रांची ब्यूरो
रांची : चारा घोटाले की सबसे बड़ी 339.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी मामले में दोषी करार दिए गए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव होटवार जेल से रिम्स पहुंच गए हैं। 21 फरवरी को उन्हें सजा सुनाई जानी है। लालू तब तक यहीं रहेंगे। सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने लालू की तबीयत खराब होने के नाते उनके वकील की अर्जी पर उन्हें रिम्स में डॉक्टरों की निगरानी में रहने की इजाजत दी है।
रिम्स के बाहर बड़ी संख्या में आरजेडी कार्यकर्ता मौजूद हैं। कार्यकर्ता कह रहे हैं कि उन्हें उम्मीद है कि 21 फरवरी को लालू यादव को राहत मिलेगी। कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्हें न्यायालय पर भरोसा है। लालू यादव गरीबों के मसीहा रहे हैं। उन्हें यदि सजा भी मिले तो कम से कम मिलनी चाहिए ताकि वे जल्द से जल्द बाहर आकर जनता की सेवा करें।
लालू यादव के वकील ने अदालत से लालू यादव की उम्र और खराब तबीयत को लेकर अर्जी दी थी। अधिवक्ता प्रभात कुमान ने कोर्ट में अर्जी देकर कहा था कि लालू प्रसाद यादव की तबीयत ठीक नहीं इसलिए जेल प्राधिकरण को निर्देश दिया जाए कि उन्हें रिम्स में शिफ्ट किया जाए। बचाव पक्ष के अधिवक्ता संजय कुमार ने बताया कि सीबीआई कोर्ट ने डोरंडा कोषागार निकासी मामले में 36 लोगों को तीन साल की सजा सुनाई है। लालू सहित 37 लोगों की सजा पर 21 फरवरी को फैसला आएगा। अदालत ने इस मामले में 24 लोगों को बरी कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि लालू यादव कई अलग-अलग तरह की बीमारियों से पीड़ित हैं। कोर्ट ने उनकी सेहत को देखते हुए निर्देश दिया है। सीबीआई कोर्ट से दोषी ठहराए जाने के बाद लालू यादव को सीधे होटवार जेल भेजा गया था। वहां डॉक्टरों के पैनल ने उनकी जांच की। डॉक्टरों की रिपोर्ट के आधार पर ही उन्हें होटवार जेल से रिम्स शिफ्ट किया गया है। लालू यादव सीबीआई कोर्ट से होटवार जेल पहुंचे या होटवार जेल से रिम्स, उनके तमाम समर्थक उनकी गाड़ियों के पीछे-पीछे वहां पहुंच गए।