बिमल चक्रवर्ती
धनबाद: बीसीसीएल में क्लर्क ग्रेड के नियमित करने एवं रिक्त पदों को भरने के लिए कंपनी के कर्मियों को विभागीय आयोजित परीक्षा ली गई थी , जो न्यूनतम अंक 40% निर्धारित किया गया था, यानी परीक्षा में बैठे लगभग 75%कोल कर्मी को पास मार्क्स नहीं है। जिससे हजारों कोल कर्मी को परिक्षा परिणाम से वंचित रहने की संभावना है। भारतीय मजदूर संघ से संबंध धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ के महामंत्री सह केंद्रीय सलाहकार समिति के सदस्य रामधारी ने कहा कि बीसीसीएल के अंतर्गत सभी क्षेत्रों में हजारों क्लर्क की पद रिक्त पड़ा है। कोल इंडिया से नई बहाली होने वाली नहीं है ? कंपनी के सेहत उत्पादन को देखते हुए सुचारू रूप से चलाने के लिए रिक्त पदों को भरना भी आवश्यक है। उन्होंने बताया कि क्लर्क में कार्य कराने का अधिकार महाप्रबंधक को नहीं है कार्मिक निर्देशक से स्वीकृति लेनी पड़ती है, कार्मिक निर्देशक स्वीकृति देते नहीं है, जिससे कंपनी के सभी क्षेत्रों में महाप्रबंधक, प्रबंधक चुपाचोरी जेनरल मजदूर या अन्य पदो की कोल कर्मी से कार्य कराने को मजबूर है। कोयला भवन मुख्यालय, सभी क्षेत्रों, कोलियरियों में महाप्रबंधक, परियोजना पदाधिकारी, प्रबंधक को कार्य करने कराने में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, जिससे ट्रिपमैन, डंपमैन जैसे रिक्त पदों को नहीं भरने से सीधे उत्पादन पर असर पड़ रहा है। और आउटसोर्सिंग के मालिकों द्वारा कोयले ओबी की ओभर रिपोर्टिंग की जा रही है, जिससे कंपनी को भारी क्षति उठानी पड़ रही है।
रामधारी ने बताया कि क्लर्क की उक्त परीक्षा में कोल इंडिया बीसीसीएल कोल कंपनी से संबंधित परीक्षा में विशेष रूप पूछे जाने चाहिए थी। लेकिन यूपीएससी और जेपीएसी की तरह प्रश्न पुछ कर लगभग 75% कोल कर्मी को परीक्षा के परिणाम से वंचित कर उच्च प्रबंधन अपनी पीठ थपथपा रही है। माने की जैसे एक बहुत बड़ी जंग जीत गए है। रिक्त पदों को नहीं भरने से उत्पादन के साथ-साथ कंपनी की सेहद पर भी बड़ा असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि रिक्त पदों को भरने से ही कंपनी का विकास संभव है। रामधारी ने कार्मिक निर्देशक को पत्र लिखकर कहा कि परीक्षा का एक फेज का परिणाम निकला है, अब रिक्त पदों को देखते हुए 2 से 3 फेज में परीक्षा का परिणाम निकाल कर रिक्त पदों को भरा जाय एवं वर्षों से क्लर्क में कार्य कर रहे कोल कर्मी को भी नियमितीकरण किया जाए।