बंगाल ब्यूरो
कोलकाता। भाजपा सांसद अर्जुन सिंह, जो अब तक केंद्र की जूट नीतियों की आलोचना कर रहे थे, ने अब एक बार फिर बागी तेवर अख्तियार कर लिया है। रविवार को उन्होंने प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पर हमला बोलते हुए कहा है कि पार्टी में उपाध्यक्ष होने के बावजूद उन्हें काम नहीं करने दिया जा रहा जबकि जिनका जनाधार ही नहीं है वे पार्टी पर कब्जा जमा कर बैठे हैं। रविवार को सिंह ने उत्तर 24 परगना के भाटपाड़ा स्थित अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा कि जमीन से जुड़े कार्यकर्ता भी काम नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेता उनकी राह में मुश्किलें खड़ी करते हैं।
अर्जुन सिंह ने ‘ सोशल मीडिया पर ट्वीट पोस्ट करके कहा, हम पश्चिम बंगाल में तृणमूल को सत्ता से बेदखल नहीं कर सकते। जिनका कोई जनाधार नहीं है, वह पार्टी चला रहे हैं और जिनका आंदोलन का इतिहास रहा है अथवा बड़े पैमाने पर जनसमर्थन है उन्हें दरकिनार किया जाता है। ऐसे में भाजपा बंगाल में अपने लक्ष्य को कैसे हासिल करेगी?
2019 में ममता बनर्जी की पार्टी को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए बैरकपुर से सांसद अर्जुन सिंह ने कहा कि प्रदेश उपाध्यक्ष बावजूद मेरे हाथ बांध दिए गए हैं। हालांकि प्रदेश भाजपा की वरिष्ठ नेता और आसनसोल दक्षिण के विधायक अग्निमित्र पॉल ने कहा कि अर्जुन सिंह के दावे में कोई सच्चाई नहीं है। उन्हें काम करने का बहुत सारा मौका और खुली छूट दी गई है। ऐसा क्यों कह रहे हैं यह समझ से परे है।
इधर अर्जुन सिंह के इस बयान के बाद इन अटकलों को और बल मिला है कि वह भाजपा छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल होना चाहते हैं। रविवार को उनके बयान को लेकर जह जगदल से तृणमूल विधायक सोमनाथ श्याम से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अर्जुन सिंह क्या कहते हैं यह मायने नहीं रखता क्योंकि वह अभी भी भाजपा में हैं और विश्वस्त बिल्कुल नहीं हैं।