नेशनल ब्यूरो 
नयी दिल्ली /छत्तीसगढ़ । छत्तीसगढ़ राज्य के कृषि विज्ञान केन्द्र कोरिया को भारत सरकार द्वारा देश के सर्वश्रेष्ठ कृषि विज्ञान केन्द्र के रूप में पुरस्कृत किया गया है। कृषि विज्ञान केन्द्र कोरिया को छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी के प्रभावी क्रियान्वयन तथा कृषकों में उद्यमिता विकास हेतु सम्मानित किया गया है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के 93 वें स्थापना दिवस के अवसर पर आज कृषि भवन नई दिल्ली में आयोजित सम्मान समारोह में केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कृषि विज्ञान केन्द्र कोरिया को देश भर में संचालित 722 कृषि विज्ञान केन्द्रों में सर्वश्रेष्ठ कृषि विज्ञान केन्द्र के रूप में कृषि विज्ञान राष्ट्रीय प्रोत्साहन पुरस्कार-2020 से सम्मानित किया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कृषि विज्ञान केन्द्र कोरिया की इस गौरवपूर्ण उपलब्धि पर बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। कृषि मंत्री ने कहा है कि कृषि विज्ञान केन्द्र कोरिया की टीम ने अपने अथक परिश्रम एवं नवाचार से कोरिया जिले के किसानों को लाभकारी और उन्नत खेती की ओर प्रेरित किया है।

सम्मान समारोह कार्यक्रम में केन्द्रीय पशुधन विकास मंत्री पुरूषोत्तम रूपाला, कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी एवं सुश्री शोभा करंदलाजे तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्रा, उपमहानिदेशक डॉ. ए.के. सिंह उपस्थित थे। कृषि उत्पादन आयुक्त छत्तीसगढ़ डॉ. एम.गीता, कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान जबलपुर के निदेशक डॉ. एस.आर.के. सिंह, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के. पाटिल एवं निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. एस.सी. मुखर्जी कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल हुए। कृषि विज्ञान केन्द्र कोरिया के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. रंजीत सिंह राजपूत ने यह पुरस्कार वर्चुअल माध्यम से ग्रहण किया। उल्लेखनीय है कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित कृषि विज्ञान केन्द्रों को चौथी बार राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है। इसके पूर्व कृषि विज्ञान केन्द्र बस्तर, कृषि विज्ञान केन्द्र दंतेवाड़ा तथा कृषि विज्ञान केन्द्र कांकेर को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जा चुका है।
कृषि विज्ञान केन्द्र कोरिया को यह सम्मान छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी के प्रभावी क्रियान्वयन, कृषकों को संगठित कर किसान उत्पादक संगठन (कोरिया एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड) की स्थापना, जिले में 55 एकड़ में गौठान ग्रामों में चारागाह विकास कार्यक्रम, नवोन्मेषी कृषि, उद्यानिकी एवं संबंधित गतिविधियों में सिंदूर हर्बल पावडर, लेमनग्रास चायपत्ती, शकरकंद आटा, हल्दी, नीलगिरी एवं सौंफ की पत्तियों व टहनियों से सगंध तेल निष्कासन एवं गौठान ग्रामों में सौंफ की खेती का सफल प्रदर्शन, शहद उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए आदिवासी कृषकों का समूह बनाकर मधुमक्खी पालन एवं दलहन तथा तिलहन फसलों की उन्नत प्रजातियों का कल्स्टर प्रदर्शन, छत्तीसगढ़ में किसानों की आय बढ़ाने हेतु विभिन्न फसलों के प्रसंस्करण एवं विपणन आदि नवोन्मेषी कार्यों के सफल क्रियान्वयन हेतु प्रदान किया गया है।
उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन-कोरिया के सहयोग से कृषि विज्ञान केन्द्र कोरिया द्वारा 55 एकड़ में गौठान ग्रामों में चारागाह विकास कार्यक्रम के अंतर्गत चारा फसलों की उन्नत किस्मों जैसे-नेपियर, बहुवर्षीय ज्वार का प्रादर्श प्रक्षेत्र स्थापित किया गया। गौठान ग्रामों में नगदी फसलों को बढ़ावा देने के लिए 35 एकड़ में हल्दी की उन्नत प्रजातियाँ जैसे-रोमा, बी.एस.आर-2 एवं रश्मि का प्रदर्शन प्रक्षेत्र स्थापित किया गया है। कृषकों की सामूहिक बाड़ियों का चयन कर 75 एकड़ में ड्रिप पद्धति से फलदार मातृवाटिका तैयार कर अर्न्तवर्तीय खेती के रुप में सामूहिक बाड़ियों में फसल विविधकरण के अंतर्गत 40-50 एकड़ में पड़त भूमि विकास के अंतर्गत लेमनग्रास, खस, पामारोजा, सिट्रोनेला एवं शकरकन्द इत्यादि का रोपण कर पड़त भूमि की फसल सघनता को 300 प्रतिशत तक आंका गया। केन्द्र द्वारा बाड़ी विकास कार्यक्रम में सब्जियों की उन्नत प्रजाति सह फलदार पौध रोपण का तकनीकी प्रदर्शन 200 बाड़ियों में क्रियान्वित किया गया।

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