बंगाल ब्यूरो 

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में बीरभूम जिला अंतर्गत रामपुरहाट में तृणमूल कांग्रेस के एक नेता भादू शेख की हत्या के बाद पूरे गांव को आग लगा दी गई है। घटना बकटुई गांव की है। पुलिस सूत्रों ने बताया है कि 10 से अधिक शव बरामद किए जा चुके हैं जबकि 30 से अधिक लोग झुलसने की वजह से अस्पताल में भर्ती हैं। अब तक का सबसे बड़ा नरसंहार माना जा रहा है ।

यहां के सोमवार रात भादू शेख पर किसी ने बम से हमले किए थे जिसकी वजह से घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई थी। उसके बाद देर रात को ही पूरे गांव में आग लगा दी गई। जिस तृणमूल नेता की हत्या की गई थी वह गांव के उपप्रधान थे। आरोप है कि गांव की एक दुकान में बैठकर जब वह चाय पी रहे थे तभी उनपर बम मार दिया गया जिसकी वजह से घटनास्थल पर ही उनकी मौत हुई है। आरोप है कि घटना के बाद बाइक सवार अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने जमकर तोड़फोड़ शुरू कर दी और घरों में आग लगाई। रात भर आगजनी और तोड़फोड़ होती रही है जिसमें कम से कम 10 लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी है। आरोप है कि शेख की हत्या का बदला लेने के लिए ही पूरे गांव में आग लगाई गई है। हालांकि पुलिस ने इस बारे में कुछ भी स्पष्ट तौर पर नहीं बताया है।

ममता ने पार्टी नेताओं को दिए घटनास्थल पर जाने के निर्देश
 इधर घटना के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को घटनास्थल पर जाने के निर्देश दिए हैं। रामपुरहाट से विधायक आशीष बनर्जी, लाभपुर से विधायक अभिजीत सिंह और राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम को मौके पर पहुंचने को कहा गया है जो घटना स्थल के लिए रवाना हो गए हैं। 

 बीरभूम के जिला पुलिस अधीक्षक नगेंद्र नाथ त्रिपाठी मौके पर जाकर जाँच पड़ताल और कार्रवाई की हैं। उन्होंने बताया कि मंगलवार को सात शव बरामद किए गए हैं। आग कैसे लगी, इसकी जांच के लिए फॉरेंसिक टीम को घटनास्थल पर बुलाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि सोमवार की रात गांव के उप प्रधान की हत्या से आगजनी की घटना का कोई संबंध है या नहीं इस बारे में भी जांच हो रही है। हालांकि स्थानीय सूत्रों ने बताया है कि घटना के बाद गांव के अधिकतर लोग घर छोड़कर फरार हो गए हैं। आग बुझाने पहुंचे अग्निशमन कर्मियों ने मंगलवार सुबह बताया था कि सोमवार रात तीन शव बरामद किए गए थे जबकि मंगलवार को सात शव बरामद किए गए हैं।

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