सर्वदलीय बैठक में लोकहित को ध्यान में रखकर राज्यपाल को कोरोना पर सभी दलों ने दिए सुझाव
विजय शंकर
पटना : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि महामहिम राज्यपाल महोदय, आप प्रदेश में संविधान और लोकतंत्र के रक्षक है। चूँकि आपने बैठक बुलाई है इसलिए अपनी संवैधानिक ज़िम्मेदारियों के निर्वहन हेतू हम इसमें सम्मिलित हो रहे है। तमाम विपक्षी दल विगत एक वर्ष से सदन में, मीडिया के ज़रिए, पत्रों के माध्यम से निरंतर सरकार को कोरोना प्रबंधन और महामारी से निपटने के अपने बहुमूल्य सुझाव देते आ रहे है लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन पर कभी अमल नहीं हुआ।
अब सरकार की व्यवस्थाओं की पोल पूर्णत खुल चुकी है। सरकार अपनी सारी विफलताएँ दूसरे के माथे मढ़, पाप में सबको भागीदार बनाना चाहती है इसलिए अब विपक्षी दलों को याद किया गया है। अगर सरकार विपक्ष के सकारात्मक सुझावों और सरोकारों को नहीं सुनती है तो ऐसी बैठकों का क्या औचित्य? नेता प्रतिपक्ष ने जनहित में लगभग 12 करोड़ प्रदेशवासियों की स्वस्थता, सुरक्षा और संपन्नता के मद्देनज़र बिहार सरकार के समक्ष निम्नलिखित 30 महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने मुख्यमंत्री जी से मज़बूती से इन 30 सुझावों को लागू करने का आग्रह किया।
1) एक स्पेशल टास्क फ़ोर्स का गठन किया जाए जिसमें Epidemiologist, Public Health Experts और तमाम राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि हों।
2) ऑक्सीजन और ज़रूरी दवाओं की निर्बाध सप्लाई चेन सुनिश्चित की जाए और उसकी कालाबाजारी पर कठोर कारवाई की जाए।
3) मोबाइल टीकाकरण की व्यवस्था की जाए ताकि लोगों के घरों या मोहल्लों में जाकर बग़ैर संक्रमण के रिस्क के साथ टीका लगाया जा सके।
4) अस्पतालों में टीकाकरण और जाँच की व्यवस्था अलग-अलग परिसरों में की जाए ताकि संक्रमण फैलाव का रिस्क न्यूनतम हो सके।
5) कोरोना जाँच की व्यवस्था को सुगम और सुलभ बनाया जाए। आज भी लोगों को रिपोर्ट मिलने में 6-7 दिन लग रहे है। टेस्ट रिपोर्ट के इंतज़ार में ही कई लोग गंभीर हो जाते है, मर भी जाते है।
6) स्वास्थ्य विभाग कोरोना आँकड़े जारी करने पारदर्शिता बरते। प्रतिदिन कुल कितनी जाँच हुई, कितने पॉज़िटिव केस, कहाँ-कहाँ मिले, इत्यादि अनिवार्य रूप से जारी किए जाने चाहिए।
7) पूरे राज्य के लिए एक इंटेग्रेटेड डाटाबेस सिस्टम बनाया जाए जिसपर निजी या सरकारी डॉक्टर या जाँच केंद्रों में जाँच करने वालों कि जिम्मेदारी होगी कि वो कोई भी कोरोना जाँच करें, संक्रमित पाए जाने पर व्यक्ति की सारी जानकारी, किस चिकित्सक की देखरेख में वह व्यक्ति है, उसके स्वास्थ्य सम्बन्धी विभिन्न पैरामीटर, को मोरबीडीटी इत्यादि की जानकारी तुरंत अपलोड करें।
