न्यूज ब्यूरो 

पटना : राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री राम सूरत कुमार ने सोमवार को  पटना के होटल मौर्या में जमीनी बातें सीरीज कीे पहली बैठक का शुभारंभ किया।
बैठक में बोलते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने कहा कि एन0सी0ई0ए0आर0 ने बिहार को वर्ष 2020-21 के लिए देश का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य घोषित किया हुआ है। हम एक साल में 23वें स्थान से 8वें स्थान पर पहुंचे हैं। वाकई यह उपलब्धि गर्व करनेवाली है, किन्तु मुझे वास्तविक खुशी तब होगी जब आम लोगों की नजर में हमारे विभाग की रैंकिंग उंची हो।
जब आम लोगों का काम बगैर किसी परेशानी के होने लगे, उन्हें दौड़ भाग से मुक्ति मिल जाए तभी वास्तविक अर्थ में समझा जाएगा कि हमने कुछ उपलब्धि हासिल की है और हमारी रैंकिंग में सुधार हुआ है। जब जमीन से अच्छा फीडबैक मिले तभी रैंकिंग का मतलब है।

राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने कहा कि बिहार में मार-पीट और खून खराबे का सबसे बड़ा कारण भूमि विवाद ही है। मुख्यमंत्री भी कई दफा यह बात कह चुके है। इस लिए भूमि विवादों को कम से कम करने को लेकर वो काफी सजग हैं। मंत्री महोदय ने कहा कि हमने कड़ी मेहनत करके कई उपब्धियां हासिल की हैं। आॅनलाइन सेवाएं शुरू की गई हैं। सुधार हो रहा है, जो दिख भी रहा है। लोग बोल भी रहे हैं। किसान परिवार से आने की वजह से भी मैं किसानों को परेशानी को दूर करने के लिए काफी तत्पर रहता हूं।
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने कहा कि इस तरह के आयोजन होते रहने चाहिए। देश में जहां भी अच्छा काम हो रहा है उससे सीखने की जरूरत है। उन्होंने मध्यप्रदेश के प्रतिनिधियों का खासकर स्वागत करते हुए कहा कि लैंड रिकाॅर्ड्स माडर्नाईजेशन के मामले में मध्यप्रदेश हमसे अच्छा काम कर रहा है इसलिए हमें उनसे सीखने की जरुरत है।
मंत्री ने उम्मीद जताई कि आनेवाले दिनों में विभाग और अच्छा काम करके दिखाएगा। विभाग में बड़ी संख्या में कर्मियों की बहाली हुई है। आने वाले दिनों में राजस्व कर्मचारी एवं और अमीन की बहाली होनेवाली है।
मंत्री महोदय ने कहा कि देश में भू-अभिलेखों के डिजिटाइजेशन एवं आधुनिकीकरण कार्यों का मूल्यांकन करनेवाली एजेंसी ने बिहार को वर्ष 2020-21 के लिए देश का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य घोषित किया हुआ है।
हम एक साल में 23वें स्थान से 8वें स्थान पर पहुंचे हैं। अगर हम इसके चार अलग-अलग कंपोनेंट्स की बात करें तो लैंड रिकाॅर्ड्स की क्वाॅलिटी के मामले में हम पांचवें पायदान के राज्य तमिलनाडु से बेहतर हैं जबकि स्पेशियल रिकाॅर्ड्स के रख-रखाव में हम चैथे नंबर के राज्य महाराष्ट्र और छठे नंबर के राज्य आंध्र प्रदेश से काफी आगे हैं।
हम और आगे जाना चाहते हैं और मध्यप्रदेश के साथ हमारी इस कार्यशाला के बाद हमारे प्रयासों को निश्चित रूप से गति पकड़ेगी।

इससे पूर्व श्री राम सूरत कुमार द्वारा सभागार में उपस्थित अथितियों का स्वागत किया गया। मध्यप्रदेश की टीम का नेतृत्व वहां के लैंड रिकाॅर्ड् के कमिश्नर श्री ज्ञानेश्वर वी0 पाटिल ने किया। आई0आई0टी0 रुडकी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग की टीम ने प्रोफेसर कमल जैन के नेतृत्व में कार्यशाला में भाग लिया।
सर्वे आॅफ इंडिया, देहरादून का प्रतिनिधित्व कर्नल अमरदीप सिंह, अतिरिक्त सर्वेयर जनरल कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त केरल से लैंड रिकाॅर्ड्स के निदेशक शिवाजी राव ने वीडियों काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यशाला में हिस्सा लिया। बैठक में बिहार के विभिन्न जिलों के पांच अपर समाहर्ता, भूमि सुधार उप समाहर्ता, अंचल अधिकारी, बंदोबस्त पदाधिकारी, शिविर प्रभारी ने हिस्सा ले रहे हैं।
यह कार्यशाला होटल मौर्य के नालंदा सभागार में आज और कल दो दिनों के लिए आयोजित की गई है।
इससे पहले राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री विवेक कुमार सिंह ने कहा कि ’जमीनी बातें’ एक श्रृंखला होगी और नियमित अंतराल पर इस तरह की बैठकों का आयोजन किया जाएगा। आज की बैठक इस श्रृंखला की पहली कड़ी है। जल्द ही हम देश की राजधानी दिल्ली में इस तरह की दूसरी बैठक करने जा रहे हैं।
यह बैठक नई दिल्ली में 30 और 31 अक्टूबर को नई दिल्ली में आयोजित होगी। नवंबर और दिसंबर माह में भी इस तरह के आयोजन करने की योजना है। इस तरह की बैठकों में हिस्सेदारी करने वाले राज्य, संस्थाएं और उसमें शिरकत करनेवाले आम लोग जमीन संबंधी अपनी समस्याएं रखेंगे जिनका समाधान ढूंढने की कोशिश की जाएगी। इससे हम अपनी कार्यक्षमता में सुधार करेंगे जिसका असली मकसद आमलोंगो को सहूलियत देना होगी।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि इस महीने से ही हम रिकाॅर्ड आॅफ राइट यानि खतियान की डिजिटाइज्ड कापी डिजिटल साइन के जरिए उपलब्ध कराने जा रहे हैं। यह खतियान जो कैडेस्ट्रल और रिविजनल दोनों प्रकृति का है आधुनिक अभिलेखागार सह डाटा केन्द्र के जरिए उपलब्ध कराया जाएगा। शुरू में 4500 गांवों का डिजिटल खतियान उपलब्ध कराया जाएगा। बाद में मौजूदा सर्वे से प्राप्त खतियान की काॅपी एवं डिजिटल नक्शा भी आम लोगों को दिया जाएगा।

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