निर्माण कार्यों में फ्लाई एश ईंटों का उपयोग बढ़ा
डिप्टी सीएम को सौंपा गया मांग पत्र

न्यूज ब्यूरो 

पटना। बिहार में सरकारी निर्माण कार्यों में फ्लाई ऐश ईटों का प्रयोग बढ़ा है। सरकारी ठेकेदार इसी तरह के ईटों की खरीद करके उससे नए नए भवन बना रहे हैं।
पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार ने सरकारी कार्यों में लाल ईंटो के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। इससे पर्यावरण कितना सुरक्षित हो रहा है, इसका तो पता नहीं, मगर इससे सीधे तौर पर पारंपरिक ईंट भट्ठा कारोबार की परेशानी बढ़ गई है।
बिहार में सरकारी कार्यों में लाल ईंट की रोक पर ईट भट्ठा मालिक परेशान हैं। प्रदेश स्तर के ईंट भट्ठा मालिकों के प्रतिनिधिमण्डल बिहार के डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद से मिलकर इस दिशा में उचित निर्णय लेने की मांग कर रहे हैं।
ईट भट्ठा मालिकों के मानें तो सरकार तमाम टैक्स लेने के बावजूद अचानक लाल ईंट पर सरकारी कार्य में रोक लगा दी है, जिससे ईंट भट्ठे में बने हुए ईटों का अंबार सा लग गया है।
भट्ठा मालिकों के माने तो सिर्फ निजी इस्तेमाल से लाल ईंट की जो निर्माण होता है। उसकी खपत पूरी लग जाना असंभव है। अधिकतर इस्तेमाल सरकारी कार्य में ही होता है।
इसके अलावा पूरे बिहार के सबसे ज्यादा मजदूरों के लिए रोजगार सृजन भी ईंट भट्ठों से ही होता है। ऐसे में लाल ईंटों पर सरकार के रेड सिग्नल पर रोजगार सृजन पर भी बड़ा असर हो सकता है।
इस पर ईंट भट्ठा मालिकों ने सरकार से मिलकर उचित निर्णय लेने की मांग किया है।
डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद ने कहा कि इस संबंध में कई बिंदुओं को लेकर बातचीत हुई। पर्यावरण के हित को ध्यान में रखते हुए सरकार कई चीजों पर रोक लगाती है। हालांकि कई बार इससे दूसरी चीजों काफी प्रभावित होती हैं।
इसी को लेकर हम आगे बातचीत करेंगे और इनकी समस्या कम हो, इसका ध्यान रखेंगे।
दूसरी ओर मिट्टी के आठ बनाने वाले चिमनी भट्ठा मालिकों का कहना है कि रोजगार के साधनों को बनाए रखने के लिए सरकार को मिट्टी के ईंट निर्माण की अनुमति जारी रखनी होगी।

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