उस जानकारी के आधार पर नजदीकी कोविड समर्पित अस्पताल या तो तुरंत बेड सुनिश्चित करेगा या होम क्वारंटाइन की स्थिति में स्थानीय मुखिया, वार्ड मेम्बर, नगर निगम या पंचायत को सम्बंधित परिवार की हर प्रभावी तौर पर isolate होने के लिए सहयोग करने की गाइडलाइन जारी करेगा।
8) कोविड वार्ड में मरीज़ों के Attendant के प्रवेश को वर्जित कर अस्पताल में एक अलग जगह CCTV फ़ुटेज से उनको देखने की व्यवस्था की जाए, या यदि किसी के पास स्मार्ट फ़ोन हो तो CCTV फ़ुटेज का access उनके फ़ोन में दिया जाए अथवा मरीज़-परिजन से बातचीत का विशेष प्रबंध किया जाए।
9) होम क्वॉरंटीन मरीज़ों की निगरानी हेतु GPS tracker तकनीक का इस्तमाल करते हुए उसके मॉनिटरिंग के लिए एक विशेष सेल बनाया जाए। होम क्वारंटाइन के लिए एक विस्तृत प्रोटोकॉल बने जिसके माध्यम से पीड़ित परिवार के लिए घर पर ही दवा, PPE किट, ऑक्सीमीटर, थर्मोमीटर की व्यवस्था की जाए, घर का कचरा सुरक्षित तरीके से प्रशिक्षित कर्मियों द्वारा रोज़ घर से निकालना और रोजमर्रा की ज़रूरतों के लिए स्थानीय जन प्रतिनिधियों, स्वास्थ्यकर्मियों व पड़ोसियों को आवश्यक मार्गदर्शन व दिशा निर्देश दिए जाएँ।
10) Covid Dedicated अस्पतालों का निर्माण प्रमंडल स्तर पर किया जाए।
11) दूसरे राज्यों से आए सभी यात्रियों की जाँच को अनिवार्य किया जाए। Antigen नहीं बल्कि उनकी RT-PCR जाँच होनी चाहिए। बाहर के राज्य से आनेवाला कोई भी व्यक्ति बिना नेगेटिव रिपोर्ट पाए अपने घर नहीं जा पाए इसके लिए हर बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, राज्य की सीमाओं व एयरपोर्ट पर समुचित व्यवस्था हो। ऐसे कोरोना मरीज़ों के लिए अधिक से अधिक सुसज्जित अस्थायी आइसोलेशन व क्वारंटाइन सेंटरों की व्यवस्था की जाए जहाँ पौष्टिक भोजन, साफ सफाई और ज़रूरी सुविधाओं की समुचित व्यवस्था हो।
12) कोरोना काल में सबसे अधिक प्रभावित सभी ग़रीब परिवार और मज़दूर भाइयों को अगले 100 दिनों तक 100₹ प्रतिदिन के हिसाब से न्यूनतम 10 हज़ार की एकमुश्त सहायता राशि स्थानांतरित की जाए। विगत वर्ष भी हमने यह माँग रखी थी।
13) राज्य के सभी राशन कार्ड धारकों को 6 महीने तक मुफ़्त राशन दिया जाए। हर प्रखंड में 4-5 Community किचन शुरू किये जाएं।
14) राज्य के बाहर से आनेवाले श्रमवीरों को बस, रेल आदि में निःशुल्क व्यवस्था किये जाएं और बसों, ट्रेनों मे उनके लिए खाना तथा पानी की पूरी व्यवस्था किये जाएं बाहर से आए सभी श्रमिक भाइयों को चिह्नित कर उनका सही Database तैयार कर, अनिवार्य रूप से उन्हें 3000₹ महीना भत्ता दिया जाए।
15) राज्य में विभिन्न विभागों के अंतर्गत निर्मांणाधीन बड़े प्रॉजेक्ट्स को Identify कर उनमें बाहर से लौटे सभी कुशल कामगारों और श्रमिकों को Engage किया जाए। ऐसे प्रॉजेक्ट्स के Man days बढ़ा, संवेदकों को विशेष रूप निर्देशित किया जाए। इससे प्रोजेक्ट भी तय समय सीमा से पूर्व तैयार होंगे और श्रमिकों को काम भी मिलेगा।
