सुबोध
किशनगंज । जिला में कैंसर रोगियों की पहचान के लिए नि:शुल्क कैंसर चिकित्सा एवं परामर्श शिविर का आयोजन किया जा रहा है । जिले के महेशबथना स्थित स्वास्थ्य केंद्र में गुरूवार को व्यक्ति का तीन तरह के कैंसर की जांच की गयी । सी एच ओ सिक्सिता सक्सेना ने बताया कि अगर समय से इसकी जांच की जाए तो आसानी से कैंसर को काफी हद तक कम कर सकते हैं। कार्यक्रम के तहत मुंह का कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और स्तन कैंसर के प्रारंभिक लक्षण की जांच की गयी। तीनों कैंसर का इलाज समय से शुरू होने पर राज्य में 70 प्रतिशत कैंसर मामलों को कम किया जा सकता है। वहीं उन्होंने बताया कि भोजन को शरीर में अवशोषित करने की प्रक्रिया में पाचनतंत्र का बड़ा योगदान है। यदि किन्हीं कारणों से पाचनतंत्र प्रभावित होता है तो भोजन का अवशोषण नहीं हो पाता। भोजन का अवशोषण नहीं होने से पेट की समस्या होने लगती है। इसका कारण सही खानपान नहीं होना है जो पाचनतंत्र को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। ऐसे में व्यक्ति नियमित तौर पर दस्त या कब्जियत की समस्या से जूझने लगता है। इन समस्याओं के साथ पेट में ऐंठन व दर्द रहता है। बाद में यह कोलोरेक्टल कैंसर यानि बड़ी आंत के कैंसर का रूप ले लेता है। कोलोरेक्टल कैंसर दुनिया भर में तीसरा सबसे अधिक होने वाला कैंसर है।
शिविल सजर्न डाॅ. कौशल किशोर बताया कि कोलोरेक्टल कैंसर के प्रति जागरूकता लाने के लिए एक मार्च से 31 मार्च तक राष्ट्रीय कोलोरेक्टल कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जा रहा है। बड़ीं आंत का कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है। इसकी शुरुआत बड़ी आंत की दीवार के सबसे भीतरी परत में छोटी सूजन से होती है।उन्होंने कहा कि बड़ी आंत के कैंसर के संभावित लक्षणों की पहचान कर पेट की जांच अवश्य करानी चाहिए। कोलोरेक्टल कैंसर के संभावित लक्षणों में मल त्याग की आदतों में परिवर्तन और लगातार दस्त रहना, कब्जियत रहना या पेट का पूरी तरह से साफ नहीं रहना आदि है। इसके अलावा व्यक्ति को हमेशा कमजोरी और थकान, भूख नहीं लगना, वजन कम होना, एनीमिया, पेट में दर्द या बेचैनी, मल में हमेशा खून आना, गैस्ट्रिक, पेट में ऐंठन व दर्द आदि की समस्या रहती है।

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