पहले चरण के चुनाव में दांव पर लगी है सरकार के आठ मंत्रियों की किश्मत , 16 जिले की 71 सीटों पर 1064 प्रत्याशी का फैसला करेंगे 2.14 करोड़ वोटर,
54 सीटों पर सीधा मुकाबला महागठबंधन व भाजपा-जदयू गठबंधन से , 17 सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला संभावित

विजय शंकर
पहले चरण में होने वाले बिहार की 71 सीटों पर विधानसभा चुनाव को लेकर आज शाम 5:00 बजे चुनाव प्रचार का दौर समाप्त हो गया । अब 28 अक्टूबर को सभी 71 सीटों पर वोटिंग होगी । इन सीटों के लिए कुल 1064 प्रत्याशी मैदान में है जिसमें आठ मंत्रियों की किस्मत का फैसला भी पहले चरण के चुनाव में होना है । पहले चरण के चुनाव में जिन आठ मंत्रियों के भाग्य का फ़ैसला होना है उनमें शैलेश कुमार, जय कुमार सिंह, संतोष कुमार निराला, रामनारायण मंडल, विजय कुमार सिन्हा, ब्रज किशोर बिंद, कृषि मंत्री प्रेम कुमार और शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा शामिल है । इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री जीता राम मांझी, श्रेया सिंह और विधायक अनंत सिंह की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है । जिन 71 विधानसभा सीटों पर पहले चरण में 28 अक्टूबर को वोटिंग होनी है उनमें 16 जिलों में चुनाव होना है जिसमें 2.14 करोड़ वोटर वोट डालेंगे । एक सर्वेक्षण के अनुसार 71 सीटों में से 54 सीटों पर सीधा मुकाबला संभावित है और महागठबंधन के उम्मीदवार के साथ भाजपा-जदयू गठबंधन के उम्मीदवार सीधे-सीधे संघर्ष में है जबकि 17 सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला संभावित है ।
कोरोना के निर्देश दिखे हवा -हवाई , बूथों पर होगा क्या ?
पहले चरण के चुनाव में इस बार कोरोना महामारी के कारण व्यवस्था काफी बदली नजर आएगी और बूथों पर भी पीपी किट, सेंसटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का निर्देश चुनाव आयोग ने दे रखा है । मगर उसका पालन कितना होता है इसका पता 28 अक्टूबर को ही चल पाएगा क्योंकि चुनावी सभाओं में कहीं भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नजर नहीं आया । चाहे वह चुनावी सभा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हो या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की या फिर किसी बड़े नेता की, हर चुनावी सभाओं में कोरोना वायरस का खौफ नजर नहीं आया और नहीं कोई सावधानी बरती गई । चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार सबसे अंत में कोरोना संक्रमित लोगों के वोट डलवाने की व्यवस्था की गई है जिसमें मतदान कर्मी पूरी तरह सचेत और सुरक्षित रखे जाने की कवायद भी की जाएगी ।
आकाशीय मार्ग से भी होगी बूथों की निगरानी
इस चुनाव में व्यवस्था भी की गई है कि चुनाव आयोग न सिर्फ जमीनी तौर पर बूथों की निगरानी करें बल्कि आकाशीय मार्ग से भी बूथों की निगरानी की जाएगी । इसके लिए बिहार सरकार ने चुनाव आयोग को एक बड़ा सा हेलीकॉप्टर उपलब्ध करा दिया है । 10 सीटों वाले इस हेलीकाफ्टर में चुनाव आयोग के 8 अधिकारी रहेंगे और दो चालक दल के सदस्य होंगे । इस चुनाव में अब देखना यह कि कितने निर्देश चुनाव आयोग के माने जाते हैं और पालन किए जाते हैं , क्योंकि अब तक चुनाव आयोग के निर्देशों की चुनावी सभाओं में धज्जियां ही उड़ाई गई है और चुनाव आयोग मौन रहकर सब कुछ देखता रहा है और किसी भी दल पर आयोग के दिशा निर्देशों के खिलाफ ऐसी कोई गंभीर कार्रवाई नहीं की गयी है ।
ब्यौरा 71 विधानसभ सीटों का जहाँ होना है चुनाव
28 अक्टूबर को 16 जिलों में जहां चुनाव होना है उसमें भागलपुर जिले की 2 सीटें भागलपुर और कहलगांव; बांका जिले की 5 सीटें जिसमें अमरपुर, बांका, कटोरिया (सुरक्षित), बेलहर और धोरैया; मुंगेर जिले की 3 सीटें तारापुर, मुंगेर और जमालपुर, लखीसराय जिले की 2 सीटें सूर्यगढ़ा और लखीसराय, शेखपुरा जिले की 2 सीटें शेखपुरा और बरबीघा, पटना जिले की 5 सीटें मोकामा, बाढ़, मसौढ़ी, पालीगंज और विक्रम; भोजपुर जिले की 7 सीटें संदेश, बड़हरा , आरा, जगदीशपुर और शाहपुर; बक्सर जिले की 4 सीटें ब्रह्मपुर, बक्सर, डुमराव और राजपुर ; कैमूर जिले की 4 सीटें रामगढ़, मोहनिया, भभुआ और चैनपुर; रोहतास जिले की 7 सीटें चेनारी, सासाराम, करगहर, दिनारा ,नोखा ,डेहरी, काराकाट; अरवल जिले की 2 सीट अरवल और कुर्था; जहानाबाद जिले की तीन सीटें जहानाबाद, घोसी और मखदुमपुर; औरंगाबाद जिले की 5 सीटें गोह, ओबरा, नवीनगर, कुटुंबा, औरंगाबाद और रफीगंज; गया जिले की 10 सीटें गुरुवा, शेरघाटी, इमामगंज, बाराचट्टी, बोधगया, गया टाउन, टिकारी, बेलागंज, अतरी और वजीरगंज; नवादा जिले की 5 सीटें रजौली, हिसुआ, नवादा, गोविंदपुर, और वारसलीगंज, जमुई जिले की 4 सीटें सिकंदरा, जमुई, झाझा और चकाई में चुनाव होना है।

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