16) आशा है मुख्यमंत्री जी ने पिछले मार्च महीने में प्रकाशित CAG रिपोर्ट को अवश्य पढ़ा होगा। इस CAG रिपोर्ट के अनुसार 2010-11 से 2017-18 तक स्वास्थ्य विभाग में वर्षों से अनेक प्रॉजेक्ट्स निर्धारित समय अवधि पूर्ण होने के बावजूद निर्मांणाधीन और लंबित है। मुख्यमंत्री जी, तो क्यों नहीं बाहर से आए श्रमिकों को स्वास्थ्य संरचना दुरुस्त करने और उन प्रॉजेक्ट्स को पूरा करने में अनिवार्य रूप से लगाया जाए। सकारात्मक विपक्ष के नाते यह पलायन रोकने और रोज़गार सृजित करने का एक उपाय भी बता रहा हूँ।
17) वैसे विभाग जिनमें कोरोना के कारण अभी अति आवश्यक काम नहीं हो रहें है। ऐसे विभागों के योग्य IAS/IPS अधिकारियों का Resource pool बना कर उन्हें Dedicatedly कोरोना मैनज्मेंट में लगाया जाए। साथ ही उन अधिकारियों की स्वास्थ्य सुरक्षा का पूर्ण इंतज़ाम किया जाए।
18) Testing Management के लिए अलग से Dedicated IAS अधिकारी , Oxygen management के लिए अलग अधिकारी , Vaccination के लिए अलग, Isolation और follow up management के लिए अलग, सरकारी और निजी अस्पतालों में बिस्तरों की व्यवस्था के लिए अलग से, कोरोना पीड़ितों के घर दवा किट भेजने की व्यवस्था के लिए अलग से , क़ोरोना बजट में किसी प्रकार की धांधली ना हो इसलिए लिए विशेष समर्पित भ्रष्टाचार निरोधक सेल, सामान्य कोरोना संबंधित अन्य शंकाओं के निवारण के लिए एक अलग से Dedicated Call Center की स्थापना के साथ Dedicated अधिकारियों की नियुक्ति की जाए और साथ ही उन सभी अधिकारियों के लिए समुचित Care और Protection होनी चाहिए। तभी वो कार्य कर पाएँगे।
19) पटना में मेदांता,जया प्रभा व अन्य निजी अस्पतालों का सामयिक/अस्थायी अधिग्रहण कर उसे कोविड अस्पताल बनाया जाए। महामारी में पीड़ितों से अधिक वसूली करने वालों पर विशेष निगरानी रखी जाए।
20) इसी प्रकार हरेक ज़िले में निजी अस्पतालों में कोविड beds की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
21) प्रदेश के सभी प्रकार के अस्पतालों में बेड की कुल संख्या, उपलब्धता और बुकिंग की ऑनलाइन व्यवस्था का डेटाबेस तैयार किया जाए।
22) प्रदेश के सभी अस्पतालों में बेड की उपलब्धता के Online आँकड़े प्रदर्शित किए जाए। कुल कितने बेड खाली हैं और कहाँ कहाँ खाली हैं, और हर सुपुर्द किया गया बेड किसे और कहाँ दिया गया, यह जानकारी भी इसी डाटाबेस के माध्यम से 24 घण्टे हर नागरिक के लिए उपलब्ध होगी ताकि किसी तरह के ViP कल्चर, धांधली या घूसखोरी का इल्जाम ना लगे, गरीब और गम्भीर रूप से बीमार मरीज़ो के साथ अन्याय ना हो और सारी व्यवस्था पारदर्शी हो।
23) सरकार छवि की परवाह ना कर जाँच आँकड़ों में पारदर्शिता लेकर आए। सरकार की छवि से ज़्यादा नागरिकों का जीवन महत्वपूर्ण है।
24) जो कोविड अस्पतालों और क्वॉरंटीन सेंटर के Biomedical Waste यथा पीपीई किट,फ़ेस मास्क,ग्लव इत्यादि हैं उसके dumping की उचित व्यवस्था हो।
