प्रशासन ने उपमंडल क्षेत्र में चिकन, अंडा और मछली बेचने पर भी लगाई पाबन्दी

शिमला : हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में बर्ड फ्लू के अलर्ट के बाद जिला प्रशासन ने जिले के पौंग झील इलाके में किसी भी तरह की पर्यटन गतिविधि पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिला प्रशासन ने फतेहपुर, देहरा, जवाली व इंदौरा उपमंडल में चिकन, अंडा और मछली बेचने पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।
आयुक्त राकेश प्रजापति ने बताया कि इन क्षेत्रों से पोल्ट्री उत्पाद बाहर भी नहीं जा सकेंगे। पौंग झील में विदेशी परिदों की मौत के प्रशासन यह फैसला लिया है। मृत पक्षियों के नमूने जांच के लिए बरेली, जालंधर और भोपाल भेजे गए थे। भोपाल भेजे गए सैंपल में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है।
जिला प्रशासन को रिपोर्ट मिलने के बाद पौंग झीले के एक किलोमीटर इलाके को अलर्ट जोन घोषित किया गया है। इस इलाके में किसी भी प्रकार की मानवीय गतिविधि या पशुओं के चराने पर रोक लगा दी गई है। अलर्ट जोन के आगे नौ किलोमीटर को सर्विलांस जोन बनाया गया है। इस इलाके पर विभाग कड़ी नजर रखेगा। झील के इलाके में सभी प्रकार की पर्यटन गतिविधि पर भी रोक लगा दी गई है। झील के इलाके में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

जिले के वन्य प्राणी परिक्षेत्र धमेटा के मझार, बथाड़ी, सिहाल, जगनोली, चट्टा, धमेटा और कुठेड़ा व नगरोट के गुगलाड़ा आदि में पक्षी मृत पाए गए हैं। उल्लेखनीय है कि पौंग झील में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी इस मौसम में आते हैं। यहां हर साल साइबेरिया और मध्य एशिया के ठंडे इलाकों से सर्दियों में लाखों की संख्या में परिंदे आते हैं और फरवरी-मार्च तक रहते हैं। इसके बाद ये पक्षी फिर से वापस लौट जाते हैं।

इससे पहले राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड आदि राज्यों में भी इस वायरस को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। इन राज्यों में बड़ी संख्या में कौए मृत पाए गए हैं।

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