आदेश से जनप्रतिनिधियों में हर्ष का माहौल

न्यूज ब्यूरो 

पटना।. राज्य के विभिन्न विकास योजनाओं में खासकर, ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित योजनाओं के शिलान्यास एवं उद्घाटन में क्षेत्रीय सांसद और विधायक को जरूर बुलाया जाएगा। ग्रामीण कार्य विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी करके सभी कार्यपालक अभियंताओं को मुस्तैद रहने को कहा है।

मालूम हो कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र में है भाजपा के विधायक ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से सदन में यह बताया था कि अब तो विधायकों का कोई वजूद ही नहीं। ग्रामीण कार्य विभाग अब तो सड़कों के उद्घाटन-शिलान्यास की जानकारी भी विधायकों को नहीं दे रहा। इस पर विस अध्यक्ष ने कहा था कि यह तो मर्यादा का सवाल है। सदन में सरकार की भद्द पिटी तो अब जाकर विभाग नींद से जागा है।
भद्द पिटने के बाद अब जाकर ग्रामीण कार्य विभाग ने सभी कार्यपालक अभियंताओं को पत्र लिखकर राज्य संचालित सभी योजनाओं के शिलान्यास ,उद्घाटन में सांसद , विधायकों को आमंत्रित करने का कहा है।
ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने जारी पत्र में कहा है कि विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं के शिलान्यास व उद्घाटन कार्यक्रम में हर हाल में संबंधित सांसदों-विधायकों को आमंत्रित कर उनके कर कमलों द्वारा शिलान्यास एवं उद्घाटन कार्यक्रम संपन्न कराएं.
विशेष परिस्थिति में यदि शिलान्यास, उद्घाटन कार्यक्रम राजकीय या जिला स्तर पर मुख्यमंत्री या मंत्री द्वारा कार्यक्रम संपन्न की जा रही हो , तब इस बात का ध्यान रखें कि योजना का निविदा निस्तारण हो गया हो ।
उसी का शिलान्यास एवंं भौतिक रूप से कार्य पूर्ण योजना का ही उद्घाटन करायें. इस कार्यक्रम में सांसदों विधायकों एवं जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित करना सुनिश्चित करें.

आदेश का पालन नहीं करने वालों पर होगी कार्रवाई

सचिव ने कहा है कि पूर्व में राजकीय समारोह में जिन योजनाओं का उद्घाटन शिलान्यास संपन्न हो गया हो उनका सिलापट्ट कार्यस्थल पर लगाए जाने, कार्यारंभ की विवरणी एवं भौतिक प्रगति की सूचना 1 सप्ताह में उपलब्ध कराएं. जिन शिलान्यास किये योजनाओं में कार्यारंभ प्रारंभ नहीं हुआ है वैसी योजनाओं के संबंध में कारण सहित विवरणी संबंधित विधायकों के साथ-साथ विभाग को भी उपलब्ध कराएं. जिन योजनाओं का शिलान्यास-उद्घाटन नहीं किया गया है उन योजनाओं के कार्य आरंभ किए जाने एवं भौतिक रूप से कार्य पूर्ण होते ही योजनाओं का विधानसभा वार सूची तैयार कर संबंधित सांसद विधायकों जनप्रतिनिधियों को 1 सप्ताह के अंदर उपलब्ध कराएं ताकि नियमानुसार योजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन संपन्न हो सके.
इस आदेश का अनुपालन नहीं करने वाले पदाधिकारियों के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल, गत 1 दिसंबर को विस में भाजपा के झंझारपुर से विधायक नीतीश मिश्रा ने सवाल उठाया था। उन्होंने कहा कि ग्रामीण कार्य विभाग क्षेत्र में बन रही या बनने वाली सड़कों के बारे में कोई जानकारी ही नहीं देता है। क्षेत्र में सड़क का शिलान्यास,उद्घाटन हो रहा फिर भी कोई जानकारी नहीं दी जाती। सूचना मांगने के बाद भी ग्रामीण कार्य विभाग के इंजीनियर सूची नहीं देते। आखिर विधायकों को सूचना नहीं देने के पीछे वजह क्या है, यह स्पष्ट होना चाहिए। नीतीश मिश्रा के इस सवाल पर पूरा सदन एक साथ हो गया। आसन पर बैठे अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि यह तो विधायकों के मर्यादा से जुड़ा सवाल है। विधायकों को जानकारी मिलनी ही चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री ने पहले आश्वस्त किया कि उद्घाटन शिलान्यास के बारे में जानकारी हर हाल में मिलनी चाहिए।

पत्र से ही सीएम नीतीश के बयान की खुल गई पोल

हालांकि तब सीएम नीतीश ने कहा था कि विधायकों-सांसदों से ग्रामीण कार्य विभाग की सड़कों के उद्घाटन-शिलान्यास कराने संबंधी आदेश पहले से ही जारी है। लेकिन ग्रमीण कार्य विभाग के सचिव ने 7 दिसंबर को जो आदेश जारी किया है उसमें पहले के किसी आदेश का जिक्र नहीं किया है।
अमूमन अगर पहले से कोई आदेश जारी रहता है और फिर उसी संबंध में नया पत्र जारी किया जाता है तो उस पत्र का उल्लेख जरूर किया जाता है। यानी विधायकों से उद्घाटन-शिलान्यास कराने संबंधी अलग से कोई पत्र ग्रामीण कार्य विभाग की तरफ से जारी नहीं की गई थी। बाहर हाल विभाग के इस आदेश से जनप्रतिनिधियों में हर्ष का माहौल है। बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में नीतीश सरकार की इस विषय पर भारी किरकिरी हुई थी। सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों ने सुशासन नाम पर अफसरों की मनमानी का सवाल उठाकर काफी शोरगुल, हंगामा मचाया था।

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