25) कोरोना के चलते दूसरे बीमारियों के उपचारित मरीज़ों के ईलाज की प्रक्रिया पूर्व की भाँति चलती रहे, उनका उपचार प्रभावित ना हो यह सुनिश्चित किया जाए।
26) वीकेंड कर्फ़्यू लगाया जाए। अगर सरकार का लॉकडाउन का इरादा है तो उसके लिए पहले ही लोगों सूचित कर समुचित व्यवस्था की जाए ताकि आमजन को पूर्व की भाँति किसी प्रकार की कोई समस्या उत्पन्न ना हो। बाहर रह रहे श्रमवीरों और प्रदेशवासियों को भी उचित माध्यम से सूचित किया जाए।
27) बिहार मे अवस्थित सभी रेलवे, सेना, अर्द्धसैनिक बलों सहित भारत सरकार के उपक्रमों के अस्पतालों को फ्रंटलाइन वर्करों के लिए खोल दिये जाएँ। इस संबंध में भारत सरकार से व्यापक आदेश जारी करने हेतु अनुरोध किया जा सकता है।
28) फ्रंटलाइन वर्कर्स जिसमें अधिकारी, कर्मी, चिकित्सक, नर्स, पारामेडिकल स्टाफ, पुलिसकर्मी तथा संविदा कर्मी आदि को तीन महीनों का Advance वेतन दिया जाए एवं
सेवापरांत मृत्यु होने पर कम से कम 50 लाख की आर्थिक सहायता तथा उनके परिवार को एक सदस्य को तुरंत सरकारी नौकरी दिया जाए।
29) ज़रूरत पड़ने पर हमारे पार्टी कार्यालय, मेरे सरकारी आवासीय परिसर का भी सरकार उपयोग कर सकती है।
30) अंत में मैं ये कहना चाहूँगा की जिस प्रकार चुनाव के वक्त आप लोग कैम्पेन मोड में रहते हैं उसी प्रकार Testing और Treatment को भी कैम्पेन मोड में चलाया जाए।
सर्वदलीय बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने दिया ‘5 दिन रोजगार-2 दिन कोरोना पर प्रहार’ का मंत्र
पटना : बिहार में कोरोना के बढ़ रहे प्रसार को लेकर आज आयोजित सर्वदलीय बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर संजय जयसवाल ने कोरोना आपदा से लड़ने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए. उन्होंने ‘5 दिन रोजगार-2 दिन कोरोना पर प्रहार’ का सुझाव देते हुए शुक्रवार शाम 6:00 बजे से सोमवार की सुबह 8:00 बजे तक पूर्ण लॉकडाउन लगाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि प्रत्येक सप्ताह 62 घंटे की बंदी से कोरोना का चेन ब्रेक होगा, जिससे संक्रमण की दर घटेगी. इसके लिए बृहस्पतिवार से ही जनता जागरूक करना शुरू कर देना होगा जिससे किसी को कोई समस्या ना हो. उन्होंने कहा कि दो-तीन दिन की सब्जी और अन्य आवश्यक सामग्रियां कोई भी आसानी से घर में रख सकता है. लोगों के घर में रहने से न केवल इस आपदा पर काबू पाने में सहायता मिलेगी बल्कि आम जनता भी सुरक्षित रहेगी.
कोरोना वायरस के इस नए स्वरूप से बच्चों में फैल रहे संक्रमण पर चिंता जाहिर करते हुए डॉ जायसवाल ने 18 अप्रैल से 1 जून तक गर्मी की छुट्टी घोषित कर देने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि इस कदम से बच्चों और स्कूल के कर्मियों को कम से कम नुकसान होगा. बच्चों की पढ़ाई का नुकसान ना हो इसके लिए आवश्यकता पड़ने पर दशहरे और जाड़े के समय होने वाली छुट्टियां कैंसिल करके कम से कम डेढ़ सौ दिन क्लास चलाए जा सकते हैं.
