8463 पैक्स कार्य कर रहे किसानों की उपज को सीधे खरीदकर मार्केट तक पहुंचाने का कार्य 

विजय शंकर

पटना : पटना जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता और पूर्व विधान पार्षद प्रो0 रणबीर नंदन ने कहा कि प्रदेश के किसान हमेशा से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की रणनीति का हिस्सा रहे हैं। उनके जीवन में सुधार लाने के लिए मुख्यमंत्री ने शुरुआती दिनों से ही कार्य किया। प्रदेश में 77 फीसदी आबादी खेती-किसानी पर ही आश्रित है। राज्य के घरेलू उत्पाद का करीब 24 फीसदी भाग कृषि से ही आता है। ऐसे में मुख्यमंत्री उनकी चिंता करते हैं। प्रदेश में सीमांत किसानों की संख्या 91 फीसदी से अधिक है। ऐसे किसानों के पास छोटी-छोटी जमीन के टुकड़े हैं। उस जमीन पर होने वाले उपज को एक बेहतर मार्केट मिल सके, इसमें पैक्स की भूमिका का निर्धारण कर मुख्यमंत्री ने प्रदेश में किसानों की प्रगति के मार्ग खोले हैं।

प्रो0 नंदन ने कहा कि प्रदेश में अभी 8463 पैक्स कार्य कर रहे हैं। इसके जरिए किसानों की उपज को सीधे खरीदकर मार्केट तक पहुंचाने का कार्य होता है। इसके अलावा किसानों की छोटी-मोटी जरूरतों को भी इसके माध्यम से पूरा कराया जा रहा है। वर्ष 2005 में जब माननीय मुख्यमंत्री ने सत्ता संभाली थी तो पैक्स सफेद हाथी की तरह था। बाजार समिति किसानों पर कंट्रोल करते थे। उस चंगुल से निकाल कर किसानों के घर तक पैक्स को पहुंचाने में सरकार ने सफलता हासिल की है। यह मुख्यमंत्री के प्रयासों का ही नतीजा है कि पैक्सों के चुनाव समय पर हो रहे हैं और किसान अपना प्रतिनिधि चुन रही है। इससे किसानों के हाथ में कई अधिकार आए हैं।
प्रो0 नंदन ने कहा कि पैक्स पोर्टिबिलिटी सिस्टम ने भी अब किसानों को एक बड़ा हथियार दे दिया है। अगर किसी पैक्स ने अपने इलाके के किसानों से भेदभाव किया तो वे दूसरे पैक्स में अपनी फसल बेच सकते हैं। आप देख लीजिए वर्ष 2021-22 में 6.39 लाख किसानों से 44.77 लाख टन धान की खरीद पैक्सों के माध्यम से की गई। इसमें से 58,861 किसानों ने पोर्टिबिलिटी के तहत 4,45,364 टन धान बेचा। इस प्रकार करीब 8 फीसदी किसानों ने 10 फीसदी धान पोर्टिबिलिटी के तहत बेचा।

प्रो0 नंदन ने कहा कि पैक्स किसानों की संस्था है, लेकिन अगर कोई अध्यक्ष किसी भी कारण से किसानों के हित की अनदेखी करेगा तो उसके लिए पोर्टिबिलिटी योजना एक सबक के रूप में सामने है। राज्य सरकार ने काफी विचार के बाद वर्ष 2021 में रबी फसल की खरीद के समय इस योजना को लागू किया। इसका लाभ अब किसान उठाने लगे हैं। इससे साफ है कि अगर किसानों को किसी प्रकार की परेशानी देने की कोशिश सिस्टम के किसी भी हिस्से से की गई तो उनके खिलाफ सरकार की कार्रवाई में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। सीएम नीतीश कुमार का यह स्पष्ट संदेश है।

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