स्वास्थ्य मंत्रालय से मीटिंग के बाद चुनाव आयोग ने नहीं किया खुलासा
नेशनल ब्यूरो
नई दिल्ली। देश के यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में 2022 के शुरुआती महीनों में विधानसभा चुनाव होना है। लेकिन कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता जताई जा रही है। पिछले दिनों इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी पीएम नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग से अपील की थी कि ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए चुनावों को टाल दिया जाए । उसके बाद आयोग ने कहा था कि हम अगले सप्ताह इस बारे में फैसला लेंगे । स्वास्थ्य मंत्रालय से मीटिंग के बाद चुनाव आयोग ने कोई जानकारी नहीं दी है, लेकिन माना जा रहा है कि इलेक्शन तय समय पर हो सकते हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अजय भल्ला ने चुनाव आयोग को बताया कि किस राज्य में कितना टीकाकरण हुआ है। उत्तराखंड और गोवा में करीब 100 फीसदी वयस्कों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगने वाली है। इसके अलावा यूपी में 85 फीसदी लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है। पंजाब और मणिपुर में यह दर 80 फीसदी है। चुनाव आयोग ने हेल्थ मिनिस्ट्री से कहा है कि जिन राज्यों में वैक्सीनेशन कम है, वहां गति में इजाफा किया जाए। आयोग के इस आदेश से संकेत मिले हैं कि ओमिक्रॉन के चलते ये चुनाव टाले नहीं जाएंगे, यह तय समय पर ही होंगे।
सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग अपने शेड्यूल पर टिका रहना चाहता है। आयोग ने चुनावी राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर के स्वास्थ्य सचिवों के साथ ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों पर चर्चा की है। इन राज्यों में वैक्सीन कवरेज और ओमिक्रॉन केसेज का आंकड़ा भी मांगा है। हालांकि कहा जा रहा है कि चुनाव आयोग कुछ सख्त कदम उठा सकता है। चुनाव के पहले राज्यों के हालात को समझ कर इसका फैसला किया जाएगा। चुनाव को लेकर अधिसूचना जनवरी में जारी हो सकती ओमिक्रॉन के बाद भी क्यों चुनाव नहीं टालना चाहता आयोग
दरअसल चुनाव न होने की स्थिति में यूपी समेत 5 राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाना होगा। यदि ऐसा होता है तो चुनाव की जो तैयारियां हो चुकी हैं, वह स्थगित हो जाएंगी। इसके बाद नए सिरे से पांचों राज्यों में चुनाव की तैयारियां करनी होंगी। चुनाव आयोग इस बार प्रचार और भीड़ प्रबंधन पर एहतियातन कड़े कदम उठा सकता है।