तीसरा सुझाव देते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर बिहार के बेतिया, मधेपुरा, दरभंगा जैसे जिलों में कोविड से निपटने के लिए एक भी डेडिकेटेड अस्पताल नहीं है, इस दिशा में कारवाई तुरंत प्रारंभ की जाए. हर कमिश्नरी में जिस अस्पताल में सबसे अधिक ऑक्सीजन उपलब्ध हो, उस एक अस्पताल को डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल घोषित कर दिया जाए और चिकित्सकों की कमी को देखते हुए सभी विभागों के चिकित्सकों की डीसीएच में तैनाती की जाए. उन्होंने कहा कि हमें समझना होगा कि चिकित्सक कोई पीपीइ किट नहीं है जिसके 2020 मार्च से अभी तक में हम विश्व के दूसरे बड़े एक्सपोर्टर बन गए हैं. एक चिकित्सक को तैयार करने में 10 से 11 साल लगते हैं. पहले की सरकार के समय की कुव्यवस्था और बिहार में नौकरी न मिलने की वजह से हमारे अधिकांश चिकित्सक अन्य राज्यों में चले गए. उस समय की सरकार की द्वारा की गई ऐतिहासिक भूल की सजा हमें आज तक झेलनी पड़ रही है.
केंद्र व राज्य सरकार की प्रशंसा करते हुए डॉ जायसवाल ने कहा कि बिहार सरकार और भारत सरकार ने नए मेडिकल कॉलेज खोलने का जो ऐतिहासिक कार्य किया है, उसका प्रतिफल 2025 तक मिलेगा, वहीं 2030 तक हर पंचायत में सरकारी चिकित्सकों की उपलब्धता हो जाएगी. अन्य सुझाव देते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को अपनी जान हथेली पर लेकर कोरोना से जूझने वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स का विशेष ख्याल रखना चाहिए. उनके लिए हर समय कम से कम 50 बेड रिजर्व रखने चाहिए, जिससे संक्रमण की चपेट में आने पर इन योद्धाओं को कोई परेशानी न हो. इसके अलावा हमें ट्रेन के माध्यम से दिल्ली और महाराष्ट्र से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जांच करनी चाहिए, वहीं अन्य राज्यों से आने वाले ट्रेनों में रेंडम सैंपल के जरिए टेस्ट किये जा सकते हैं. इसके अलावा चंपारण के डीएम के साथ हुई बैठक में जिले में कहीं भी रेमडीसिवर और टोसिलीजुमैब की उपलब्धता न होने के बारे में बताते हुए डॉ जायसवाल ने इस तरह की जीवनरक्षक दवाइयों की उपलब्धता हर जिले में सुनिश्चित करवाने का अनुरोध किया.
पुर्व सीएम जीतन राम माँझी के सुझाव, बिहार में किसी क़ीमत पर नहीं लगाया जाए लॉक डाउन:- हम
पटना : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम माँझी ने बिहार के महामहिम राज्यपाल के द्वारा कोरोना को लेकर सर्वदलीय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा सुझाव दिए गए ।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने महामहिम राज्यपाल और बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार से कहा की बिहार में किसी क़ीमत पर नहीं लगाया जाए लॉक डाउन ।
मांझी ने कहा कि हम कभी लॉकडाउन के पक्ष में नहीं, लॉकडाउन से गरीब भूखे मर जाएँगें ।कोरोना की जाँच तेज हो और स्वास्थ्य सुविधाएँ बढ़ाई जाए । चिकित्सकों की कमी को देखते हुए प्राईवेट चिकित्सकों की मदद ली जाए । बाहर से आ रहें मज़दूर भाईयों की जाँच की जाए एवं उनको सुविधाएं मुहैया कराया जाए ।
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कांग्रेस ने प्रदेश कार्यालयों को आइसोलेशन सेंटर के रूप में देने की पेशकश
