बलराम कुमार
सुपौल । सुपौल जिला के त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय मुख्यालय अंतर्गत पिलवहा पंचायत के लक्ष्मानिया स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय लक्ष्मानिया हिंदी विद्यालय में सरकारी आदेश का पालन नहीं करने का मामला सामने आया है ।
एक तरफ सरकार ने आदेश जारी कर दिया है कि सभी विद्यालय में बच्चों का MDM, के तहत भोजन मिलना चाहिए। लेकिन कुछ विद्यालय में सरकारी आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है।
विद्यालय के प्रधानाचार्य ने बताया कि सरकार बच्चों के लिए भोजन का जिस तरह से प्रावधान किया है, उसमें नहीं हो पा रहा है।
क्योंकि कोई भी किराना दुकानदार, फल दुकानदार, अंडा दुकानदार, महीनों के लिए उधारी देने को तैयार नहीं है। जिस कारण बच्चों का भोजन बंद है।
साथ हीं फल दुकानदार, सब्जी दुकानदार,अंडा दुकानदार, किसी के पास जीएसटी बिल नहीं है। क्योंकि छोटे दुकानदार कहां से जीएसटी बिल बनाएंगें।
उन्होंने बताया कि इस मंहगाई के दौर में पुराना सरकारी शुल्क जो तय किया है उस पर कैसे हो सकता है। देश जानती है की सरसों तेल -180-रुपए प्रति लीटर मिलता है लेकिन -110-रुपए प्रति लीटर चाट चल रहा है।
सब्जी रेट -20-रुपए किलो जारी है।
लेकिन महगाई के दौर में नहीं हो पाता है। साथ हीं विद्यालय में चावल भी नहीं है।
वहीं एक शिक्षिका ने बताया की विद्यालय में भोजन नहीं मिलने से बच्चे कम आ रहे हैं। भोजन मिलता तो बच्चों की जनसंख्या ज्यादा रहती।
सरकारी आदेश को कई दिन बीत जाने के बाद भी बच्चों को फल, अंडा, या भोजन नहीं मिल रहा है। एक तरफ सरकार शिक्षा के नाम पर लाख दावा करती है की मुफ्त शिक्षा, मुफ्त भोजन, दे रहे हैं। शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए करोड़ों अरबों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन धरातल पर तो नजर हीं नहीं आ रहा है। हालांकि कूछ विद्यालय में बच्चों को भोजन देना शुरू कर दिया गया है। लेकिन कुछ विद्यालय में बच्चे अभी भी भूखे रह रहे हैं। जिस कारण विद्यालय में बच्चों की भी कमी देखी जा रही है।