नवराष्ट्र मीडिया नेशनल ब्यूरो
नई दिल्लीः राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 12 बंगलादेशी नागरिकों के खिलाफ मानव तस्करी के आरोप में आरोप-पत्र दाखिल किया है। मामले में आरोप है कि ये घुसपैठ व भारत-बंगलादेश बोर्डर से मानव भारी मात्रा में मानव तस्करी को अंजाम दे रहे थे।
मानव तस्करी में शामिल इन आरोपियों की पहचान मोहम्मद फिदौस बपारी, मोहम्मद ओली उल्लाह, अमोल दास, मसूद सरदर, मोहम्मद सोहाग गाजी, सुमन शेक, एसके मोहम्मद बिलाल, मोहम्मद मिराजुल इस्लाम, जाकिर खान, मोहम्मद बादल हॉलदार, मोहम्मद कबीर तालुकदार, घरामी मोहम्मद बशीर होसेन व साउदी जाकिर के रूप में हुई है। इन लोगों ने भारत में गैरकानूनी तरीके से प्रवेश किया क्योंकि इनके पास प्रवेश के लिए कोई दस्तावेज नहीं थे। इसके लिए उन्होंने फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया।
एनआईए के अनुसंधान में यह भी जानकारी मिली कि इन्होंने पश्चिम बंगाल के बेनापोले व जाशोर व त्रिपुरा के अखौरा स्थित सीमा से सीमा के दोनों तरफ सक्रिय दलालों के माध्यम से भारत में घुसे थे। फिर इनमें से आठ लोगों ने अन्य बंगलादेशी नागरिकों के अवैध तरीके से भारत में मानव तस्करी के जरिये लाने लगे। ऐसे 22 पीड़ितों की भी पहचान की गई है जिन्हें उक्त 12 आरोपियों ने काम व बेहतर जिंदगी जीने का प्रलोभन देकर भारत में अवैध तरीके से प्रवेश दिलवाए गए।
पीडितों ने दलालों को इसके लिए अच्छी खासी रकम की अदायगी की और फिर दलालों ने उन्हें बेंगलुरू जाने को कहा। वे शहर के दक्षिणी भाग में बने अलग-थलग गुदाम में रह रहे थे और उनसे जोर-जबरदश्ती काम लिया जाने लगा। कुछ लोग जो इसका विरोध करने लगे उन्हें जेल भेजने का डर दिखाया जाने लगा।