बिमल चक्रवर्ती
धनबाद: भारतीय वायु सेना में भर्ती होने के लिए अभ्यर्थी को योग्य होना चाहिए। वायु सेना में भर्ती के लिए हर मापदंड पर खरा उतरना चाहिए। परीक्षा की निगरानी कड़ाई से होती है। इसमें नौकरी दिलाने के लिए कोई बीचौलिया नहीं होता। छात्रों के बीच में यह संदेश स्पष्ट रूप से जाना चाहिए। उक्त बातें जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त संदीप सिंह ने आज समाहरणालय के सभागार में भारतीय वायु सेना की प्रचार और जागरूकता संगोष्ठी में उपस्थित जिले के विभिन्न सरकारी हाई स्कूल के प्रतिनिधियों से कहीं। उन्होंने कहा भारतीय वायु सेना की परीक्षा अब ऑनलाइन होती है। योग्यता के आधार पर अभ्यर्थियों का चयन किया जाता है। सभी सरकारी विद्यालयों के प्राचार्य छात्रों तक संगोष्ठी की जानकारी पहुंचाएं। जिससे धनबाद जिले के सर्वाधिक छात्र इसका लाभ उठा सके। संगोष्ठी आयोजित करने का यही उद्देश्य है। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए 10 एयरमैन सिलेक्शन सेंटर, बिहटा के कमांडिंग ऑफिसर विंग कमांडर ए प्रदीप रेड्डी ने कहा कि जज्बा और जुनून है तो कोई भी वायु सेना की फ्लाइंग ब्रांच में एयर फोर्स, हेलीकॉप्टर या ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के पायलट बन सकते हैं। भारतीय वायु सेना में शेड्यूल टेस्ट फॉर एयरमैन रिक्रूटमेंट (स्टार) के द्वारा ऑनलाइन परीक्षा साल में दो बार, हर छह माह के अंतराल पर, ली जाती है। ग्रुप एक्स के तकनीकी पद में इलेक्ट्रॉनिक्स फिटर, इलेक्ट्रिकल फिटर, मैकेनिकल सिस्टम्स फिटर, प्रोपल्शन फिटर, वर्कशॉप फिटर (स्मिथ), वर्कशॉप फिटर (मैकेनिकल), ऑटोमोबाइल फिटर, वेपन फिटर, स्ट्रक्चर फीटर। वहीं गैर तकनीकी के लिए शिक्षा अनुदेशक के पद पर भर्ती किया जाता है। ग्रुप वाई के गैर तकनीकी पद में एडम असिस्टेंट, अकाउंट असिस्टेंट, ऑफिस असिस्टेंट, इनवायर्नमेंटल सपोर्ट सर्विसेज असिस्टेंट, लॉजिस्टिक्स असिस्टेंट, ग्राउंड ट्रेंनिंग इंस्ट्रक्टर, भारतीय वायु सेना (पुलिस), भारतीय वायु सेना (सुरक्षा), मेडिकल असिस्टेंट, मैटरोलॉजिकल असिस्टेंट, संगीतकार। वहीं तकनीकी पद में ऑटोमोबाइल टेक्निशियन व कम्युनिकेशन टेक्नीशियन के पद पर भर्ती किया जाता है। परीक्षा के संबंध में बताया कि इसका शुल्क मात्र ₹250 है। भर्ती में किसी प्रकार का आरक्षण नहीं है। दसवीं पास छात्रों के लिए भी वायु सेना में जॉब की संभावना है। परीक्षा में सीबीएसई सिलेबस का अनुपालन किया जाता है। यदि कोई व्यक्ति चश्मा लगाता है तब भी वह परीक्षा दे सकता है। अभ्यर्थी के सर्टिफिकेट में किसी प्रकार की त्रुटि नहीं होनी चाहिए। परीक्षा के लिए आधार नंबर अनिवार्य है। शरीर पर एक भी टैटू नहीं होना चाहिए। ग्रुप डिस्कशन में आत्मविश्वास के साथ शामिल होना चाहिए। शारीरिक क्षमता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सामान्य चयन में 6 मिनट 30 सेकंड में 1.6 किलोमीटर तथा गरुड़ कमांडो के लिए 5 मिनट 30 सेकंड में 1.6 किलोमीटर की दौड़ लगाना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि परीक्षा के बाद सर्विस सिलेक्शन बोर्ड द्वारा अभ्यर्थी का साधारण साक्षात्कार लिया जाता है। साक्षात्कार का कोई सिलेबस नहीं है। इसलिए अभ्यर्थी को भयभीत होने की और साक्षात्कार के लिए कोचिंग लेने की आवश्यकता नहीं है। एयर फोर्स पायलट बनने के लिए केवल एक बार कंप्यूटराइज पायलेट्स सिलेक्शन सिस्टम (सीपीएसएस) में परीक्षा ली जाती है। फेल होने पर अभ्यर्थी को दूसरा अवसर प्रदान नहीं किया जाता। बताया कि कमांडो फोर्स गरूड़ में झारखंड के बच्चों का अच्छा योगदान है। संगोष्ठी में उपायुक्त संदीप सिंह, विशेष कार्य पदाधिकारी सुशांत मुखर्जी, जिला शिक्षा अधीक्षक इंद्र भूषण सिंह, जिला शिक्षा पदाधिकारी श्रीमती प्रबला खेस, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी ईशा खंडेलवाल, जिला नियोजन पदाधिकारी धनंजय कुमार, विंग कमांडर ए प्रदीप रेड्डी, सार्जेंट राकेश मालगोत्रा, कॉरपोरल एचएस तोमर तथा सभी सरकारी हाई स्कूल के प्रतिनिधि उपस्थित थे।