विजय शंकर
पटना : जनता दल यूनाइटेड के पूर्व विधान पार्षद व प्रवक्ता प्रो0 रणबीर नंदन ने कहा कि पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद हम सबको मिलकर काम करना है। माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने पंचायतों को सशक्त करने का कार्य किया है। जिस त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की परिकल्पना की गई थी, उसको साकार किया गया। वर्ष 2001 में हुए पंचायत चुनाव के बाद से मुखिया से लेकर जिला परिषद अध्यक्ष तक को किसी प्रकार के अधिकार नहीं दिए गए थे। राज्य सरकार सारी शक्ति अपने हाथ में समेटे हुए थी। वर्ष 2005 में सत्ता संभालते ही माननीय मुख्यमंत्री ने पंचायतों को सशक्त करना शुरू किया। उनके अधिकार दिए गए। मुखिया की जिम्मेदारी बढ़ी तो ग्रास रूट लेवल पर विकास दिखने लगा।
प्रो0 नंदन ने कहा कि वर्ष 2006 के पंचायत चुनाव से पहले माननीय मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक फैसला लिया, महिलाओं को पंचायती राज व्यवस्था में बराबरी का अधिकार देने का। महिलाओं के हाथों में पंचायती राज संस्थाओं की जिम्मेदारी आई तो काम की गति निचले स्तर पर बढ़ी। प्रदेश के गांव भी विकास की रेस में साझीदार हुए और सरकार ने डबल डिजिट ग्रोथ के स्तर को लगातार बनाए रखा। माननीय मुख्यमंत्री भी मानते हैं कि बिना गांवों का विकास किए बिना समेकित विकास के लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सकता है। इसलिए, पंचायती राज संस्थाएं आज के समय में सबसे अधिक सशक्त हैं।
प्रो0 नंदन ने कहा कि पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद बूथ स्तर तक के जदयू कार्यकर्ताओं को इसी तैयारी में जुट जाना चाहिए। हमें देखना होगा कि माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी की विचारधारा का समर्थन करने वाले उम्मीदवारों को किस प्रकार से चुनाव में जीत दिलाई जाए। इसके लिए रणनीति तैयार करें। उन्हें प्रोत्साहित करें। उनके साथ खड़े रहें। चुनाव में अपने उम्मीदवार की जीत के लिए मेहनत करें। इससे पंचायती राज व्यवस्था को और अधिक बेहतर बनाने में हमें मदद मिलेगी। बड़ी संख्या में जदयू की रीति व नीति में यकीन रखने वाले और इसे आगे बढ़ाने वाले पार्टी के कार्यकर्ता व समर्थक भी इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमाएंगे। उनके साथ भी हमें मिलकर काम करना है।
प्रो0 नंदन ने कहा कि ऐसे हजारों प्रत्याशियों के लिए हमारे नेता नीतीश कुमार के काम उनके लिए जीत का आधार तैयार करेंगे। भले ही पंचायत चुनाव दलगत आधार पर न लड़े जा रहे हो, पर जदयू कार्यकर्ताओं के लिए यह चुनाव राजनीतिक जमीन तैयार करने का एक सुअवसर साबित होगा। जदयू के कार्यकर्ता अपनी विचारधारा से जुड़े प्रत्याशियों को परोक्ष रूप से ही सही, संबल तथा ताकत प्रदान करेंगे। हमारे नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पंचायतों को बिहार में सशक्त किया है। वर्ष 2005 के पहले त्रिस्तरीय पंचायतों का क्या हाल था किसी से छुपा नहीं है। नीतीश सरकार द्वारा पंचायतों में लागू आरक्षण देश के लिए नजीर बन चुका है। हजारों की संख्या में तैयार हुआ महिला, दलित, पिछड़ा, अतिपिछड़ा नेतृत्व बिहार के समाज व राजनीति को नीतीश कुमार की बड़ी देन है।
माननीय मुख्यमंत्री ने पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत व क्रियाशील बनाए रखने के लिए बजट प्रावधानों को बढ़ाया है। ग्रामीण विकास विभाग का वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट 16409.66 करोड़ है। पंचायती राज विभाग का 9544.93 करोड़ और ग्रामीण कार्य विभाग का 9224.14 करोड़ है। ये तीनों विभाग गांवों के विकास से सीधे जुड़े हुए हैं। ग्रामीण विकास की योजनाओं के चयन के लिए पंचायतों की आम सभा को प्रभावी बनाया गया है। वहीं, प्रखंड प्रमुख व जिला परिषद अध्यक्ष की टीम की भी ग्रामीण विकास में बड़ी भूमिका है। जदयू व माननीय मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों कोरोना संक्रमण के बीच पंचायत चुनाव में देरी के कारण परामर्शी समिति के गठन का निर्णय लिया, वह पंचायती राज संस्थानों के प्रति सरकार की संवदेनशीलता का उदाहरण है। हम सबको मिलकर माननी मुख्यमंत्री के इन कार्यों को जनता के बीच ले जाकर समर्थित उम्मीदवार की जीत के लिए कार्य करना है।