजना से अच्छादित लगभग 2 लाख लाभूकों का आवास तकनीकि कारणों से पूर्ण नहीं हो पाया है। उनके आवास को पूर्ण कराने की दिशा में पहल करते हुए माननीय मंत्री ने सभी उप विकास आयुक्त को निदेश दिया कि वे बैकों के साथ बैठक कर इस प्रकार के लाभूकों को ऋण की स्वीकृति हेतु कार्रवाई करें ताकि प्राप्त ऋण की राशि से वे अपने अर्ध निर्मित आवास को पूर्ण कर सके। साथ ही उन लाभूकों को जीविका समूह से भी जोड़ने का निदेश दिया, ताकि उन्हें अहसास हो कि आवास पूर्ण हो सकता है तथा मुझे ऋण की आदायगी भी ससमय करनी है। एक लाभूक को पुनः दूसरा आवास स्वीकृत नहीं हो सकता है इसलिए इस प्रकार की कार्रवाई आवश्यक है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के बारे में चर्चा करते हुए माननीय मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार यह दावा करती है कि वह वर्ष- 2024 तक सभी को आवास उपलब्ध करा दी जायेगी। उनका यह दावा कैसे पूर्ण हो सकेगा, जबकि वर्ष- 2018-19, 2022-23 एवं वर्ष 2023-24 में राज्य सरकार को काई भी लक्ष्य नहीं दिया गया है। 13 लाख आवास प्रतीक्षा सूची में है। लक्ष्य के अभाव में प्रतीक्षा सूची के आवास का निर्माण संभव नहीं है। मुजफ्फरपुर, औरंगाबाद एवं अन्य कई जिलों में तकनीकी त्रुटियों की वजह से आवास एप पर सूचना लोड नहीं हो पाया है। जो गरीब आवास विहिन है उनकों भी दूसरे कैटेगरी से बचे हुए आवास देने की अनुमति केन्द्र सरकार से हमने माॅगी है, लेकिन लगभग 1 लाख 50 हजार आवास को एडजेस्ट करने की अनुमति नहीं दी गई। माननीय मंत्री ने उप विकास आयुक्त से अपेक्षा की है कि वे राज्य सरकार की सभी योजनाओं का कार्यान्वयन ससमय पूरा करे ताकि गरीब, निर्धन लाभूकों को लाभ प्राप्त हो सके।
उक्त बैठक में ग्रामीण विकास विभाग, सचिव, एन0 सरवन कुमार, आयुक्त मनरेगा-सह-मुख्य कार्यालपाक पदाधिकारी, जीविका, श्री राहुल कुमार, संयुक्त सचिव, द्वय, श्री अरविन्द मंडल, श्री नन्द कुमार साहु, मुख्य प्रचालन पदाधिकारी, मनरेगा श्री संजय कुमार सिंह, सामाजिक अंकेक्षण के श्री निरंजन कुमार झा, उप मिशन निदेशक, जल-जीवन-हरियाली श्री राम कुमार पोद्दार, उप सचिव, ग्रामीण विकास विभाग, श्री रवि कुमार एवं अन्य विभागीय पदाधिकारी उपस्थित थे।

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