विजय शंकर
पटना । पूर्व उपमुख्यमंत्री व सांसद सुशील कुमार मोदी भाजपा चुनाव प्रकोष्ठ की ओर से पंचायत चुनाव के मद्देनजर आयोजित कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस बात का व्यापक प्रचार-प्रचार होना चाहिए कि बिहार में 23 वर्षों तक पंचायत चुनाव नहीं कराने और 2001 में जब चुनाव कराया तो एससी, एसटी को एकल पदों पर आरक्षण जो उनका संवैधानिक अधिकार था नहीं देकर उनकी हकमारी करने का जिम्मेवार राजद-कांग्रेस रही है।
श्री मोदी ने कहा कि 2006 में जब एनडीए की सरकार ने बिहार में पंचायत चुनाव कराया तो संविधान के अनुरूप न केवल एससी, एसटी को एकल पदों पर 17 प्रतिशत बल्कि अतिपिछड़ों को 20 प्रतिशत और सभी वर्ग की महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया।
उन्होंने ईवीएम के माध्यम से पंचायत चुनाव कराने के राज्य सरकार के निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि इससे निचले स्तर पर चुनाव में होने वाली गड़बड़ियों पर कारगर रोक लगेगी। इसके साथ ही अंचलाधिकारी की जगह राजस्व अधिकारी को आय, जाति व क्रीमी लेयर आदि के प्रमाणपत्र जारी करने के अधिकार दिए जाने का राज्य सरकार का फैसला भी सराहनीय है, क्योंकि एससी, एसटी और ओबीसी के 37 प्रतिशत पद आरक्षित रहने के कारण बड़ी संख्या में उम्मीदवारों को विभिन्न तरह के प्रमाणपत्र बनवाने में इससे सहूलियत होगी।
इस तरह की कार्यशाला जिला स्तर पर आयोजित हो ताकि उम्मीदवारों को नामांकन, शपथ पत्र व सम्पति की धोषणा आदि के दस्तावेज तैयार करने के तरीके बताया जा सके। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे बड़ी संख्या में पंचायत चुनाव में भाग लें और जीत दर्ज कर पंचायती राज व्यवस्था को एक नई दिशा दें।