पटना : बिहार के राज्यपाल द्वारा आहूत सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा ने लोकहित में आमजनों और छोटे व्यापारियों और मजदूरों का ख्याल रखते हुए कोविड गाइडलाइन बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि बिहार कांग्रेस लोकहित में अपने सभी जिला कार्यालयों सहित प्रदेश मुख्यालय को कोरोना के लिए आइसोलेशन सेंटर के रूप में देने की पेशकश भी राज्यपाल के समक्ष की। उन्होंने कहा कि सभी अनुमंडलों से लेकर जिला मुख्यालयों के अस्पतालों में जीवनरक्षक दवाईयों और ऑक्सीजन आदि की जरूरतों को पूरा करने में सरकार ध्यान दें जिससे आमजन को कोरोना संक्रमण से समय रहते बचाने में मदद मिल सकें।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना की मौजूदा हालात को देखते हुए सरकारों द्वारा लॉकडाउन और कर्फ्यू की घोषणा तेजी से हो रही है लेकिन बिहार में पिछली बार की तर्ज पर इसबार अनियोजित लॉकडाउन नहीं थोपा जाएं। दैनिक मजदूरों और छोटे व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखकर ही कोरोना कर्फ्यू आदि का अनुपालन कराया जाये। उन्होंने कहा कि बिहार में अनियंत्रित होते कोरोना के हालातों ने एक बार फिर से लोगों में डर का माहौल बना दिया है। समय रहते सरकार द्वारा यदि तदर्थ कार्य न हो तो स्थिति और भयावह होने से इनकार नहीं किया जा सकता ।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा ने कहा कि बिहार कांग्रेस जनहित में सरकार के प्रत्येक फैसले का स्वागत करेगी लेकिन प्रशासनिक स्तर पर सरकार की खामियों को गिनाने में भी पीछे नहीं हटेगी। जिस राज्य में चिकित्सकों की भारी कमी के बावजूद सरकार उनकी बहाली नहीं कर रही है वैसे राज्य में कोरोना के प्रकोप को कम करना बहुत कठिन कार्य है। इसलिए सरकार अपने अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेष ध्यान देकर आमजन को सुविधाओं के अभाव में दर-दर की ठोकरें खाने से बचाएं।
सर्वदलीय बैठक में माले राज्य सचिव कुणाल द्वारा दिए गए सुझाव
1. बिहार के मुख्यमंत्री इस बात की गारंटी करें कि समय-समय पर इस तरह की सर्वदलीय बैठक राज्य से लेकर जिला स्तर पर आयोजित किए जाएं. कोरोना से निपटने में जिला स्तर पर इस तरह की आपसी समझदारी काफी मददगार साबित हो सकती है. भाकपा-माले कोरोना व लाॅकडाउन के पहले दौर से ही इस प्रकार की बैठकों की मांग करते रही है.
2. नेतृत्वकारी पदों पर बैठे लोगों को अपना व्यवहार जिम्मेवाराना बनाना चाहिए. बंगाल चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी व गृहमंत्री अमित शाह मास्क तक का उपयोग नहीं कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपाय जनता के बीच अपनी विश्वसनीयता ही खो देंगे.
3. सबके लिए वैक्सीन का प्रावधान होना चाहिए. 45 की उम्र सीमा तत्काल खत्म की जाए.
4. कोराना संक्रमित लोगों के लिए अभी तक उच्चतर स्वास्थ्य सेवाओं में ही इलाज की व्यवस्था है, जिसके कारण काफी अफरा-तफरी का माहौल रहता है. प्रख्ंाड/अनुमंडल व जिला स्तर पर कोविड के इलाज की व्यवस्था की जाए. सभी जिला अस्पतालों में आईसीयू व बेडों की संख्या तत्काल बढ़ाई जाए और उसे कम से कम दुगुनी की जाए.
5. सभी अस्पतालों में एंबुलेंस सेवाओं की संख्या बढ़ाई जाए.
6. अभी आरटीपीसीआर की रिपोर्ट काफी देर से आ रही है. 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने की व्यवस्था की जाए और टेस्टिंग की संख्या बढ़ाई जाए ताकि संक्रमितों का सही समय पर पहचान व इलाज हो सके और संक्रमण का फैलाव रोका जा सके.
7. निजी अस्पतालों में भी कोविड के इलाज की व्यवस्था की जाए, जिसका खर्च सरकार वहन करे.
8. आॅक्सीजन व रेमडेसीवीर की पर्याप्त व्यवस्था की जाए.
