शिवानन्द बड़े दलबदलू नेता, उनकी वफादारी दिख रही है जदयू के साथ

विजय शंकर
पटना । कांग्रेस के बिहार प्रभारी सासद शक्ति सिंह गोहिल ने राजद के नेता शिवानंद तिवारी के बयान पर पलटवार किया है और कहा है कि वो इतने बड़े दलबदलू नेता हैं कि कितनी बार किस दल में रहे हैं, वो शायद उनको भी याद नहीं होगा । वो जदयू से नेता भी रहे हैं, और सांसद भी । आश्चर्य नहीं कि आज भी उनकी वफादारी जदयू के साथ दिख रही है । शिवानंद तिवारी का बेहूदा बयान सिर्फ भाजपा और जदयू की सरकार, जो कि एक डूबती नैया के समान है, उसको बचाने के लिए और महागठबंधन को तोड़ने के लिए है, जिसको हम पूरी तरह से खारिज करते हैं और आशा करते हैं कि महागठबंधन के सभी नेता इनके बरताव का पूरे जोर से विरोध करके उनकी सस्ती राजनीति जनता के सामने एक्सपोज़ करेंगे । बिहार में बनने वाली जदयू और भाजपा की सरकार बेहद कमजोर होगी क्योंकि बिहार के लोग असल में महागठबंधन की सरकार चाहते हैं। ऐसे समय में सिर्फ जदयू और भाजपा की कमजोर सरकार को मदद करने के लिए और महागठबंधन को कमजोर करने के लिए दलबदलू नेता शिवानंद तिवारी कांग्रेस के ऊपर निराधार आरोप मढ़ रहे हैं।
गोहिल ने पूछा , शिवानंद तिवारी जी, क्या आप बिहार के चुनावी इतिहास से परिचित नहीं कि जब भी राजद ने बिना कांग्रेस पार्टी के चुनाव लड़ा है, चाहे वो संसद का चुनाव हो या विधानसभा का, तो राजद का क्या हश्र हुआ है! इस चुनाव में भी कांग्रेस के हर कार्यकर्ता ने, हर नेता ने महागठबंधन के लिए अपनेआप को झोंक दिया। कांग्रेस पार्टी ने, समान विचारधारा वाले दल साथ रहें और महागठबंधन न टूटे, इसलिए गठबंधन का धर्म निभाते हुए अपने सहयोगी दलों के हर निर्णय को सहर्ष स्वीकार किया । न चाहते हुए भी सिर्फ गठबंधन के धर्म को निभाने के लिए, कांग्रेस पार्टी ने ऐसी सीटें भी स्वीकार कीं, जो महागठबंधन ने 30-30 सालों से नहीं जीती थीं । कई ऐसी सीटें, जहां कांग्रेस के पास मजबूत उम्मीदवार थे, वहां बार बार आग्रह करने के बावज़ूद भी जब वो सीटें हमें नहीं दी गईं, तब भी कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व ने गठबंधन के धर्म को निभाया और जो भी हालात थे उसमें मजबूती से चुनाव लड़ा ।
गोहिल ने आरोप लगाया कि शिवानंद तिवारी जी चाहते हैं कि जदयू और भाजपा की बनने वाली कमजोर सरकार को वो टूटने न दें ,जिससे भविष्य में बनने वाली महागठबंधन सरकार की संभावना समाप्त हो जाए । वो भाजपा और जदयू के इशारे पर अनर्गल बयानबाजी करके कांग्रेस और राजद के बीच में फूट डालने की एक सोची समझी साजिश कर रहे हैं । शायद वो चाहते हैं कि कांग्रेस भी राजद के नेतृत्व पर सवाल खड़ा करे और महागठबंधन टूट जाए, ताकि जदयू और भाजपा की सरकार सलामत रहे । कई ऐसी सीटें जिन पर हार का कारण देखा जाए, तो उसके लिए शिवानंद तिवारी जैसे राजद के नेता ही जिम्मेदार पाए जाएंगे। राजद के नेतृत्व को भी शिवानंद तिवारी जैसे आस्तीन के सांपों को पहचानना होगा, वरना आने वाले दिनों में सबसे ज्यादा नुकसान आईडियोलॉजिकल कमिटमेंट के साथ मिले हुए दलों को होगा और बिहार की जनता को भी होगा।
राहुल गांधी जी को जितनी भी जनसभाएं बिहार में करने के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से आग्रह किया गया, वो सारी जनसभाएं और पूरा वक्त राहुल गांधी जी ने बिहार के कैम्पेन में दिया। कांग्रेस पार्टी की ओर से महागठबंधन की जहां जहां उम्मीदवारों ने स्टार कैम्पेनर की मांग की थी, अपने संसाधन से वहां कांग्रेस पार्टी ने अपने स्टार कैम्पेनर, महागठबंधन के कैंडिडेट्स के लिए भेजे ।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *