विजय शंकर
पटना । बिहार विद्युत विनियामक आयोग (BERC) ने बिहार वितरण कंपनियाँ (NBPDCL & SBPDCL) का वर्ष 2021-22 का बिजली दर निर्धारण करने का आदेश पारित किया है जो 1 अप्रैल 2021 से पूरे बिहार में लागू हो जाएगा। बिहार इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन (बीआईए) के अध्यक्ष राम लाल खेतान ने इस आदेश का औद्योगिक एवं वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के लिए निराशाजनक बताया है। पिछले साल के तुलना में इस साल वाणिज्यिक उपभोक्ताओं की दरों में 5 से 10 पैसे की वृद्धि कर दी गइ है जबकि औद्योगिक उपभोक्ताओं में कोई कमी नहीं की गई है। इसके पहले की गई जनसुनवाई में मुजफ्फरपुर, गया एवं पटना में बीआईए एवं इसके कई सदस्यों ने अनुरोध किया था कि बिहार में औद्योगिकरण एवं वाणिज्यिकरण को तीव्र गति देने के लिए यह नितान्त आवश्यक है कि विद्युत की वर्तमान औद्योगिक दरों में काफी कमी करने की आवश्यकता है। विद्युत कंपनियों द्वारा जमा की गई Balance Sheet से भी यह पता चलता है कि वाणिज्यिक एवं औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए आपूर्ति की औसत लागत 7.50 per unit ही है जबकि उनकी वर्तमान विद्युत दर 9.50 पैसे है। इस तरह आज के दिन भी वाणिज्यिक एवं औद्योगिक उपभोक्ताओं पर करीब 2.00 रुपये प्रति यूनिट की cross subsidy लागू है जिस भार को आज के प्रतियोगिता के युग में उन्हें वहन करना संभव नहीं है।
इसके अलावा बीआईए के उपाध्यक्ष संजय भरतिया ने बताया कि जनसुनवाई के दौरान बीआईए ने एक विस्तृत सुझाव दिया था जिसका मुख्य बिन्दु था कि अभी बिहार की विद्युत वितरण कंपनियाँ एक बहुत बड़ी रकम fixed charge के रूप में दे रही है जिससे विद्युत खरीद दर बहुत अधिक हो जाती है। इसलिए ये उनके हित में है कि बिहार में बिजली की खपत बढ़ाई जाय ताकि औसत विद्युत खरीद दर कम हो सके। अगर वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं पर लगाई गई Cross subsidy को हटा कर उनकी विद्युत दर 2.00 रुपये प्रति यूनिट कम कर दी जाती तो बिहार में औद्योगिकरण को नई गति मिलती एवं विद्युत कंपनियों को बढ़ी हुई ऊर्जा खपत का फायदा मिलता। बिहार में वर्तमान सरकार उद्योगो को बढ़ाने के लिए बहुत प्रयत्नशील है। क्योंकि वाणिज्यिकरण एवं औद्योगिकरण से ही बिहार में रोजगार उत्पन्न किया जा सकता है एवं अन्य राज्यों में हो रहे पलायन को रोका जा सकता है। क्योंकि इस नये विद्युत दर में कोई कमी नहीं की गई है इसलिए बीआईए ने इसे पूर्णतः निराशाजनक बताया है।

बीआईए के महासचिव श्री आशीष रोहतगी ने बताया कि वर्तमान में बिहार सरकार औद्योगिक उपभोक्ताओं को छोड़कर बाकि सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट बिजली अनुदान देती है। बीआईए ने अनेको बार बिहार सरकार का ध्यान इस विषय पर आकर्षित किया है। क्योंकि वर्तमान में बिहार में औद्योगिकरण की अत्यन्त आवश्यकता है इसलिए बीआईए एक बार सरकार से अन्य विद्युत उपभोक्ताओं की भांति औद्योगिक उपभोक्ताओं को 2.00 रुपये प्रति यूनिट कम किया जाये । अन्त में बीआईए ने आज जारी किये गये बिहार विद्युत विनियामक आयोग के टैरिफ आदेश को अत्यन्त निराशाजनक बताते हुए बिहार सरकार से वाणिज्यिक एवं औद्योगिकरण उपभोक्ताओं को 2.00 रुपये प्रति यूनिट विद्युत अनुदान देने की पुरजोर मांग की है।

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