विजय शंकर
पटना । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कहा कि वर्ष 2020 के चुनाव के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनने की इच्छा नहीं थी। उन्होंने भाजपा नेतृत्व के समक्ष भी यह बात रखी थी कि वे मुख्यमंत्री बनना नहीं चाहते हैं। भाजपा की ओर से ही कोई मुख्यमंत्री बने । पर, भाजपा नेतृत्व इस पर राजी नहीं हुआ और मुझ पर मुख्यमंत्री बनने का दबाव डाला गया । जदयू की बैठक के बाद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता केसी त्यागी ने प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी।
केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार संख्या बल के नेता नहीं, बल्कि साख के नेता है। नीतीश कुमार के नेतृत्व और उनके आभामंडल को संख्या बल से जोड़ कर नहीं देखा जा सकता है। नीतीश कुमार की साख में तनिक भी कमी नहीं आई है। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में भी जदयू को पूर्व की भांति वोट मिले हैं। इस चुनाव में भी खासकर महिलाओं और उपेक्षित वर्ग, जिन्हें मुख्य धारा से अलग रखा जाता रहा है, उनका पूरा समर्थन एनडीए को मिला है ।