9. जिला स्तर के निजी अस्पतालों में भी कोविड के इलाज की व्यवस्था की जाए.
10. बाहर से आ रहे मजदूरों के ससम्मान घर पहुंचाने की गारंटी की जाए. विगत साल की तरह यातनागृह बन गए क्वारंटीन सेंटरों की बजाए सभी सुविधाओं से युक्त क्वारंटीन सेंटर बनाए जाएं.
11. बाहर से आ रहे मजदूरों के लिए बड़े शहरों में केंद्र बनाए जाएं.
12. रोजगार सृजन की गारंटी की जाए.
13. मनरेगा में काम सृजित किया जाए और उसी तर्ज पर शहरों में भी काम की व्यवस्था हो.
14. प्रवासी मजदूरों सहित सभी गरीबों को अगले तीन महीने तक एकमुश्त 10000 रु. तथा 6 माह का राशन उपलबध करवाया जाए. पीडीएस सिस्टम को ठीक किया जाए.
15. महंगाई व जमाखोरी पर सरकार कठोरता से कार्रवाई करे.
16. बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से ठप्प है, यह कत्तई उचित नहीं है. न्यूनतम पढ़ाई की व्यवस्था की जाए. सभी बच्चों को प्राथमिकता के साथ कोविड का टीका दिया जाए. गरीब टोलों में स्मार्ट टीवी के जरिए पढ़ाई हो.
17. कोरोना रोकने के नाम पर पिछली बार किया गया लाॅकडाउन का अनुभव बहुत ही कड़वा है. वह अपने आप में एक आपदा साबित हुआ. इसलिए लाॅकडाउन लगाने की बजाए सामाजिक जागरूकता व लोगों को समझाने-बुझाने की प्रक्रिया पर जोर देना चाहिए. इसे आतंक का पर्याय नहीं बनाना चाहिए.
18. अगले 6 माह तक पंचायत चुनाव टाल दिए जाएं और काम काज के सुचारू संचालन के लिए उनके अधिकार भी 6 महीने तक बढ़ा दिया जाएं.
आम आदमी पार्टी, बिहार के मुख्यप्रवक्ता डॉ शशिकांत ने दिए राज्यपाल को सुझाव
पटना…आम आदमी पार्टी, बिहार के मुख्यप्रवक्ता डॉ शशिकांत ने महामहिम राज्यपाल महोदय के द्वारा आयोजित सर्वदलीय बैठक करने के निर्णय का स्वागत किया है । उंन्होने अपनी पार्टी की ओर से प्रदेश में बिगड़ती कोरोना की स्थिति को देखते हुए महामहिम के अवलोकनार्थ कुछ बिंदुओं को प्रेषित किया है :-“
(१) दिल्ली के तर्ज़ पर सेंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन सेंटर स्थापित किया जाय ताकि जनमानस को परेशानी न उठाना पड़े और मिनटों में ऑक्सीजन की कमी को पूरा किया जा सके ।
(2) बड़े बड़े मॉल या रेस्टोरेंट या मैरेज हॉल को आइसोलेशन सेंटर बनाने का निर्णय लिया जाय।
(3) वार्ड हो या पंचायत —हर जगह सेनीटेशन की व्यवस्था हो ।
(4) सरकार की ओर से ISO प्रमाणित एक स्तरीय मास्क की आपूर्ति हर लोगो को मुफ्त में हो ।
(5) जिन लोगों के संस्थाएँ/दुकानें सरकार के आदेश से बन्द हो गए हैं और बेरोजगार होकर घर बैठ गए हैं उनके लिए घर पर ही रोज़गार की व्यवस्था सरकार प्राथमिकता के आधार पर करे । अगर ऐसा संभव नहीं है तो उनके एकाउंट में एक मुश्त/प्रति माह एक निर्धारित राशि मानवता के आधार पर सरकार डाले ।
(6) अगर सरकार के निर्णयानुसार लॉक डाउन लगाने का निर्णय लिया जाता है तो पिछली बार की तरह इस बार भी ग़रीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले के खाते में प्रतिमाह 3000 रुपये डाला जाय ।