बंगाल ब्यूरो
कोलकाता। अप्रैल-मई महीने में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी को करारी शिकस्त देने वाली तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के खिलाफ मुख्य चेहरा बनने के लिए कमर कसकर तैयार दिख रही हैं। इसका खुलासा उन्होंने अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के मुखपत्र “जागो बांग्ला” में किया है। एक दिन पहले ही उन्होंने जागो बांग्ला के दुर्गा पूजा अंक का विमोचन किया है। इसकी जो प्रति प्रकाशित की गई है उसमें बनर्जी ने एक लेख लिखा है। इसमें उन्होंने भविष्य की योजना का खुलासा करते हुए कहा है, “भारतीय जनता पार्टी से लड़ने में कांग्रेस नाकाम रही है और अब हमारी जिम्मेवारी है।”
उनके इस लेख से इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि 2024 के आम चुनाव में वह तृणमूल कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट की जाएंगी और नरेन्द्र मोदी के खिलाफ मुख्य चेहरा होंगी।
जागो बांग्ला के दुर्गा पूजा के अंक में ममता बनर्जी ने लिखा है, “कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लोकतांत्रिक लड़ाई लड़ने में पूरी तरह से विफल रही है। इसलिए भारत के लोगों ने तृणमूल कांग्रेस को फांसीवादी पार्टी (भाजपा) को हटाकर एक नया भारत बनाने की जिम्मेदारी दे दी है। इस साल की शुरुआत में राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ तृणमूल की शानदार जीत ने देश भर के लोगों का विश्वास अर्जित किया है।”
बनर्जी ने आगे लिखा है कि भाजपा विधानसभा चुनाव में अपनी हार को स्वीकार करने में विफल रही है और अभी भी प्रतिशोध की राजनीति कर रही है।
ममता ने आगे लिखा है, “तृणमूल के सामने नहीं चुनौतियां हैं। दिल्ली हमें पुकार रही है। इस देश के लोग जनविरोधी नीतियों से राहत चाहते हैं। वे फासीवादी ताकतों को हराना चाहते हैं। देशभर के लोग तृणमूल को लेकर एक नए भारत का सपना देख रहे हैं। बंगाल की सीमाओं को पार कर तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व के पास विभिन्न राज्यों से फोन आ रहे हैं। लोग चाहते हैं कि बंगाल एक नए भारत के लिए लड़ाई का नेतृत्व करे। इसलिए हम कह रहे हैं कि हमें लोगों की पुकार का जवाब देना है। हमें लोगों की इच्छाओं को पूरा करना है और सभी भाजपा विरोधी ताकतों को एक मंच पर लाना है।”
हालांकि ममता ने यह भी लिखा कि उन्होंने कभी भी कांग्रेस के बगैर विपक्षी एकता के बारे में नहीं सोचा है लेकिन हकीकत यह है कि हाल के दिनों में कांग्रेस भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ने में विफल रही है। पिछले दो लोकसभा चुनावों में यह साबित हो गया है। इससे जनता का विश्वास टूटा है। पिछले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को कई राज्यों में वोट मिले लेकिन इस बार हम ऐसा होने नहीं दे सकते।
देश की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस को नसीहत देते हुए ममता ने आगे लिखा है, “हम विपक्षी महागठबंधन का नेतृत्व नहीं चाहते हैं लेकिन कांग्रेस को यह वास्तविकता समझनी और स्वीकार करनी होगी अन्यथा गठबंधन में फुट पड़ेगी। इस बार अखिल भारतीय स्तर पर भाजपा विरोधी ताकतों को एकजुट करने में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।”
इसके साथ ही ममता ने इस बात के भी संकेत दिए हैं कि उनकी पार्टी केंद्र की भाजपा सरकार को हटाने में सफल है क्योंकि हाल के चुनाव में राज्य सरकार के विकास मॉडल ने केंद्र की सरकार में शामिल पार्टी की सभी चाल को नाकाम कर दिया है।
ममता ने अपने लेख में कहा है कि वह इस विकास मॉडल को पूरे देश में एक व्यवहारिक मॉडल के तौर पर पेश करना चाहती हैं जो देश के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा कर सकता है। तृणमूल कांग्रेस लोगों की उम्मीदों को पूरा करने में एक कदम भी पीछे नहीं हटेगी।
ममता ने यह भी कहा है कि हाल के दिनों में भाजपा के खिलाफ असली विपक्ष तृणमूल कांग्रेस ही है।
उल्लेखनीय है कि बंगाल चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी के लगभग सभी दिग्गज नेताओं ने मैराथन प्रचार प्रसार किया था। बावजूद इसके ममता बनर्जी की पार्टी को प्रचंड बहुमत के साथ जीत मिली है जिसके बाद पूरे देश में भाजपा के खिलाफ ममता बनर्जी विकल्प के तौर पर देखी जा रही हैं। इससे तृणमूल कांग्रेस का मनोबल बढ़ा हुआ है और इसी कारण भाजपा की सरकार वाले त्रिपुरा में भी पार्टी ने अपनी जड़े जमानी शुरू कर दी है वहां 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर देने की तैयारी कर रही है। गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लुइजिन्हो फलेरियो भी तृणमूल में शामिल हो चुके हैं और उत्तर प्रदेश में भी पार्टी ने नई इकाई का गठन कर वहां विधानसभा चुनाव में ताल ठोकने की तैयारी कर ली है। इसके पहले भी जागो बांग्ला में पार्टी की ओर से लिखे गए एक लेख ने राहुल गांधी को असफल नेता करार दिया गया था और ममता बनर्जी को मोदी के समक्ष विकल्प के तौर पर पेश किया गया था।