बिहार ब्यूरो
पटना : भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय के अधीन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम – विकास संस्थान, पटना के द्वारा आज बिहार इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में एसोसिएशन प्रांगण में एकल उपयोग वाले प्लास्टिक निर्मित वस्तुओं के विकल्प विषय पर विचार विमर्श हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन बीआईए अध्यक्ष अरूण अग्रवाल एवं एमएसएमई विकास संस्थान के सहायक निदेशक ग्रेड-1 नवीन कुमार द्वारा किया गया।

इस अवसर पर राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद पटना के क्षेत्रिय निदेशक ए. के. सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। एमएसएमई पटना के सहायक निदेशक श्री रविकांत ने कार्यशाला में भाग लेने आये सभी अतिथियों एवं उद्यामियों का स्वागत किया। श्री नवीन कुमार सहायक निदेशक ने प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल 2016 एवं 2021 के विषय में संक्षिप्त में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पर्यावरण को सुरक्षित रखने हेतु आज के परिवेश में प्लास्टिक वस्तुओं के बदले अन्य विकल्पों पर चर्चा जरूरी है। जिससे कि प्लास्टिक पर हमारी निर्भरता कम हो सके।
बिहार इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष अरूण अग्रवाल ने कहा कि प्लास्टिक हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। आज हरेक व्यक्ति के जीवन की दिनचर्या प्लास्टिक के वस्तु को हाथ में लिए शुरू होती है। प्लास्टिक को जीवन से पूरी तरह अलग कर दिया जाय यह पूरी तरह असंभव लगता है। लेकिन प्लास्टिक के तमाम उपयोग एवं अच्छायियों के रहते हुए भी इसके कुछ अवगुण है इसका सबसे बड़ा अवगुण इसका पूरी तरह नष्ट न होना है। जिसके कारण प्लास्टिक के वस्तुओं का डिस्पोजल वर्तमान में एक वैश्वीक समस्या बन गयी है साथ ही एक चुनौति बन गयी है। सरकार ने ऐसा निर्णय लिया है कि एकल उपयोग (Single Use) वाले प्लास्टिक के वस्तुओं का उत्पादन क्रय विक्रय, भंडारण जैसी सभी तरह की गतिविधियां पूरी तरह से प्रतिबन्धित हो जायेगी। एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में हम इस चिन्तन का समर्थन करते हैं लेकिन उद्योग के दृष्टिकोण से देखें तो हमारी सबसे बड़ी चिन्ता इस क्षेत्र में कार्यरत उद्योगों तथा उसमें लगे कामगारों के भविष्य को ले कर है। क्योंकि सिंगल यूज प्लास्टिक निर्माण व्यवसाय में मुख्य रूप से सूक्ष्म एवं लघु क्षेत्र के उद्योग एवं उद्यमी शामिल हैं जिनके उद्योग में भारी निवेश है। इसके माध्यम से लाखो लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है। सरकार के निर्णय के आलोक में एकल उपयोग प्लास्टिक से संबंधित सभी तरह की गतिविधियां प्रतिबन्धित होने वाली है जिसके कारण इस व्यवसाय से जुड़े उद्यमी, कामगार के समक्ष गम्भीर संकट आने वाला है। पुनः सरकार की ओर से एकल उपयोग वाले प्लास्टिक के वस्तुओं के विकल्प का भी कोई रास्ता नहीं दिखाया जा रहा है जिससे अचानक मांग एवं आपूर्त्ति में भारी गैप हो जायेगी। आज की कार्यशाला इस विषय को ले कर है कि एकल उपयोग प्लास्टिक का क्या विकल्प है। हम आशा करते हैं कि आज के कार्यशाला से बहुत सारी चीजें स्पष्ट होंगी।
राष्ट्रीय उतपादकता परिषद के निदेशक ए.के. सिंह ने उद्यमियों को संबोधित किया एवं प्लास्टिक प्रयोग को कम करने हेतु सुझाव दिया। श्री सम्राट एम. झा सहायक निदेशक, एमएसएमई-विकास संस्थान, पटना ने अपने प्रस्तुतिकरण में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट एवं संबंधित विषयों पर विस्तार से बताया। अरविंद कुमार सिंह, उपाध्यक्ष बीआईए ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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