जल मग्न हुए रिहायशी इलाके,राहत में जुटी एनडीआरएफ
Bangal byuro
कोलकाता। चक्रवाती तूफान यास का सर्वाधिक असर उत्तर और दक्षिण 24 परगना तथा पूर्व मेदिनीपुर जिले में हुआ है। नदियों के 234 बांध टूटे हैं और रिहायशी इलाकों में पानी घुस गया है। तीन लाख से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। एनडीआरएफ की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि सभी प्रभावित क्षेत्रों में टीम बचाव में जुट गई है। मूल रूप से
पूर्व मेदिनीपुर के दीघा, शंकरपुर, ताजपुर, मंदारमोनी और दक्षिण 24 परगना के सागरद्वीप, काकद्वीप, नामखाना, पाथरप्रतिमा, बक्खाली आदि में कई रिहाईशी इलाके में समुद्र का पानी घुस गया है। इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

कोलकाता में मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि शहर में अधिकतम 62 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। पूर्वी मेदिनीपुर  के दीघा में 90 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवाएं चलीं। उन्होंने बताया कि समुद्र में उठी ऊंची लहरों के कारण पूर्वी मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना के कई निचले इलाकों में पानी भर गया और नदियों में जलस्तर बढ़ गया। इस दौरान मेदिनीपुर के निचले तटीय इलाकों में समुद्र में दो से चार मीटर और दक्षिण 24 परगना में दो मीटर ऊंची लहरें उठीं।

दो की मौत
– भारतीय सेना की पूर्वी कमान भी पश्चिम बंगाल सरकार के साथ समन्वय स्थापित करके बचाव कार्यों में मदद कर रही है। सेना ने पश्चिम बंगाल में 17 एकीकृत राहत कॉलम की तैनाती की है, जिनमें आवश्यक उपकरण और नाव के साथ विशेषज्ञ कर्मी शामिल हैं। इस बीच, पश्चिम बंगाल के हुगली और उत्तरी 24 परगना जिलों में मंगलवार को तूफान आने के बाद कम से कम दो व्यक्तियों की करंट लगने से मौत हो गयी और करीब 80 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गये।

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