विजय शंकर 
पटना। जनता दल यू किसान प्रकोष्ठ के दक्षिण बिहार के प्रदेश अध्यक्ष नंदकिशोर कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार के शासन काल में कृषि के क्षेत्र में समृद्धि आई है। बिहार के किसानों की वजह से ही बिहार को पांच बार कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि धान अधिप्राप्ति की तरह ही इस साल पहली बार बिहार में धान-गेहूं खरीद की व्यवस्था शुरू की।  और पहले ही साल में इस वर्ष 35.58 लाख मीट्रिक टन धान की रिकॉर्ड अधिप्राप्ति की गयी। किसानों को 6736 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि बिहार में पहले गेहूं की खरीद नाम मात्र की होती थी। 12 जून 21 को समीक्षा बैठक की थी। 15 जून तक 3.5 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद की उम्मीद थी, लेकिन यह हर्ष का विषय है कि  इस अवधि में चार लाख 56 हजार मीट्रिक टन गेहूं की रिकॉर्ड खरीद की गयी है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने बिहार में किसानों के उत्पादों की खरीद की कोई व्यवस्था नहीं थी। अब धान-गेहूं की खरीद की सुदृढ़ व्यवस्था से अधिक से अधिक किसान लाभान्वित हो रहे हैं। बंटाइदारों को भी धान-गेहंू की अधिप्राप्ति का लाभ मिल रहा है। उन्होंने  कहा कि बिहार में धान एवं गेहंू की विकेंद्रित अधिप्राप्ति से किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ मिला है।श्री कुशवाहा ने कहा कि इस व्यवस्था से अधिक से अधिक किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि बिहार के किसान मेहनती हैं और उनके मेहनत के बल पर ही बिहार में अमेरिका से अधिक मक्के का उत्पादन हो रहा है। इसके अलावा इस साल बिहार के किसानों से रिर्कार्ड तोड़ धान की भी अधिप्राप्ति हुई। यह सब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा 2007 में बनाये गये कृषि रोड मैप के तहत खेती का परिणाम है। उन्होंने कहा कि एनडीए के शासन में बिहार में ही बिहार का जर्दालू आम व शाही लीची का लंदन निर्यात किया जा रहा है इसके अलावा बिहार किसान समृद्ध हो रहे हैं।

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