सुभाष निगम

नयी दिल्ली : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज विपक्षी दलों की एकता की मुहिम में भाकपा माले कार्यालय दिल्ली पहुंचे और माले महासचिव से अपने अनुभवों को शेयर किए।भाकपा माले देश की एकता,संविधान और लोकतंत्र के लिये मौजूदा फासीवादी निज़ाम को सबसे बड़ा खतरा समझती है।भाकपा माले के मानसा राष्ट्रीय अधिवेशन2018 से इस तरह का प्रस्ताव लिया गया और इस तरह का यह पहला प्रस्ताव किसी राजनीतिक दल की ओर से आया था।परिस्थिति का विकास और सत्ता का फासीवादी आचरण ने इसे पुष्ट किया।पिछले 5जून को पटना के बापू सभागार में सम्पूर्ण क्रांति दिवस पर महागठबंधन का महासम्मेलन हुआ था जिसमें उन्होंने नीतीश कुमार से भाजपा छोड़ने की जरूरत पर बल दिया है।बिहार लोकतंत्र की प्रहरी रही है।बिहार के राजनीतिक विकास क्रम ने पूरे देश में उम्मीद जगाई है।जो बात निकली है वो दूर तलक जाएगी।फासीवाद का नाश होगा और भारतीय लोकतंत्र एकबार फिर दुनिया के आकाश में चमकदार उपस्थिति दर्ज करेगी।

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