सिविल सर्जन ने कहा कि गर्मी की शुरुआत के साथ ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ने लगता और आमजन मच्छरजनित रोगों के शिकार होने लगते हैं। मलेरिया, चिकनगुनिया के साथ डेंगू के मामले सामने आने लगते हैं। डेंगू मच्छरों से होने वाला एक खतरनाक बीमारी है। डेंगू एडीज एजिप्टी नामक संक्रमित मादा मच्छर के काटने से होता है। डेंगू बुखार बहुत ही घातक होता और इसका सही समय पर पहचान व इलाज नहीं होने से रोगी की मौत तक हो सकती है।
जिला वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने कहा कि मलेरिया प्लाजमोडियम नामक परजीवी से संक्रमित मादा एनोफिलिज मच्छर के काटने से होता है। मलेरिया एक प्रकार का बुखार है जो किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है। इसमें कपकपी के साथ 103 से लेकर 105 डिग्री तक बुखार होता है। कुछ घंटों के बाद पसीने के साथ बुखार उतर जाता है, लेकिन बुखार आते-जाते रहता है। उन्होंने कहा कि फेलसीपेरम मलेरिया (दिमारी मलेरिया) की अवस्था में तेज बुखार होता है। खून की कमी हो जाती है। बुखार दिमाग पर चढ़ जाता है। फेफड़े में सूजन हो जाती है। पीलिया एवं गुर्दे की खराबी फेलसीपेरम मलेरिया की मुख्य पहचान है। उन्होंने कहा कि बचाव संबधित विषय को लेकर लोगों में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर जिले में चलायी जाएगी